जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू रोहित सर के पास बचे हुए कुछ दिनों में मेंस की तैयारी के लिए दिल्ली आया हुआ है .. निम्मी की सगाई का सुन उसका मन बेचैन है … ना तो नींद आ रही राजू को और ना ही पढ़ने में मन लग रहा है …. अपनी अम्मा से भी बात कर ली उसने … उसके बाद राकेश से बात कर ही रहा था कि तभी रोहित सर सामने से आते है ….
राजू फ़ोन काट देता है ….
अब आगे…..
हाँ तो बताओ भई राजू…. कौन हो रहा देवदास ???
देवदास होने की फुरसत किसे….
रोहित सर मजाकिया अन्दाज में बोले…. और अपनी लाठी किनारे खड़ी कर वहीं राजू के पास बेड पर बैठ गये….
अरे वो तो सर ऐसे ही… ऐसी कोई बात नहीं …. पढ़ाई शुरू करें अगर आप फ्री हो गये हो तो??
राजू सर से बोला…
यस यस…. वाय नॉट … बट पहले अपने मन को तो काबू में रखो… तुम्हारी आँखें और दिल कुछ कह रहा है … और दिमाग कुछ??
रोहित सर बोले….
जी मैँ … समझा नहीं सर…. आप क्या कहना चाहते है ??
राजू अंजान सा बनते हुए बोला…
हा हा….. राजू झूठ बोलना नहीं आता तो बोलना ही क्यूँ …. भले ही मैं सिंगल हूँ पर लोगों के दिल को पढ़ना जानता है … भई तुम्हारी आँखें कह रही है राजू इसमें किसी के लिए बेइंतहा प्यार है .. पर वो प्यार मिल नहीं पाया शायद ऐसलिये दर्द भरा है …. सही कहा ना ??
सर…. आप क्या सच में ज्योतिष है ?? राजू झूठ नहीं बोलता……
हाँ कुछ ऐसा ही समझ लीजिये ……
तो फिर राजू उस दर्द को झलक जाने दो… अगर दबाकर रखोगे सीने में तो मेरी तरह हार्ट पेशेंट बन जाओगे ….. और इस तरह तुम मेंस कभी क्लीयर नहीं कर सकते….. इट्स माय गैरैंटी राजू…..
तो सर क्या करूँ ?? आप ही बताये…..
राजू बोला….
कुछ नहीं… बस सब भूल जाना होगा… जिस प्यार को तुमने अपनी कमजोरी बना रखा है , उसे अपनी ताकत बनाओ … ये सोचो कि उसी शक्श के लिए मैं ऑफिसर बन रहा हूँ….. उसे पता चलेगा तो शायद तुमसे ज्यादा ख़ुशी उसे हो…. अगर वो भी तुम्हे प्यार करती होगी तो…..
बट सर… प्यार ही तो नहीं करती… करती तो आज राजू इतना टूटा हुआ नहीं होता….. पर मुझे अफसर बनना हैं अपने बाबा के लिए, अपनी अम्मा, बापू ,बहनों के लिए … जो अपनी जीवन की कमाई मुझ पर लुटा रहे… इस आस में कि एक दिन उनका राजू अफसर बनकर गांव आयेगा…..
पर मन लग नहीं पा रहा सर….
राजू रोहित सर के हाथ को पकड़ा हुआ था ….
ये लड़किया हम लड़कों को ही धोखा क्यूँ देती हैं … मिल जाता है कोई अमीर बाप की औलाद… चली जाती है उसके पीछे पीछे……
रोहित सर बोले…
आपने भी धोखा खाया है क्या सर लाइफ में…
कभी सुनाऊंगा तुम्हे फुरसत से अपनी दास्तां …. पर इस टाइम तुम्हे सब कुछ भूलकर अपने परिवार वालों के सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक करनी है …. बस चार घंटे की नींद लेनी है ….. मैने टाइम टेबल बना दिया है तुम्हारा……. तो शुरू करे ….
यस सर….. स्टार्ट … राजू इज रेडी …..
ये हुई ना बात …. देन टेक आउट योर बुक्स एंड नोट्स … एंड टेक दिस स्टोप वाच…. यहीं तुम्हारी तैयारी की संजीवनी है …. इसे मेंस के दिन तक साथ रखना…..
ओके सर……
उसी दिन से राजू पूरे जोश से मेंस की तैयारी में लग गया…..
रोहित सर भी राजू की तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ रहे थे……
राजू की तैयारी लगभग पूरी होने को आयी थी….
आज निम्मी की सगाई का दिन था ….
राजू…. आज तुम उठे नहीं सुबह से…. 9 बजने को आये…. मेंस में चार दिन बचे है …..
