ढलती सांझ – खुशी : Moral Stories in Hindi

दोस्तों जब हम जवानी में होते हैं तो हमें लगता है हम हमेशा ऐसे ही रहेंगे कभी हम बूढ़े ही नहीं होंगे हमें किसी की जरूरत नहीं होगी हमारा सब बहुत अच्छा होगा पर ऐसा नहीं है जब हमारे पास अपने होते हैं हम उनकी कदर नहीं करते और जब भाग दौड़ से निजात मिलता है तब वह अपने नहीं होते कुछ ऐसी ही कहानी है

कपिल की कपिल एक बड़ी कंपनी में नौकरी पर था घर में पत्नी मीरा माता पि कपिल को ता और दो बच्चे थे सब चाहते थे कपिल उन्हें वक्त दे परंतु कपिल काम की व्यवस्था के कारण उन्हें समय नहीं दे पाता कपिल और मीरा की शादी की दसवीं सालगिरह थी कपिल से पूछ कर मीरा ने सभी को बुलाया परंतु कपिल ही नहीं आया सारे मेहमान 

 कपिल के बारे में पूछ रहे थे और कपिल ऑफिस से आया ही नहीं और धीरे धीरे मेहमान  खाना खा कर जाने लगे।कपिल 12:30 बजे घर पहुंचा और बोला सब चले गए पिता जी बोले तुम बिजी हों बाकी लोगों को भी काम है। मीरा ने खाना लगाया और वो रूम में चली गईं।मां बोली बेटा मीरा बुझ रही है उसका ध्यान रखो।

वो कुछ कहती नहीं चुप चाप रहती हैं।तुम्हारे कहने पर ही तो यह सब किया था और वो बिचारी मेहमानों को उत्तर देते देते वो थक गई। मायके वाले अलग सवाल पूछ रहे थे।उसके बारे मे सोचो सब कैसे संभालती है।कपिल कमरे में आया और मीरा से सॉरी बोलने लगा मीरा बोली मुझे आदत है तुम सो जाओ।अगले दिन कपिल ने मीरा और बच्चों को तैयार होने को कहा

और वो ऑफिस में एप्लिकेशन भेजने लगा।इतनी देर में हो बॉस की कॉल आई कि प्रोजेक्ट मै कुछ चेंजेस है तो आजो।कपिल आधे घंटे का बोल ऑफिस गया और रात को ही लौटा।वो बहुत खुश था उसे प्रमोशन मिला था और अब अमेरिका जाना था।

घर आकर उसने बताया तो मां बोली यहां तो हम है वहां बच्चों और बहु के पास कौन होगा।वो अकेले रहेंगे।कपिल बोला मां ये मेरा सपना है मै जाऊंगा मीरा और बच्चे भी मेरे साथ जाएंगे।मीरा बोली नहीं तुम अकेले जाओ मैं मां पिताजी और बच्चों के साथ यही रहूंगी।कपिल एक दो दिन सबको समझाता रहा पर सब अडिग थे।

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और कपिल सबको छोड़ चला गया वापस ना लौटने के लिए अमेरिका आकर 2 साल बाद कपिल ने अमेरिका की सिटीजन शिप के लिए अपनी कुलीग मार्था से शादी कर ली। कई बार कपिल को मीरा याद भी आती कैसे बिना कहे वो सब करती थी हर चीज हाथ में मिलती थीं यहां सब कुछ खुद करना पड़ता।

मार्था के काम भी वो ऑफिस से आती पार्टी में बिजी रहती दोनो की एक बेटी हुईं जो 12 साल की होते होते वही के परिवेश में ढल गई।मां बेटी को कपिल कुछ कहता तो वो उसे ओल्ड फैशन्ड या पागल कहती। उम्र के इस पड़ाव पर कपिल घर मां-बाप और मीरा का बहुत याद करता उधर मीरा ने बच्चों की इतनी अच्छी परवरिश की कि वह दोनों बड़ी-बड़ी कंपनियों में ऊंची ऊंची पोस्ट पर थे

और दोनों  ने हीं अपनी कंपनी से विदेश जाने का ऑफर  thukra दिया था। दोनों की पत्नियां भी नौकरी करती थीं बच्चो को मीरा देखती पर घर में उसके साथ मेड थी ।मीरा को बेटे बहु बहुत मान देते थे। शाम होते ही वो लाइब्रेरी जाती और वहां अपना वक्त बिताती। अब उम्र के इस पड़ाव पर जब कपिल साठ वसंत देख चुका था

तब उसे भारत अपनी बीवी बच्चो की याद आई और वो अमेरिका से भारत आया यहां आया तो उसके घर की जगह एक आलीशान महल था जिस पर लिखा था मीरा निवास घर दुल्हन की तरह सजा था ।शायद कोई तकरीर थी।कपिल भी अंदर आया उसने सोचा सब मुझे देख चौक जाएंगे

और भागे चले आयेगे।अंदर कुछ पुराने कुछ नए चेहरे थे उन सब के बीच मीरा खड़ी थी।दाई तरफ रोहन और बाई तरफ रोहित खड़े थे।रोहित बोला आज हमारी मां का पचपन वा जन्मदिन है वो मां जिसने हमेशा दिया कभी किसी से कुछ नहीं लिया।हमारे पिताजी हमें 7,8 साल का छोड़ अपना सपना पूरा करने अमेरिका चले गए

उन्होंनेयह भी ना सोचा मां कैसे बच्चों और बुजुर्ग दादा दादी का ख्याल रखेगी पर मा ने हिम्मत नहीं हारी हमें संभाल। दादा दादी को संभाल और हमे इस काबिल बनाया।  हमारे जीवन में मां का स्थान कोई नहीं ले सकता। मां हमारे जीवन का वो आधार है जिन्होंने अपनी खुशियां अपनी इच्छाओं को ताक पर रख कर अकेले ही हमें पाला है

और मां आज हम आपको एक खास तोहफा देना चाहते है। मीरा बोली बेटे मुझे सब मिल गया और कुछ नहीं चाहिए।बहु आरती बोली नहीं मां इस ढलती सांझ में जब हर कोई अपने जीवन में व्यस्त है तो आपको भी एक साथी की आवश्यकता है मीरा बोली नहीं बेटा तुम सब हो तो मेरा आधार ।पर मा कोई।और भी है जिन्हें आपका आधार चाहिए 

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कपिल को लगा बच्चो ने मुझे देख लिया है और मुझे बुलाएंगे पर बेटे रोहित ने कहा अविनाश अंकल और आलोक और तान्या भाभी आप लोग आगे आए तान्या आगे आई और बोली मां हमारे चाचाजी आपको कॉलेज के दिनों से पसंद करते थे पर आपका रिश्ता होते देख ये पीछे हट गए।

फिर जब इतने सालों बाद यहां आए आपको देखा आपके बारे में जाना तो इन्होंने अपने दिल की बात हमारे सामने रखी आपकी रुचियां भी एक सी है आप दोनों को जीवन के इस मोड पर एक दूसरे की जरूरत है।बहु माला बोली मां आपको भी आपके हिस्से का प्यार मिलना चाहिए क्यों मामाजी।मीरा का 

भाई बोला सच कहा मेरी बहन ने बहुत दुख सहे एक लालची और स्वार्थी इंसान की वजह से बहुत दुख सहे उसे अब सुख मिलना चाहित।चारों और मुबारके और जश्न का माहौल था।कपिल भारी कदमों से बाहर आया आज जीवन की संध्या में वो अकेला था तन्हा था।ना आज पैसे का कोई महत्व था ना पद का महत्व था तो अपनो का जो उसके पास नहीं थे।

स्वरचित कहानी 

आपकी सखी 

खुशी

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