जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू को भावना मैम के जीवन की खातिर उनके पापा के कहने पर उनसे शादी के लिए हाँ करनी पड़ी है ……रोहित सर की प्रेमिका को शायद राजू पहचानता है … पर उनकी बात अधूरी रह गयी…. राकेश से बात कर रहा था राजू,, तभी रोहित सर आकर बोलते है कि राजू तुझे भावना बुला रही है ….
अब आगे….
राजू मन ही मन उदास है कि भावना मैम ज़िसे वो अपनी गुरु मानता है …. अब उनका स्वभाव राजू के प्रति एक प्रेमिका वाला होगा…. राजू धीमे कदमों से भावना मैडम के पास आता है ….
हे राजू…. आओ बैठो ……
राजू पास में पड़ी बेंच पर मैम के पास बैठ जाता है ……
राजू सर नीचे क्यूँ किया है ….
ऊपर करो…. मेरी तरफ देखो….
भावना मैम धीरे से बोली….
राजू अपनी आँखें ऊपर मैडम की ओर देखता है ….
मैम… कैसी हो आप अब??
अचानक से आपको कैसे हार्ट अटैक आ गया….. ???
राजू पूछता है ….
तुम्हे खोने के डर से…. सपना देखा कि तुम्हारी शादी किसी और से हो रही है … बस आई डोंट नो कि वाट हैप्पेन विद मी….
हार्ट में पेन हुआ… गिर गयी….
ओह…
राजू बस इतना ही बोला….
राजू अब तो मुझे मैम मत बोलो…. ऑनली से भावना…..
क्या सच में तुम मुझसे शादी करोगे ???
भावना मैम बोली….
राजू मैम की नाजुक हालत समझते हुए बस हाँ में सर हिला देता है …..
ओह राजू….. आई एम सो हैप्पी …
मैँ ठीक होती तो चिल्लाकर पूरे शहर को बताती कि राजू इज ओनली माइन ……
राजू चुपचाप बैठा हुआ है …..
राजू… कैन आई टच यू…. प्लीज ….
भावना मैम बोली….
राजू को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे …. वो तो बस यही जानता था कि वो बस निम्मी के लिए बना है …….
रोहित सर भी अन्दर आ चुके थे ….
अब तो राजू तुम्हारा ही है भावना …. ज़ितना चाहो टच करो ….
क्यूँ राजू… एम आई राईट …..
भावना मैम शर्मा गयी…
अब कैसा फील कर रही हो भावना…. ??
रोहित सर पूछते है ….
राजू ने हाँ बोल दी है तो अब तो भावना को कुछ हो ही नहीं सकता रोहित….
फीलिंग मच बेटर नाउ…..
भावना मैम के पापा भी अंदर आ चुके है…..
ओह माय बच्ची…. थैंक्स गॉड …. राजू थैंक यू सो मच बेटा… तुमने मेरे ज़िगर के टुकड़े को बचा लिया…..
सर राजू के आगे हाथ जोड़ते हुए बोले….
नो नो.. प्लीज आप थैंक यू ना बोले सर……. आप लोगों के बहुत एहसान है मुझ पर …….इस शहर में एक गंवार राजू आया था जो कुछ नहीं जानता था ….आप लोगों ने मुझे इतना समझदार बना दिया……किसी तरह चुका पाऊँ बस….
तुम हो ही ऐसे राजू कोई भी तुझसे मिल ले तो तेरा ही होकर रह जायें ….
राजू…. तू बोल रहा था कि तूने दीपिका को कहीं देखा है … प्लीज बता… कहां देखा है मेरी दीपिका को तूने??
रोहित सर बोले…
हाँ सर…. वो बात तो बीच में ही रह गयी…
यहां ये पुलिस वाले सर भी है ….
सर ये देखिये… ये जो दीपिका जी है … ये वहीं है जब मैं शहर में नया नया आया था …… तब वो जो आंटी मिली थी , वो जिस लड़की को मेरे पास लायी थी ये वहीं है …. मैं इन्हे देखके पहचान गया……
राजू बोला…
क्या राजू…. तू सच कह रहा है … कहां है दीपिका अब??
वो आंटी तेरे पास क्यूँ लायी थी दीपिका को??
प्लीज बता राजू….
रोहित सर घबराते हुए बोले…
वो सर…. मैँ नहीं बता सकता….
सर आपने उन सबको पकड़वा दिया था …. फिर वो सब लड़किय़ां कहां गयी… क्या आप जानते है ???
राजू पुलिस वाले सर से पूछता है ….
आर यू टाकिंग एबाउट दैट प्रोस्टिट्यूशन गैंग….??
भावना मैम बोली…
यस मैम…..
राजू बोला…
ओह माय गॉड… पापा प्लीज हेल्प करो रोहित की…
शायद उसे अपनी लवर मिल जायें ….
रोहित सर यह सुन स्तब्ध पड़ जाते है …. ओह तो दीपिका के माँ पापा ने मुझसे झूठ बोला कि वो किसी लड़के के साथ भाग गयी….. उसे बेच दिया उन कमीनों ने… ऐसा कोई अपनी बेटी के साथ कैसा कर सकता है … पर माँ सौतेली थी ,,, शायद ऐसलिये…..
प्लीज सर…. बताये दीपिका कहां है अब??
रोहित सर बोले…
बेटा… वहां से निकाली गयी कुछ लड़कियां तो अपने घर चली गयी, कुछ को सरकारी सिलाई के कारखाने में लगा दिया गया…. शायद वहां हो…. मैं पता देता हूँ….. जाकर देख सकते हो…. शायद राजू के हाथ एक और पुण्य हो जायें ….
भावना मैम के पापा बोले…..
चल राजू…. चलेगा ना मेरे साथ ??
रोहित सर बोले….
हाँ हाँ सर… क्यूँ नहीं….
मैम …. मैं चलता हूँ…. 10 दिन बाद मेरा इंटरव्यू है …. उसके बाद मिलता हूँ आपसे…..
राजू भावना मैम से बोला…
ओके राजू…. दिल से दुआ करूँगी कि मेरा राजू ऑफिसर बने… फिर हमारी इंगेज़मेंट हो…. क्यूँ पापा??
हाँ बेटा….. बस राजू को पोस्टिंग मिले… तुरंत इंगेज़मेंट करवा दूँगा तुम दोनों की… उससे पहले राजू के गांव जाकर उसके घरवालों से भी बात करनी है …. आखिर हम लड़की वाले है….
सर बोले…
ओह पापा….आई लव यू ….
राजू बेचारा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है …. वादा जो कर चुका है …..
सर को नमस्ते कर राजू और रोहित सर सिलाई कारखाने के लिये रवाना हो चुके हैं …..
एक घंटे में उनकी गाड़ी सिलाई कारखाने के सामने खड़ी थी …..
राजू…. मन बहुत घबरा रहा है … अगर दीपिका यहां ना हुई तो कहां ढूँढूँगा उसे….
वो घर तो नहीं जायेगी… उसकी माँ उसे बहुत परेशान करती थी…..
रोहित सर बोले….
सर… नेगेटिव क्यूँ सोच रहे है …यहीं होंगी दीपिका जी…..
मेरा दिल कह रहा है …… मेरा दिल कभी गलत नहीं कहता….
राजू…. चल फिर अंदर….
अंदर रोहित सर दीपिका को खोजने ,चैरिटी देने के लिए अंदर आते है …..
चारों तरफ कई लड़कियां , औरतें पैरों की सिलाई मशीन चलाने में व्यस्त थी …..
राजू… मुझे तो नहीं दिखी दीपिका कहीं ….
तुझे दिखी क्या ??
वो देखिये सर…. वो रही दीपिका जी….
लास्ट लाइन में दीपिका सूट सिलने में लगी थी …
रोहित सर तेज कदमों से उनके पास आये ….
दीपिका…. ऊपर देखो….
रोहित सर बोले….
