घर की मालकिन मैं हूं – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
बहू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि,” तुम घर के निर्णय में अपनी राय दे रही हो। मैं जब तक जिंदा हूं, तुम मालकिन बनने के सपने देखना भी छोड़ दो। सास बनने की कोशिश नहीं करो तुम।अपने काम से काम का ही मतलब रखा करो” शोभा जी ने रत्ना को बहुत ही भला बुरा कहा…
वो सांवली सी लड़की – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
“उसकी सांवली सूरत भी बहुत आकर्षक थी कुणाल चौराहे पर मिली थी फिर एक दम ओझल हो गई!” रश्मि घर आ अपने पति कुणाल से बोली। ” किसकी बात कर रही हो तुम रश्मि!” कुणाल अपने मोबाइल से निगाह हटा कर बोला। “मैं जब बाज़ार से सामान ले कर आ रही थी तो लाल बत्ती…
ज़िन्दगी का मर्म – अर्चना सिंह
राजस्थान का एक जिला…”नागौर’ ! इस जिले के छोटे से गाँव परबतसर में राजन अपने परिवार के साथ रहता है । बहुत धनी सम्पन्न तो नहीं लेकिन इतना जरूर है कि अपनी कड़ी मेहनत से परिवार का भरण – पोषण कर सके और घर आए मेहमानों को भी एक वक्त की रोटी खिला सके ।…
पत्थर दिल – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi
बारिश का मौसम देखकर दुर्गा खेतों की और चल पड़ी। जहां उस का पति हरिया था । उसे देखते ही हरिया बोल उठा । देख दुर्गा अब की धरती मां ने हमें अपना बहुत आशीर्वाद दिया है। दोनों की मेहनत से कितनी सुंदर फसल लहलहा रही है। अब की इस फसल के जो भी पैसे…
“वो एक ही बेटा…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi
पंजाब के मोगा शहर के एक छोटे से गाँव में जन्मा दलजीत, अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। माँ गुरविंदर और दादी हरबंस कौर की आँखों का तारा, और पिता सतपाल की एकमात्र उम्मीद। बचपन में जब उसके हाथ में खिलौने की बंदूक होती, तो वो खेल-खेल में कहता— “बापू, हाथ ऊपर कर! मैं देश…
मत भलो कि यह भी मेरा परिवार है – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi
सूरज की किरणें वृद्धाश्रम के आँगन में धीमे-धीमे फैल रही थीं। चमेली के फूलों से भरी क्यारियाँ और छायादार बरगद के पेड़ के नीचे बैठे कुछ बुज़ुर्ग धीमी आवाज़ में बातें कर रहे थे। उन सबके बीच एक चेहरा था — श्रीधर जी का। सफेद बाल, शांत आँखें और चेहरों पर स्थायी हो चुका एक…
विश्वास की डोर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
हमें आपकी बेटी पसंद है और हम शादी को तैयार हैं रविकांत जी का फोन आया अखिलेश जी के पास। लेकिन लेकिन रविकांत जी हम आपकी डिमांड पूरी नहीं कर सकते आपने जो शादी में दहेज की मांग की है वह मैं पूरा नहीं कर सकता हूं। कोई बात नहीं मैं अपनी मांग वापस लेता…
आंसू पीकर रह जाना – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi
सुजाता एक पढ़ी-लिखी, समझदार और संस्कारी लड़की थी। उसके माता-पिता ने एक अच्छे परिवार में उसकी शादी की। पति की कपड़ों की दुकान थी, जीवन सामान्य था और शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था। एक वर्ष बाद उनकी एक प्यारी-सी बेटी का जन्म हुआ। लेकिन वक्त ने करवट ली। पति की संगत कुछ…
आंसू पी कर रह जाना – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
रीना को जब पता चला कि वह फिर से गर्भवती है, उसका मन डर और खुशी से भर गया। पहली बार उसका गर्भपात हो गया था, इसलिए यह ख़बर उसके लिए बहुत मायने रखती थी। उसने पूरे नौ महीने संभलकर बिताए। जब बेटी का जन्म हुआ, रीना की आंखों में खुशी के आंसू थे। पर…
अब और नहीं सहना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
सुबह सुबह निशा तेजी से हाथ भी चला रही थी और माला के लिए कुछ भला बुरा बोलने के साथ साथ चितिंत भी थी। माला उसकी मेड थी, जो घर का सारा काम संभालती थी। दो दिन से उसके न आने से घर का सारा काम बिखरा पड़ा था।निशा किसी तरह काम निपटा कर आफिस…
- #अब तो पड़ जाएगी ना , तुम्हारे कलेजे में ठंडक
- #अस्तित्व
- #आंसू बन गए मोती
- #उपहार की क़ीमत नहीं, दिल देखा जाता है
- #एक माफी ने रिश्ते को बिगड़ने से पहले ही बचा लिया
- #कठपुतली
- #तिरस्कार कब तक
- #तुम्हें बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए
- #देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है
- #पत्थर दिल
- #बहू यह मत भूलो कि भगवान सब देखता है
- #मत भूलो की ये भी मेरा परिवार है
- #मन की गांठ
- #रिश्तों की मर्यादा
- #लघुकथा
- #विश्वास की डोर
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- #सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती है
- #स्नेह का बंधन
- #हाय राम! मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई
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- पत्नी तो वह बन गई थी पर बहू और भाभी आज बनी है
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- हमारा बुरा वक़्त हमारे जीवन की दिशा बदल देता है