नाजायज रिश्ता (भाग -31)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता”में पढ़ा कि विभू के  माता-पिता उसके घर आ चुके हैं ….रिया कुछ सोच कर घर से बाहर आती है …लेकिन वह वापस सास ससुर को देखकर घर लौट आई है….इधर सुबोध भी अपनी पत्नी से आगे की बात करने के लिए आता है …लेकिन घर में सब कुछ सजा संवरा  पाकर उसकी हिम्मत नहीं हुई कुछ कहने की…इधर विभू  के घर उसके माता-पिता विभू  और रिया को बैठाकर बातें करते हैं …कि हम एक फैसला लेकर आए हैं …कैसा फैसला मां …यह कि मैं तेरी दूसरी शादी …

अब आगे…

क्या मां …??

कुछ समझ  नहीं आया…

रिया भी अपनी सास की बात को सुनकर थोड़ा और  पास खिसक आयी….

मम्मी जी आप क्या कहना चाह रहे हो…??

रिया बोली….

ठीक है…

तो मैं साफ-साफ बोलती  हूं …

कि विभू बेटा और बहू जैसा कि हमें  पता चला है…

तुम्हारी अम्मा से और बाकी भी इधर-उधर से ….

कि तुम दोनों के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे…

हम  इसके लिए किसी एक को गलत नहीं ठहरा रही हैं  …

ना अपने बेटे  को और ना ही बहू को….

हो सकता है…

तुम दोनों में आपसी समझ अच्छी ना हो…

इसलिए मुझे जहां तक ठीक लगता है…

मैंने  और तुम्हारे पापा ने फैसला लिया है….

कि विभू की दूसरी शादी कर दी जाए….

सासू मां बोली….

लेकिन मम्मी जी ये  पहले से शादीशुदा है…

और इनके एक बेटी है….

ऐसे में इनसे कौन शादी करेगा….?

रिया बहुत ही चिंतित हो गई थी इस बात से…

उसकी फिकर तू मत कर बहू….

मेरा बेटा सरकारी नौकरी में है ….

बहुत सी लड़कियां मिल जाती हैं …

आजकल लोगों की  दो-दो,,चार-चार शादियां हो जाती  हैं ….

लेकिन हां उससे पहले तुम दोनों का  तलाक होना जरूरी है…..

वो जल्द ही कागज तैय़ार करवाते हैं ….

यह सुन जैसे रिया के पांव तले जमीन खिसक गई….

विभू भी मां  की बात सुनकर एकदम आश्चर्य में रह गया….

वह कभी रिया को देखता ,,तो कभी अपनी मां के चेहरे की ओर…..

पापा क्या आप भी ऐसे ही चाहते हैं …??

विभू  बोला…

हां बेटा …

यह फैसला हम दोनों का है….

ज़ितनी जल्दी हो सके तुम दोनों तलाक के कागज तैयार कर लो…..

और बहू के घर वालों को भी इस बात की खबर कर देता हूं….

ज़ितनी  जल्दी यह मामला सुलझ  जाए उतना अच्छा…..

तुम लोग एक बोझ  के रिश्ते को साथ लेकर ना ही चलो…

तो ज्यादा बेहतर है ….कि इससे बाहर ही आ जाओ….

विभू के  पिता बोले….

यह बात सुन तो विभू  बहुत ही घबरा गया….

यह क्या कह रही …

समधन जी ,,समधि जी…

मेई लाली को तो जीवन ही खराब है  जाएगो ….

ऐसे ना करो …

दामाद जी को दूसरों ब्याह मति  करो…

अब ऐसी गलती ना करेगी ….

ए लाली…

माफी मांग ले दोनों के पैरों में पड़ जा….

और दामाद जी से भी मांफी मांग ले….

एक बच्चा की मां है तू …

तेरे आगे और भी बहिने हैं…

उनका  का होगा…अगर तू घर बैठ गई तो….

अम्मा जी घबरायी हुई  बोली…

नेक ठंडे दिमाग से सोचो सब….

रिया की आंखों में आंसू थे…

उसने हाथ जोड़कर अपनी सास और ससुर से माफी मांगी…

मम्मी जी ,,पापा जी माफ कर दीजिए…

आप लोग गलत समझ रहे हैं…

ऐसा हमारे रिश्ते में कुछ भी नहीं है …

कि आप लोग इनकी दूसरी शादी करें …

रिया बोली …

और वह आंखें नीचे किये विभू से भी  माफी मांगने लगी …

जी  मुझे माफ कर दीजिए …

अगर मेरी तरफ से कोई गलती हुई है …

तो मैं आगे से ऐसी गलती नहीं करूंगी…

विभू कुछ ना बोला …

उसने अपनी नज़रें फेर ली…

उसके मन में अभी भी रिया को लेकर के गुस्सा था….

बहू  वह सब बात ठीक है…

मैं सिर्फ तुम्हारी गलती ही नहीं दे रही…

मैं विभू  की भी गलती  बता रही हूं…

उसकी तरफ से भी रही होगी …

तभी रिश्ते खराब होते हैं …

कोई बात नहीं …

हम  तुझे भी ऐसे नहीं छोड़ेंगे…

तेरी भी कहीं ना कहीं शादी कर दी जाएगी….

जहां तुम चाहो और तुम्हारे परिवार वाले …

किसी की बेटी लेकर आए हैं हम ,,तो उसे सम्मान से ही वापस भेजेंगे…

विभू की मां बोली….

इतना बोलकर वह उठी…

चलो सब लोग खाना खा लो …

वो बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी ….

उन्होंने अपना फैसला सुना दिया था…

अब तो खाना खाते समय रिया और विभू से ठीक  से खाना नहीं  खाया जा रहा था…

विभू किसी तरह एक रोटी खाकर ही उठ गया…

और जाकर कमरे में अपने बिस्तर पर लेट गया….

तभी विभू की मां आई …

देख लाल…

ये  वही लड़की है …

जो तुझे बहुत पसंद करती थी….

लेकिन तूने कभी इसकी तरफ नहीं देखा….

कैसे बार-बार छत पर आती थी  तुझे देखने के लिए….

तू  उसे देखकर के सीधा नीचे भाग आता था ….

अभी तक इसका ब्याह नहीं हुआ है….

पढ़ाई कर रही थी…

हमने बात करी तो यह ब्याह के लिए तैयार है….

तू  कहे  तो इससे आगे बात बढ़ाऊँ….

और इसने अपना नंबर भी दिया है …

तू इससे बातचीत शुरू कर दे …

चुप करो मां….

कैसी बातें कर रही हो….

विभू गुस्से में बोला…

विभू की मां नंबर  देकर बिना कुछ बोले चली गई….

मां के जाते ही विभू ने अपना  फोन लिया…

और उस  नंबर को सेव करने लगा…

रिया यह देखकर  मुंह चिढ़ाने लगी ….

उसके चेहरे  पर गुस्सा साफ झलक रहा था…

विभू भी रिया की ओर देख रहा था ….

अब तो रिया को ना तो नींद आती…

ना दिन में चैन आता …

वह पूरे घर में इधर से उधर घूमती रहती…

ना ही उसका बच्ची  को खिलाने में मन लगता…

ना ही  किसी काम में ….

इधर सुबोध जब भी घर आता है …

उसे कोई भी काम नहीं करना पड़ता…

सारा घर साफ सुथरा मिलता….

बच्चे भी साफ सुथरे रहते…

पढ़ाई करते मिलते या अपनी मां के साथ किसी न किसी काम में व्यस्त रहते….

लेकिन रोशनी सुबोध  से बिल्कुल बात ना करती ….

सुबोध को कोई मौका ही नहीं मिल रहा था…

कि वह रोशनी से कोई बात करें….

विभु के फोन पर उस लड़की का मैसेज आया….

हेलो …

कैसे हो विभू…???

उस लड़की का मैसेज देख विभू ने कोई जवाब नहीं दिया….

वह फोन रख बाहर आ गया…

विभू के फोन  पर कभी लॉक नहीं होता था….

रिया ने  फोन उठा लिया….

और गुस्से में उसने टाइप किया….

कौन हो तुम….??

क्यों मेरे पति की जिंदगी में दखल दे रही हो ….??

गो टू हेल …

अब दोबारा मेरे पति को मैसेज करने की जरूरत नहीं ….

समझी…

इतना मैसेज कर रिया  ने उस लड़की का नंबर ब्लॉक में डाल दिया ….

सारी चैट डिलीट कर दी….

विभू वापस आया…

उसने अपना फोन उठाया…

तो उसे वह मैसेज नहीं दिखाई पड़ा….

वह उठा …

और रिया के  ऊपर हाथ उठाने ही वाला था …

कि तभी रिया ने अपनी बच्ची विभू की गोद में डाल दी….

खिला लीजिये इसे…

पता नहीं  इसे अब पापा का प्यार मिल पायेगा य़ा नहीं….

लाली…

दामाद जी…

वकील बाबू आयें हैं …

तुम दोनों को बुलाये रहे….

अम्मा जी बोली…

आगे की कहानी जल्द….

तब तक के लिए जय श्री श्याम….

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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