क्या हुआ तबियत ठीक नहीं क्या ?? यू आर ओके राजू??
रोहित सर बोले…..
सर प्लीज…. आज नहीं….. आज कुछ करने का मन नहीं है …. आज मुझे सोने दीजिये …. उठ गया तो रो पड़ूँगा ….. आज का दिन मेरे लिए बहुत भारी है ….. कल करें सर आगे का टेस्ट ….??
राजू बेड पर लेटे हुए ही बोला….
ओके…. एज यू विश…. भई यू रियली लव द गर्ल…. हाऊ क्रूअल सी इज ….
तुम्हे समझ नहीं पायी वो …. आज नहीं रोकूँगा .. मन भर के रो ले तू … यहां कोई मजाक नहीं बनायेगा तेरा…..
प्लीज सर उसे कुछ ना कहे … मेरे लिए तो वो मेरी सब कुछ है … उसके बारे में कुछ गलत नहीं सुन सकता मैं……
रोहित सर ने राजू को गले से लगा लिया….
राजू उनकी बाहों में छोटे बच्चे की तरह फूट फूटकर रो पड़ा …..
रोहित सर की आँखें भी नम थी….
तू आराम कर …. मैं बाहर गार्डन में हूँ….. मन करे तो आ जाना… एंड यू आर ऐ स्ट्रोंग मेन … डोंट क्राय् ….
रोहित सर बाहर आ गये……
राजू ने फिर आँखें बंद कर ली…. सुबह से शाम होने को आयी पर राजू ने रोटी का एक टुकड़ा भी नहीं खाया था ….
मन नहीं माना राजू का तो उसने राकेश को फ़ोन लगाया……
मुझे पता था कि तू फ़ोन किये बिना नहीं मानेगा रे … और ना उठाऊंगा तो बेचैन रहेगा…
अच्छा… ये बता… सगाई हो रही है ना निम्मी और सचिन की आज??
तो क्या नहीं होगी… ये कोई फिल्म है क्या कि राजू नाम का हीरो आयेगा और छलांग मारकर निम्मी को उड़ा ले जायेगा….
सारी तैयारी हो गयी है रे राजू…. मैं भी कुर्ता पैजामा पहने तैयार खड़ा हूँ… गेस्ट हॉउस पहुँच गये है रे सब…
बहुत बड़ा है रे ये गेस्ट हॉउस …
बहुत अच्छी तैयारी करवायी है तेरी भावना मैडम ने….. चाचा चाची तो तारीफ करते नहीं थक रहे ….
तेरी मैडम भी सामने खड़ी है …. बला की खूबसूरत लग रही है यार… तुझे तो भावना मैडम जैसी स्टाइलिश लड़की मिलनी चाहिए….. क्या निम्मी के पीछे पड़ा है ….
राकेश राजू का मन बदलने के लिए बोला….
चुप कर …. निम्मी कैसी लग रही है राकेश तैयार होकर… एक झलक दिखा देगा मुझे उसकी….. आज तो बहुत खुश होगी ना वो…..
राजू की आँखों से आंसू उसके गालों पर आ गये थे…..
अच्छा राजू…. अब निम्मी तेरी कुछ नहीं है रे … समझा…..इतना जान ले… और दिमाग में बैठा ले… बाद में बात करूँगा तुझसे… चाचा बुला रहे है रे …..
राकेश ने फ़ोन काट दिया…. राजू अपने फ़ोन पर निम्मी की ली हुई पहले की फोटो को निहार रहा था …..
थोड़े टाइम बाद भावना मैडम का फ़ोन आया राजू के फ़ोन पर …
हेलो मैम … नमस्ते …
नमस्ते राजू…. तुम आये क्यूँ नहीं… कितना अच्छा लग रहा है यहां…. अच्छा तुम वीडियो कॉल क्यूँ नहीं पिक कर रहे मेरी… कबसे लगा रही हूँ…….. उठाओ …..
आ नहीं पाये तो क्या हुआ…. फ़ोन पर लाईव टेलिकास्ट देख लो…
भावना मैडम बोली..
राजू तो जैसे बुत सा बन गया…
नो मैम… नेवर …. मैँ नहीं उठाऊंगा … कभी नहीं…
राजू ने फ़ोन स्विच ऑफ़ कर लिया…..
तभी रोहित सर राजू के पास आये…..
राजू… तुम भावना की कॉल क्यूँ नहीं पिक कर रहे… उसने मेरे फ़ोन पर किया है ….
देखो….
राजू की निगाह रोहित सर के फ़ोन पर गयी….
सामने स्टेज पर निम्मी और सचिन बैठे थे….
आगे की कहानी कल… तब तक के लिए ॐ नमः शिवाय
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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -43) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा