सुमन एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी थी। उसके दो भाई राम, श्याम थे। सुमन के मम्मी पापा ट्रेन दुर्घटना में गुजर गए थे। दोनो भाइयों ने मिल के सुमन को पढ़ाया लिखाया ।सुमन पच्चीस साल की हो गई थी ।राम दिन रात सोचता की किसी अच्छे घर में सुमन की शादी हो जाए ।
राम प्राइवेट स्कूल में अध्यापक था।श्याम अभी बीस साल का था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण वो भी बच्चों को ट्यूशन पढ़ा के कुछ पैसे कमा लेता था । दोनो भाई सुमन को कोई कमी नहीं होने देते थे। सुमन देखने में बहुत ही सुंदर थी । एक दिन सुमन को अपने भाई राम से कुछ जरुरी काम था तो सुमन अपने भाई राम के स्कूल चली गई उस से, मिलने ।उस स्कूल के प्रधानाचार्य ने जैसे ही सुमन को देखा, अपने ऑफिस में बुलाया और कुछ देर तक बात किया ।सुमन का बात व्यवहार बहुत अच्छा लगा उनको।
फिर सुमन अपने भाई राम से मिल वहां से चली गई । राम से प्रधानाचार्य जी ने बोला राम अगर तुमको ठीक लगे तो मैं तुम्हारे बहन की शादी अपने बेटे रोहन से कराना चाहता हूं.
। राम की खुशी का ठिकाना ना रहा ।उसने बोला सर ये तो मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात होगी । लेकिन सर आप तो मेरे हालात जानते ही है । ऐसे में आपके घर शादी करने के बारे में मै सोच भी नहीं सकता । राम तुम ये सब नहीं सोचो । मै सब देख लूंगा ।
फिर क्या था । सुमन की शादी हो गई । सुमन अपने ससुराल आ गई । सुमन बहुत खुश थी । बड़ा घर ,नौकर चाकर,सारी सुख सुविधा ।रोहन सुमन का बहुत ध्यान रखता था। सुमन अपने सुख सुविधाओ में इतनी मगन हो गई की अपने भाइयों को मानो भूल ही गई हो। राम का कॉल आया ,बोला सुमन कैसी हो तुम? भईया मै बहुत बहुत खुश हूं,मेरा घर बहुत बहुत बड़ा है, यहां बहुत बड़ी गाड़ी है, भईया मेरे घर आना तुम , आपको अपना पूरा घर दिखाऊंगी। राम ने बोला ठीक है जरूर आऊंगा। राम मन, ही मन सोचने लगा,सुमन ने एक बार भी हमारा हाल चाल तक नहीं पूछा ,सुमन को” पैसों का गुरुर” हो गया है ।
राम से फोन श्याम ने ले लिया। और बोला दीदी मै आऊंगा तुम्हारे घर ,हा आना मै तो महलों की रानी बन गई हूं।आना अपनी दीदी को देख के दंग रह जाएगा तू। ठीक है दीदी । शादी की भाग दौड़ में राम ने अपनी दवाइयां नहीं खाया था टाइम से ।इस कारण
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राम की अचानक तबियत खराब हो गई । श्याम डॉक्टर के पास ले गया । डॉक्टर ने बोला शुगर बीपी थोड़ा बढ़ गया है, एक दो दिन एडमिट हो जायेगे तो ठीक हो जाएगा। श्याम ने अपनी दीदी को फोन कर बताया । की राम भईया की तबियत खराब है , आपको बहुत याद कर रहे है ,आप आ जाओ।
सुमन ने बोला ठीक है ,। सुमन सोचने लगी , की कही श्याम पैसे तो नहीं मांगेगा,? आखिर भाई ने मेरी शादी में बहुत पैसे लगा दिए थे । अब कैसे उनका इलाज होगा। सुमन ने सोचा कुछ भी हो जाए मै तो पैसे नहीं दूंगी। अभी अभी तो अच्छी जिंदगी शुरू हुई है । सुमन अपने भईया से मिलने नहीं गई । कॉल कर बहाना बना दिया की,मेरी तबियत भी ठीक नहीं है , सुमन नहीं गई अपने भाई राम को देखने । राम ठीक हो गया। और हॉस्पिटल से घर आ गया।
फिर उसने सोचा की सुमन नहीं आई हमको देखने लगता है, सुमन कुछ ज्यादा ही बीमार है, राम सुमन के घर उसको देखने चला गया। और देखा कि सुमन अपने दोस्तों से हंस हंस के बाते कर रही थी, और अपने भाई को देख ,बोली भईया आप , आप की तबियत कैसी है? मेरी छोड़, तू अपनी तबियत बता , जब से सुना तू बीमार है , मुझसे रहा नहीं गया? तूने डॉक्टर को दिखाया? दवा ली? चल मै दिखा देता हूं डॉक्टर को ? सुमन की आंखे भर आई बोली भईया पहले बैठो आप । मै बिल्कुल ठीक हु।कुछ नहीं हुआ मुझको ।
मानो सुमन काठ की बन गई हो, उसके आंसू रुक नहीं रहे थे, उसको अपने भाई का इतना प्यार देख वो बहुत शर्मिंदा हो गई। बोली भईया हमको माफ कर दो ,मुझसे गलती हो गई । मुझे” पैसे का गुरुर” हो गया था
। आपके प्यार ने मेरा गुरुर तोड़ दिया । अब मुझसे कभी ऐसी गलती नहीं होगी । राम ने बोला , ,”पैसा होना अच्छी बात है , लेकिन पैसों से रिश्ते नहीं तौले जाते । प्यार और अपनो के बीच में पैसा नहीं आना चाहिए ।
रंजीता पाण्डेय