भविष्य दर्शन (भाग-30) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

समय पंख लगाकर तीव्र गति से बीतता चला गया।

पदमिनी अपनी आध्यात्मिक शक्तियों की वजह से राज्य ही नही पूरे देश में काफी चर्चित हो चुकी थी । उसने हजारों ऐसी भविष्यवाणियां की जिससे आम जनता ,प्रशासन  और सरकार को काफी लाभ मिला।समय रहते सब भविष्य में होने वाली अप्रिय और विंध्यंस कारी घटनाओं को रोक पाए।

पद्मिनी को सभी काफी सम्मान देने लगे थे।उसे सभी ईश्वरीय वरदान प्राप्त लड़की समझते थे।लेकिन वो किसी से भी अपने कार्यों और सलाह के बदले एक रुपया नही लेती थी।लोग खुद ही उसे  खुशी खुशी उपहार दे देते थे।

रुपए पैसे गहने कपड़े और कई जरूरी सामान उसके घर में भर चुके थे।लोगो को सलाह देने के लिए उसने अपने घर में उसने एक अलग से बैठक खाना बना दिया था ।लोगो के बैठने और सवाल पूछने के लिए दर्री और टेबल लोगो ने खुद ही उसे दे दिए थे।उसे पांच कार्यकर्त्ता रखने पड़े थे जो आने जाने वालों का ख्याल रखते थे।उसने एक दान पेटी रखवा दिया था।जिसमे सब अपनी इक्षा से समाज और लोक कल्याण हेतु दान दे देते थे।

उड़के गांव के लोग उसकी वजह से काफी खुश थे।क्योंकि उसके कारण उनके गांव का नाम काफी प्रसिद्ध हो चुका था।दूर दूर से आम आदमी से लेकर व्यापारी,नेता ,पदाधिकारी ,बच्चे और महिलाएं आते थे।

पदमिनी के घर के पास कई दुकानें खुल गई थी ।शिक्षा मंत्री ने उसके गांव तक आने जाने के लिए कई सरकारी बस चलवा दिया था। कई

गांव वालो ने ऑटो रिक्शा खरीद लिया था और दिनभर बाहर से आने वाले लोगो को ढोते रहते थे।

उनको भी एक रोजगार मिल गया था।जिला प्रशासन ने उस गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क बनवा दिया था।बिजली और पानी की  भी दिन रात व्यवस्था कर दी गई थी।

पद्मिनी से मलने वालो का तांता लगा रहता था।उसे सांस लेने की भी फुर्सत नही मिलती थी।लेकिन उसे अपनी पढ़ाई लिखाई के लिए भी समय निकालना पड़ता था।उसे भारतीय प्रशासनिक सेवा आयोग से आईएएस अफसर बनने की इक्षा थी।

स्वस्थ विभाग ने लोगो को योग साधना का अभ्यास करने के लिए पदमिनी की देख रेख में अभ्यास कराने हेतु एक योग भवन का भी निर्माण करवा दिया था।जहा वो नित्य सुबह छः बजे हजारों लोगों को योग अभ्यास करवाती थी ।दूर दराज के कई गावों से महिला ,पुरुष और बच्चे आते थे उस योग भवन में ।इसके लिए सरकार उसे पचास हजार रूपये प्रतिमाह की दर से प्रशिक्षण शुल्क देती थी।।इस योग भवन से उसने अपनी योग साधना के माध्यम से अनेक मरीजों के असाध्य रोग ठीक किए थे।जिसे डॉक्टरों ने लाइलाज घोषित कर दिया था उसे पद्मिनी ने साध्य कर दिया।

एक दिन सुबह छः बजे शिक्षा मंत्री जी आनंद को लेकर उसके पास आए और उसका हाल चाल लेने के बाद बोले _ बेटी आजकल मुझे नींद नहीं आती है कोई उपाय करो।

पदमिनी ने मुस्कुराते हुए कहा,_ कैसे नींद आएगी अंकल आप तो अब  मुख्य मंत्री बनना चाहते हैं।

उसकी बात सुनकर मंत्री जी और आनंद हसने लगे ।

मंत्री जी ने कहा _ भला तुमसे कोई बात छुप सकती है बेटी।दरअसल हमारे सीएम साहब अब काफी बुजुर्ग हो चुके है।इसलिए उनकी और बाकी पार्टी के नेताओ कि इक्षा है अगर  अगली बार हमारी पार्टी की सरकार बनती है तो मैं मुख्य मंत्री की जिम्मेवारी लूं।

तभी पदमिनी ने अपनी आंखे बंद कर ली और बोली _अंकल मुझे आप मुख्य मंत्री की कुर्सी पर बैठे हुए दिख तो रहे हैं लेकिन आपकी ही पार्टी के कुछ नेता आपके विरुद्ध भी है ।वे आपको नेता बनने में बाधा उत्पन्न करने की योजना बना रहे है।

चाहे जिसको भी मेरा विरोध करना है करने दो।मेरे पास मेरी पद्मिनी बेटी है सबका मन बदल देगी।।मंत्री जी ने हंसते हुए कहा।

आप ठीक कह रहे हैं मंत्री जी।पदमिनी है तक क्या गम है ।आप में जैसा ईमानदार और कर्मठ नेता अगर मुख्य मंत्री बनता है तो यह हमारे राज्य के लिए बड़े सी सौभाग्य की बात होगी।ए आनंद ने गंभीर होकर कहा।

उसने पद्मिनी से कहा _ यार तुम समस्या मत सुनाओ सीधे समाधान बताओ।

जितना बड़ा काम उतनी बड़ी बाधा भी होती है ।यह प्रकृति का नियम है आनंद वर्ना हर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर लेता।पद्मिनी ने कहा।फिर भी मैं कोशिश करूंगी इनके विरोधियों को इनके पक्ष में करने की लेकिन अंकल को भी उनसे मिलकर अपना पक्ष रख कर उन्हे विश्वाश में लेना होगा।

पदमिनी ने कहा।

तभी उसकी मां उन सबके लिए फल का जूस लेकर आई।पदमिनी ने कहा_ आइए जूस पीकर योग चलते है फिर आपकी अनिंद्र का इलाज करते है।

मंत्री जी ने कहा ठीक है मैं अपनी पार्टी के नाराज नेताओ से खुद भी बात करूंगा । आओ चलते है बाहर मेरी गाड़ी खड़ी है उससे चलते है।

नही अंकल मात्र दस मिनट का रास्ता है यहां से योग भवन चलिए पैदल चलते है।पदमिनी ने कहा । सुबह सुबह खाली पैर पैदल चलना वैसे भी बहुत फायदेमंद होता है।

ठीक है चलो मंत्री जी ने कहा।

तीनो पैदल ही योग भवन की ओर चल दिए।उनके पीछे पीछे मंत्री जी के सुरक्षा गार्ड और उनके दर्जनों कार्यकर्ता पैदल ही चलने लगे।

रास्ता में आनंद ने कहा _ यार मुझे फिट रहने का उपाय बताओ ।लिखित परीक्षा के बाद मेरा फिटनेश टेस्ट भी होगा तभी तो पुलिस का बड़ा ऑफिसर बनूंगा।

पदमिनी ने पूछा रोज सुबह दौड़ते हो या नही वरना पेट बाहर निकल जायेगा।

योगाभ्यास नियमित करते रहो।थोड़ा फुटबॉल या बोलीबोल भी खेलो तुम्हारे लिए अच्छा रहेगा।साथ में अपने खाने पीने पर ध्यान दो ।

वैसे आज मैं तुम्हे अमृतासन सिखाऊंगी जिससे तुम सदा जवान स्वस्थ और फिट रहोगे।

क्या बात है यार तब तो बहुत अच्छा रहेगा ।तुम भी जवान रहोगी और मैं भी जवान हमारी जोड़ी तो एकदम हिट रहेगी ।आनंद ने मजाकिया लहजे में कहा ।उसकी बात सुनकर मंत्री जी और आनंद सभी हसने लगे।

योग भवन में काफी लोग पहुंच चुके थे। पदमिनी के साथ मंत्री जी को आया देखकर सब लोग बड़े खुश और उत्साहित हुए।

पदमिनी योग भवन के योगाभ्यास कक्ष में सबको लेकर गई और सबको अपने अपने आसन पर बैठने के लिए बोली ।

उसने माइक से बोलना शुरू किया _ जैसा कि आप सभी जानते हैं योग हमारे ऋषि मुनि और संत महात्मा करते थे।लेकिन उन्होंने हम आम लोगो के लिए भी स्वस्थ और प्रसन्न रहने के लिए योग अपनाने का सुझाव दिया था।

उन्होंने योग को जीव _जंतुओं ,पेड़ पौधे ,सर्प ,बिल्ली  कुत्ता से भी लिया था।इसके अलावा श्री कृष्ण की मुद्रा से लिया था।सभी आसन हमारे लिए लाभदायक और स्वस्थ वर्धक है।

योग खड़े होकर, बैठकर,चित लेटकर और पट लेटकर भी करते है।उसी तरह उल्टा खड़ा होकर यानी शीर्षासन भी करते है ।

उसी तरह आज मैं आप लोगो को दो नए आसन सिखाऊंगी।पहले आप लोग ध्यान से इसकी विधि सुन ले फिर मुझे करते हुए देखे तब आप सब भी अभ्यास करे।मंत्री जी और आनंद भी उसके अगल बगल में बैठे हुए ध्यान से उसकी बात सुन रहे थे।

