वाणी सुबह सोकर उठी तो देखा उसके बगल में से आकाश उठकर जा चुका था !!
वाणी उठकर नहा धोकर तैयार हुई और फिर रसोई में पहुंची तो उसकी जेठानी चेतना आश्चर्यचकित होकर बोली – वाणी ,
कल शादी की पहली रात थी तुम्हारी , इतना जल्दी क्यों उठ गई ?? वैसे भी शादी की भागदौड़ में इतने दिनों से नींद खराब हो रही होगी , आज तो नींद अच्छे से पूरी कर लेती और हंसते हुए उसे कोहनी से इशारा करने लगी !!
वाणी भी मुस्कुराकर बोली – भाभी , आकाश कहां हैं ?? कहीं नजर नहीं आ रहे !!
चेतना बोली – वह भी तुम्हारा ही पति हैं , देवर जी तो शादी के दूसरे दिन ही ऑफिस चले गए , शादी के दूसरे दिन भी भला कोई ऑफिस जाता हैं ?? मेरी शादी के बाद तुम्हारे जेठ जी तो एक महिने तक मेरे साथ हनीमून मनाने में ही लगे थे !!
दोनों जेठानी देवरानी हंस पडी !!
उतमें में सास लीला जी रसोई में आ गई और बोली – मैंने उसे रोकने की कोशिश की थी मगर कह रहा था एक नया प्रोजेक्ट हैं उस पर काम करना जरूरी हैं वैसे भी इतने दिनों से ऑफिस से छुट्टी ले रखी है , तो अब रोज जाना पड़ेगा बोल रहा था !!
वाणी मन ही मन उदास हो गई और सोचने लगी कल रात भी थकान के कारण आकाश मुझसे ज्यादा बात किए बिना ही सो गए और आज सुबह उठते ही ऑफिस भी चले गए !!
अब आज शाम को ही मिलना होगा सोचकर वह शाम होने का बेसब्री से इंतजार करने लगी !!
शाम को आकाश ने जैसे ही डोर बेल बजाई , वाणी ने तीव्रता से दरवाजा खोला और आकाश को देखने लगी मगर यह क्या आकाश उसके सामने देखे बगैर ही घर के अंदर घुस गया !!
वाणी उसके लिए रसोई से पानी ले आई तब भी आकाश ने उसकी तरफ नहीं देखा !!
वाणी को आकाश के इस रुखे व्यवहार का कारण समझ में नही आया !!
रात को जब खाना खाकर आकाश कमरे में आया तो वाणी उसके पास आकर बैठ गई मगर आकाश बोला वाणी मैं बहुत थक गया हुं इसलिए जोरो से नींद आ रही हैं , तुम भी सो जाओ , कल सुबह मुझे जल्दी ऑफिस जाना हैं !!
दूसरे दिन सुबह वाणी आकाश के लिए कमरे में चाय लेकर आई और खुद भी उसके साथ अपनी चाय पीने लगी मगर आकाश झटपट चाय पीकर नहाने चल दिया !! बाहर आकर देखा तो उसके जेठ जेठानी चाय पीते पीते खुब हंसी ठिठोले कर रहे थे , वह सोचने लगी क्या आकाश ने अपने भाई भाभी से नहीं सीखा कि पत्नी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए और वह फिर उदास हो गई !!
ऐसे ही समय बीतता जा रहा था मगर आकाश के व्यवहार में कोई सुधार नहीं था !! हां कभी कभार अब रात को आकाश वाणी पर अपना पति होने का हक जता लिया करता था मगर आकाश वाणी से ना प्यार से बात करता , ना उसे पत्नी वाला कोई सम्मान देता !!
आज रात वाणी ने सोच लिया था वह आकाश से इस बारे में बात करके रहेगी !!
रात को वाणी आकाश के पास आकर बैठी और आकाश के हाथो को हाथ में लेकर बोली – मुझसे कोई गलती हुई है क्या जो आप हमेशा मुझसे दूर भागते हो !!
आकाश अपने हाथों को झटक कर बोला – मैं कभी तुम जैसी काली कलूटी लड़की से शादी नहीं करना चाहता था , यह तो मां की जिद थी जो मैं कुछ कर ना पाया और मुझे तुमसे शादी करनी पड़ी !!
यह सब सुनकर वाणी के पैरो तले जमीन खिसक गई क्योंकि वह जानती थी कि उसका रंग सांवला और दबा हुआ हैं और इस कारण पहले भी दो तीन लड़के उसे शादी के लिए रिजेक्ट कर चुके थे मगर जब आकाश को मैं पसंद नहीं थी तो उन्होंने मुझसे शादी क्यों की ?? उनकी मां के कहने पर अगर अब शादी कर ही ली हैं तो शादी निभा क्यूं नही रहे ??
