जादुई अंगूठी- अनुपमा

आयन छोटे से गांव से आया है , उसके मां पापा गांव मैं आई बाढ़ मैं अपना जीवन खो बैठे और अब आयन अनाथ है , आयन की मां की बहन आयन को अपने साथ शहर ले आती है , आयन के मां पापा हमेशा से आयन को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे इसलिए आयन के लिए उन्होंने अपनी बहन के पास रुपए जमा किए थे और शहर मैं घर भी लिया था।

परंतु आयन के मां पापा की मृत्यु के बाद उसकी मौसी की नीयत बदल गई और उन्होंने आयन की परवरिश की जिम्मेदारी तो ले ली और उसके घर मैं मालिक बन कर रहने लगे ,पर आयन को उन्होंने नौकर बना दिया, स्कूल भी नही भेजते थे और उसके सारे रूपयो पर भी अपना कब्जा कर लिया।

आयन कुछ कह न सके इसलिए उससे सारा काम कराया जाता ,उसे सिर्फ थोड़ा सा खाना दिया जाता वो भी सबसे आखिर मैं , आयन रात जब सोने जाता तो अपने माता पिता को याद करता और रोता और रोते रोते ही सो जाता ।

एक दिन आयन को सपने मैं अपने पिताजी दिखाई दिए , वो उससे कह रहे थे की जागो आयन जागो , आवाज सुनकर आयन उठ जाता है और अपने सामने पिताजी को देख कर रोने लगता है और गले लगा लेता है , आयन के पिता जी आयन से कहते है की बेटा हमारे सामान मै एक अंगूठी थी क्या तुमको पता है की वो कहां है ,अगर नही तो उसे ढूंढो ।

आयन जाग जाता है और सोचता है की वो क्या था सच था की सपना , फिर वो रोज की तरह ही घर के काम करने लग जाता है ,काम करते करते जब वो स्टोर मैं जाता है तो देखता है की वहां उसका पुराने घर का कुछ सामान पड़ा होता है तो उसे अपने सपने की याद आती है

और वो उसमे अंगूठी ढूंढने लगता है ,उसे बक्से मैं एक कोने मैं एक कपड़ा नजर आता है जिसमे कुछ बंधा होता है वो उसे खोलता है तो उसमे उसे वो अंगूठी मिल जाती है वो उसे अपने पास रख लेता है ।


रात को आयन के पिता जी फिर उसके सपने मैं आते है और वो उन्हे अंगूठी के बारे मैं बताता है आयन के पिताजी उससे अंगूठी पहनने को कहते है ।

अगली सुबह आयन की मौसी उसे अंगूठी पहने हुए देखती है तो उसे पूछती है की ये उसने कहां से चुराई और उसको मारने के लिए छड़ी उठा लेती है पर जैसे ही वो उसे मारने की कोशिश करती है  वो छड़ी उन्हे ही मारने लगती है , वो हतप्रद रह जाती है और अब वो अंगूठी उसके हाथ से निकालने की कोशिश करती है तो वो

अंगूठी उसके हाथ से नही निकलती है , मौसी बहुत डर जाती है ।

पर आयन बहुत खुश होता है ये सब देखकर , रात मैं जब वो सोने जाता है तो फिर सपने मैं उसके पिताजी आते है और उसे बताते है की वो एक जादुई अंगूठी है जब तक वो उसके हाथ मैं है कोई उसको नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा और वो सिग्नल भी जो अब उसके गुरुकुल को उसके होने का पता भी चल गया होगा

और वो जल्दी ही तुम्हे यहां से ले जायेंगे , वो कहते है की उन्होंने जादुई दुनिया को छोड़ कर साधारण जीवन चुना क्योंकि उन्हें आयन की मां से प्यार हो गया था और वो मनुष्य थी साधारण मनुष्य ,उन्हे जादू के विषय मैं कुछ नही पता था ।

पर जब तुम हुए तो तुममै जादू था , जो मैने बांध दिया था जिससे तुम्हारी मां को कभी नही पता चले , पर अब तुमको जादू की जरूरत है , जब गुरुकुल से लोग तुम्हे लेने आयेंगे तब वहां जाकर इसे अच्छी तरीके से सीखना और हमेशा अच्छे के लिए इसका इस्तेमाल करना , अपने स्वार्थ के लिए वरना जादू खत्म हो जाएगा ।

अगली सुबह आयन को लेने गुरुकुल से कुछ लोग आए और उसे वो जादुई गुरुकुल के गए। जहां वो खुशी खुशी रहने लगा और जादू सीखने लगा ।

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!