पदमिनी ने कहा _ पहले आप निंद्रासन सीखेंगे।जिनको किसी कारण से नींद नहीं आती है या कम आती है उनको इस आसन का जरूर अभ्यास करना चाहिए वरना चिड़चिड़ापन, अनिंद्रा,गुस्सा,भूलने की बिमारी,कमजोरी यहां तक पागलपन भी हो सकता है।क्योंकि हम दिन भर काम करते है जिससे हमारा शरीर ही नहीं मन ,हड्डियां ,मांसपेशीयां,और विचार सभी थक जाते हैं।इन सबको आराम देने के लिए ईश्वर ने रात और नींद बनाई ।

भरपूर और गहरी नींद आने से सभी अंगों को आराम मिलता है।इसी अवस्था में हमारा पाचन तंत्र भी बेहतर काम करता है।जिससे हम सुबह तरो ताजा महसूस करते हैं और फिर से हम अपनी दिनचर्या में लग जाते है।

वो थोड़ी देर रुक कर सब पर एक निगाह डाली और बोली सबसे पहले हम आराम की मुद्रा में लेट जायेंगे ।अपने दोनों हाथो को पैरो की तरफ सीधा कर लेंगे।

सभी अंगों ,विचारो हाथ और पैर को ढीला छोड़ देंगे ।इसके बाद मन में यह भाव करेंगे की हम खुले आसमान के नीचे सोए हुए है।चारो तरफ शांति फैली हुई है।मंद मंद और ठंडी हवा बह रही है ।मेरे हाथ पैर तन और मन भी शांत होकर आराम की मुद्रा में है ।मुझे धीरे धीरे गहरी नींद आ रही है और मैं गहरी नींद में खोता चला जा रहा हूं या खोती चली जा रही हूं ।अपनी आंखे बंद रखे और गहरी नींद में चले जाएं।

इति कहकर पद्मिनी ने उस आसान को करके दिखाया और कहा अब अप लोग भी अभ्यास करे।मैं बोलती जाती हूं आप लोग भी अपने मन में वही भाव करे । आप सब देखेंगे कुछ ही देर में सब लोग गहरी नींद में चले जायेंगे।यह कोई जादू मंत्र नही है बल्कि योग का चमत्कार है।

थोड़ी ही देर मे वहा उपस्थित सारे लोग गहरी नींद में चले गए।मंत्री जी तो खर्राटे लेने लगे जैसे कई महीनो से सोए नही हो।

थोरी देर बाद पद्मिनी ने सबको नींद से जागते हुए कहा _ आइए अब हम लोग दूसरे आसान का अभ्यास करते हैं।

मंत्री जी ने कहा _ कमाल है बेटी तुम तो सच में जागुगर हो।मुझे तो कई दिनों से नींद नहीं आ रही थी लेकिन तुमने तो कुछ पल में ही मुझे सुला दिया।

बस रोज रात को सोते समय इस आसन को करते रहे पद्मिनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

अब सब लोग पद्मासन यानी पलथी मारकर अपने दोनो हाथो को अपने घुटने पर रखे। अंगूठा और प्रथम अंगुली को आपस में मिलाकर बाकी अंगुलियों को सीधा रखे।

अब अपनी जीभ को उलट कर अपने तालु से सटा ले और मन में भाव करे की आपके तालु रूपी ब्रम्हांड से अमृत टपककर जिह्वा द्वारा होते हुए आपके अमाशय में जा रहा है और वहा से रक्त  वाहिनियों द्वारा होता हुआ शरीर के सभी अंगों में प्रवाहित हो रहा है जिससे आप स्वस्थ,सुंदर ,अजर अमर , बलवान और शक्तिमान होते जा रहे हैं।

यह भाव आपके मन में अभ्यास के क्रम में निरंतर चलते रहना चाहिए।इससे आप सदा स्वस्थ और जवान बने रहेंगे शर्त ये है की आपका खान पान और रहन सहन भी सही हो।

मंत्री जी ने कहा वाह बेटी तुमने तो बहुत ही अद्भुत योग साधना सिखाया।ऐसे आसान तो मैंने कही नही देखा और सुना।

अंकल हमारे ऋषि मुनि इन्ही आसनों को कर के सैकड़ों हजारों साल जिंदा रहते और सदा जवान बने रहते थे।पदमिनी ने कहा।

वहा भवन में उपस्थित सभी लोगो ने पद्मिनी की बहुत तारीफ किया ।

योग भवन से निकलते हुए पद्मिनी ने आनंद से कहा _ घर से तैयार होकर  दस बजे मेरे पास आना आज तुम्हारे साथ कही जाने का मन है।

वाह क्या बात है दस बजे क्यों बोलो अभी चलता हूं।अभी भी पूरी तरह तैयार हूं ।आनंद ने खुद होते हुए कहा।

इतने बेसब्र मत हो बाबा मुझे भी तो तैयार होना है ।अब चलो मुझे घर छोड़ दो फिर जाना ।

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

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लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

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