आकाश तो सो गया मगर वाणी को रात भर नींद नहीं आई !!
आकाश की मां लीला जी अक्सर गांव ही रहा करती थी वहां वे अपनी खेती – बाडी संभाला करती थी और उनके दोनों बेटे रजत और आकाश यहां शहर में रहते थे !!
रजत और चेतना की शादी को चार साल हो चुके थे , अब उन्हें अपने बेटे आकाश की शादी की चिंता सताती थी !!
आकाश जिस ऑफिस में काम करता था वहां साथ ही काम करने वाली एक लड़की मोना उसके पीछे पड़ी थी जिसे आकाश बिल्कुल पसंद नहीं करता था क्योंकि मोना के दो – तीन बॉयफ्रेंड पहले से थे और यह बात जब आकाश ने अपनी मां से बताई तो लीला जी सोचने लगी उनका बेटा भी कहीं मोना जैसी लड़की पर फिसल ना जाए इसलिए अच्छा होगा कि उसकी शादी करवा दी जाए !!
इसी बीच उन्हें आकाश के लिए वाणी पसंद आ गई और आकाश जो कि अपनी मां से
बहुत प्यार करता था उनकी बात कभी टालता नही था उसने वाणी से शादी कर ली !!
वाणी आकाश के मुंह से अपने लिए तिरस्कार भरे शब्द सुनकर पुरी रात नहीं सोई और जब दूसरे दिन नहा धोकर रसोई में गई तो लीला जी अपने गांव वापस लौटने की तैयारी कर रही थी !!
लीला जी बोली वाणी , आकाश बहुत सीधा हैं बेटा , अब से तुझे ही उसे संभालना हैं , जो देखता है उसे ही सच मान लेता हैं !!
वह मुझसे बहुत प्यार करता हैं और अब मैं चाहती हुं कि तू उसे इतना प्यार दे कि उसे कभी मेरी याद ना आए !!
वाणी सोच रही थी कि आज वह आकाश के बारे में मां को बता देगी कि आकाश उसके साथ कैसा दुर्व्यवहार कर रहा है मगर वे तो गांव जा रही है इसलिए वाणी कुछ ना बोली !!
अब तो लीला जी भी गांव चली गई थी और चेतना भाभी ज्यादातर किट्टी पार्टीस और बाहर घूमने जाया करती थी जिस वजह से वाणी पूरे दिन मन में घूटकर रह जाती !!
वाणी की आज तबीयत खराब थी , वह आकाश से बोली कि उसे डॉक्टर के पास ले जाए मगर आकाश बोला – मैं तुम्हें पैसे दे सकता हुं , अपना समय नहीं !!
वाणी सोचने लगी वह डॉक्टर के पास जाएगी ही नहीं मगर दोपहर तक उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई जिस वजह से वह अकेले ही डॉक्टर के पास चली गई !!
लौटकर उसने देखा आकाश उसकी भाभी चेतना के साथ खुब हंसी मजाक कर रहे थे , ऐसी हंसी मजाक उसने कभी वाणी के साथ नहीं की थी !!
वाणी को यह देखकर जलन होने लगी और वह अपने कमरे में आकर आकाश से बोली – भाभी से इतनी हंसी मजाक और मुझसे प्यार के दो बोल नहीं बोले कभी आपने ??
आकाश बोला – कितनी खुबसुरत हैं चेतना भाभी , दिखता नहीं क्या तुम्हें ??
तुम लाख गुना मेकअप भी कर लो तो भी उनके जैसी खुबसुरत नहीं दिख सकती !!
वाणी आज यह सुनकर ओर उदास हो गई , अब तो आए दिन आकाश उसका बात बात पर तिरस्कार करने लगा था , लेकिन वह कर भी क्या सकती थी आकाश पर तो उसकी बड़ी भाभी की खुबसुरती की पट्टी जो बंधी थी !!
चार दिन बाद वाणी का पहला करवाचौथ था , इस बार उसने ठान लिया कि वह भी भाभी जैसी खुबसुरत बनकर रहेगी इसलिए उसने नई साड़ी , नई ज्वेलरी सब खरीदी और करवाचौथ वाले दिन खुब संज – संवरकर आकाश के सामने गई !!
छत पर जब आकाश को वाणी ने छलनी में से देखा और पूछा कैसी लग रही हूं मैं ?? मैंने यह दस हजार की साड़ी खरीदी हैं और यह ज्वेलरी देखो यह भी बिल्कुल नई हैं ,अब लग रही हूं ना मैं बड़ी भाभी जैसी सुंदर !
आकाश बोला – वाणी चाहे तुम दस हजार की साडी पहन लो मगर तुम कभी उनके जैसी सुंदर नहीं लग सकती !! तुम्हारा यह सांवला रंग कभी तुम्हें उनकी तरह खुबसुरत नहीं लगने देगा , उनकी बात ही अलग हैं और बार बार मुझे परेशान मत किया करो , मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूं बोलकर आकाश झटपट गति से छत से नीचे उतर गया !!
वाणी समझ चुकी थी कि आकाश उसके साथ शायद कभी सहज नहीं हो सकता क्योंकि आकाश को अपनी भाभी के आगे वाणी बहुत फीकी नजर आती थी और तुलना करके इंसान कभी संतुष्ट नहीं हो पाता है !!
वाणी ने इस तिरस्कार भरी जिंदगी को ही अपनी किस्मत मान लिया था कि एक दिन गांव में लीला जी की तबीयत अचानक खराब हो गई , आकाश और बड़ा भाई रजत गांव जाकर मां को यहां शहर ले आए , डॉक्टर ने लीला जी को एक महिना बेड़ रेस्ट करने बोल दिया था , उनके बचने के आसार भी कम थे !!
ऐसे में वाणी मन लगाकर लीला जी की सेवा करने में जुट गई !!
बड़ी भाभी चेतना तो अपनी किट्टी पाट्रीस ,अपनी शापिंग और अपने मूवीज में ही समय बिताती थी ,वह एक बार भी अपनी सास के कमरे में भी नहीं गई थी जहां दूसरी तरफ वाणी लीला जी की हर जरूरत का ध्यान रखती थी !!
आकाश को भी यह सब दिखाई दे रहा था !!
आज चेतना की कुछ सहेलियां घर आ रही थी , चेतना रेडी होकर उनका इंतजार कर रही थी , उतने में उसकी नजर वाणी पर पड़ी जो लीला जी को उनके कमरे में खाना देने जा रही थी !!
चेतना बोली वाणी , तुम मेरी सहेलियों के सामने मत आना , एक तो तुम पहले से सुंदर नहीं हो और घर में पूरे दिन ऐसे बदहवास हाल में घूमती रहती हो तो ओर खराब लगती हो !!
आकाश वहीं पर सोफे पर बैठा हुआ था वह
सोफे से उठकर तुरंत बोला – भाभी , आपकी हिम्मत कैसे हुई मेरी पत्नी से इस तरह बात करने की ??
आप तो मां के कमरे में भी नहीं जाती हो , मां कैसी हैं इसकी सारी परवाह छोड़कर आपको बस अपने सारे शौक पूरे करने हैं !!
मेरी पत्नी अगर मां की इतनी शिद्दत से सेवा ना करती तो शायद मां आज जिंदा ना होती !!
चेतना गुस्से में बोली – देवर जी , उस दिन तो आप मेरी सुंदरता का बड़ा बखान कर रहे थे , उस दिन छत पर मैंने आप दोनों को बातें करते सुन लिया था , आज क्या हो गया आपको ??
आपकी इस बदसूरत बीवी पर आपको अचानक प्यार कैसे आ गया ??
आकाश बोला – भाभी , हां मैं करता था आपकी सुंदरता की तारीफ मगर इस एक महिने में मुझे पता चल गया कि सुंदरता से कुछ नहीं होता , इंसान का दिल सरल और संस्कार बडे होने चाहिए जो वाणी में हैं !!
अगर सुंदर इंसान का दिल सुंदर ना हो तो ऐसी सुंदरता भाड़ में जाए !!
आज आकाश ने चेतना के गुरूर को तमाचा मार दिया था और जिस वाणी का वह अब तक तिरस्कार करते आया था उसे सही मायने में आज इज्जत मिल गई थी !!
लीला जी भी वाणी की सेवा पाकर अब पूरी तरह से स्वस्थ थी !!
लीला जी को अब तक के आकाश और वाणी के संबंधो के बारे में कुछ नहीं पता था मगर वे आज बोली आकाश मैंने वाणी का सरल और सुंदर मन देखकर ही इसे तेरे लिए पसंद किया था , तेरी बड़ी भाभी के व्यवहार के बारे में मैं सब जानती थी मगर कभी तुझे नहीं बताया क्योंकि मैं तो गांव रहती थी , आखिर तुझे यहां इन्हीं लोगो के साथ रहना था !!
बेटा , सुंदर शरीर तो धीरे धीरे ढल जाता हैं मगर सुंदर व्यवहार कभी नहीं ढलता !!
दोस्तों , बाहरी सुंदरता का कोई मतलब नहीं जब तक कि हमारे विचार , हमारा मन , हमारी आत्मा शुद्ध ना हो !!
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आपकी सहेली
स्वाती जैंन
#तिरस्कार कब तक