दीपिका ने नजर ऊपर कर रोहित सर की ओर देखा…
ओह रोहित जी आप…. आप यहां कैसे… जल्दी से सिलाई मशीन से उठ दीपिका रोहित के सीने से लग गयी…
फफक कर रोने लगी….
रोहित सर की आँखें भी बरस रही थी …..
राजू पास आया तो दीपिका की निगाह राजू की ओर गयी…
राजू को देख दीपिका सहम गयी… खुद को उसने रोहित सर से अलग कर लिया ……
क्यूँ आयेँ है रोहित जी आप यहां…. आप नहीं जानते मेरे साथ क्या क्या हुआ है …… अब मैं आपके लायक नहीं…..
दीपिका बोली…..
दीपिका मुझे सब पता चल गया है … मेरे शहर जाने के बाद तुम पर क्या क्या गुजरी है … उसके लिए मैं भी गुनहेगार हूँ… पढ़ाई में ऐसा रमा कि सोचा कोई अच्छी नौकरी लग जायेगी तो तुमसे धूमधाम से शादी करूँगा……
और ये किसने कहां तुम मेरे लायक नहीं …. मैने तुम्हारी आत्मा से प्यार किया है ….. तुम्हारी भोली बातों से प्यार किया है ….. तुम मेरे लिए वहीं दीपिका हो ज़िसे मैँ गांव छोड़कर आया था …. बस उम्र थोड़ा बढ़ गयी है हमारी…. मैं शायद अब तुम्हारे लायक नहीं …. देखो तुम्हारा रोहित अपंग हो गया है …
क्या इस रोहित को स्वीकार करोगी ……??
बोलो…
दीपिका रोहित सर का पैर देख रो पड़ी …. किसने कहा आप अपंग है …. मैं हूँ ना आपकी लाठी…..
दीपिका बोली…
तो चले फिर …. अब तो शादी कर ले…
रोहित सर बोले…
कारखाने की मालकिन आयी….. बोली….
साहब.. ऐसे आप मेरी बेटी को नहीं ले जा सकते…. बारात लेकर आईये…. हम विदा करेंगे इसे अपने आंगन से…
मालकिन ने दीपिका के सर पर हाथ फेरते हुए बोला..
पूरा कारखाना तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा…
कुछ लड़कियां आपस में कह रही थी कि काश कोई राजकुमार दीपिका की तरह हमें भी लेने आये…
ठीक है मैम… फिर डेट फिक्स कराकर बारात लेकर आता हूँ अपनी दीपिका को लेने….. क्यूँ राजू तेरे इंटरव्यू के बाद ठीक रहेगा…. ??
रोहित सर बोले…
जी सर बिल्कुल……
रोहित सर और राजू घर वापस आ गये…
राजू तेरा एहसान कैसे चुकाऊँगा रे ??
तूने मेरे लिए जो किया है उसके लिए थैंक यू तो बहुत छोटा शब्द है ……
अरे सर…. मैं बहुत खुश हूँ कि दीपिका जी आपको मिल गयी… किसी का तो प्यार उसे मिला… मैं तो इस मामले में बहुत अभागा हूँ…..
चलिये सर… अब इंटरव्यू की तैयारी करायें …..
हाँ हाँ राजू… चलो..
राजू तो बस जी जान से इंटरव्यू की तैयारी में लगा हुआ है … इंटरव्यू का दिन आ गया है …..
राजू सूट बूट पहने रोहित सर के साथ संघ लोक सेवा आयोग पहुँच चुका है ….
इधर भावना मैम के पापा बड़ा केस सोल्व करके घर आये हुए है …
बेटा… भावना… क्या तुम अपने पापा को बताऊंगी कि मेरी बच्ची को हार्ट अटैक क्यूँ आया था …. तुम तो बहुत स्ट्रोंग हो….
पापा पूछते है ….
पापा…. वो उस दिन सचिन का फ़ोन आया… उसने कहा कि वो निम्मी से……..
आगे की कहानी कल….. लाइक और कमेंट ज़रूर करें …
बस तीन भाग और झेल लीजिये
तब तक के लिए जय शनिदेव
अगला भाग
एक प्यार ऐसा भी …(भाग -48) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा