दिखावा – उमा वर्मा

रवि को आफिस भेज कर निश्चिन्त होकर बैठी तो एक कप और चाय पीने का मन हो आया ।रसोई में गैस पर चाय चढ़ाया और तबतक घर को व्यवस्थित कर लिया ।जब तक सब अपने अपने काम पर निकलते नहीं तबतक घर लगता है कुश्ती का अखाड़ा बना रहता है ।चाय तैयार हो गई ।कप … Read more

“बाबा,आपको बेसहारा कैसे कर दूं!” – अमिता कुचया

रजनी आज सुबह ही बाबा के कमरे में झाड़ू लगा रही थी ।तभी उसने देखा कि बाबा के चश्मे से ग्लासेस टूट चुके हैं।तब उसने सोचा, चलो जब बाबा उठेंगे ,तब उनसे बात करुंगी और वह दूसरे काम में लग गई। बाबा को डर था कहीं रजनी बहू को पता न चल जाए कि चश्मे … Read more

error: Content is protected !!