एक बार फिर (भाग 26) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर प्रिया को बताता है कि उस पर अटैक उसकी एक्स गर्लफ्रेंड रिनी खन्ना के भाई विक्रांत खन्ना ने करवाया था और वह कह रही थी कि उसके पास कुछ ऐसा है जो वो तुम्हें दिखाएगी। कुछ ऐसा जिसके बारे में किसी को पता नहीं है। डिनर के बाद जब शेखर और प्रिया वापस रूम में लौटते हैं 

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प्रिया का फोन वाइब्रेट ‌हुआ तो उसने देखा कि उसके फोन पर सेंवटीन मिस्ड कॉल थीं।

वो अपने फोन को देखने लगी। शेखर ने पूछा क्या हुआ??

पता नहीं किसी अननोन नंबर से बहुत सारी कॉल्स आई हैं।

तभी फोन फिर आ गया।

ग्यारह बजे रात कौन इतनी क‌ॉल्स कर रहा है??? 

कहते हुए उसने शेखर की तरफ देखा।

“इफ यू डोंट हैव एनी प्राब्लम कैन यू टर्न ऑन द स्पीकर ऑफ युअर फोन”

उसने फोन स्पीकर पर डाल दिया।

शेखर ने उसे इशारा किया।

हैलो!

हां, मैं तुम्हें अपना इंट्रोडक्शन देना जरूरी नहीं समझता।

तुम मुझे नहीं जानती पर मैं तुम्हें जानता हूं।

तुम्हारी भलाई इसी में है कि इस शादी से पीछे हट जाओ। उसकी भारी और गंभीर आवाज फोन पर गूंज उठी

प्रिया के चेहरे को देख कर लग रहा था कि वो सचमुच घबरा गई थी।

शेखर ने उसे अपने सीने से लगा कर फोन अपने हाथ में ले लिया।

जानेमन मुझसे भी बात कर लो।

मिस्टर “विक्रांत खन्ना” लगता है कि बार बार अपनी बेवकूफियों का सबूत देने में तुम्हें बहुत मजा आता है।

इन कॉल्स के आधार पर मैं तुम्हें अभी अरेस्ट करवा सकता हूं। 

क्या तुम ये चाहते हो???

याद रखना राजशेखर वाधवा की शादी कोई नहीं रोक सकता।

नामर्द, एक लड़की को धमका रहे हो।

 इस बार तुम्हारी नफरत की आग मेरी मोहब्बत तक 

पहुंची है जो तुम्हें ही जला कर खाक कर देगी।

दूसरी तरफ से फोन कट गया।

प्रिया! शेखर ने उसे आवाज दी। उसने सिर उठा कर उसकी आंखों में देखा उसकी आंखों में आसूं थे।

शेखर ने उसे कस कर अपने सीने से लगा लिया।

क्या हुआ??? डर रही हो। मैं हूं न उसने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।

कहीं उसने आपको कुछ कर दिया तो???

धमकी तो वह तुम्हें दे रहा था उसने हंसते हुए कहा।

पिछली बार गोली आप पर चली थी।

“तो तुम हो न मेरा फोर‌एवर आर्मर” 

आपने उसकी आवाज सुनी थी मुझे बहुत डर लग रहा है।

 उसे मुझसे अच्छा कौन जान सकता है???

उसे तो मैं  ऐसा सबक सिखाऊंगा कि जिंदगी भर याद रखेगा। उसकी आवाज में गुस्सा भर उठा।

इस बार बात तुम्हारी है। तुम्हें कोई कुछ कहे मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।

शेखर वो आपको नुकसान पहुंचाना चाहता है। 

छोड़ो ये सब बातें मैं और तुम हम दोनों यहां अकेले हैं।

ये मौका मैं कैसे गंवा सकता हूं??? उसने उसे प्यार से अपनी बाहों में लेकर महसूस करते हुए कहा।

अच्छा आप फिर से बदमाशी पर उतर आए छोड़ें मुझे

अच्छा तुम खुद तो अलग नहीं होना चाहती और दिखावा कर रही हो। उसने हंसते हुए कहा।

सच तो ये था कि वो उसकी बाहों में सुकून और खुद को सुरक्षित महसूस कर रही थी।

चलो‌ टेरेस पर चलते हैं आज बहुत खूबसूरत रात है।

नहीं शेखर बहुत देर हो गई है। चलें सोते हैं। ठंड भी बहुत है। 

चलो न वो उसे जबरदस्ती टैरेस पर ले गया।

शेखर ने टैरेस की लाइट्स बंद कर दी।

 देखो चांदनी चारों तरफ बिखरी हुई है।  सामने पहाड़ देखो कितने खूबसूरत लग रहें हैं। 

वो चारों तरफ देखने लगी।

टैरेस बहुत खूबसूरत था। चांदनी रात ने एक अनोखा शमां बांधा हुआ था।

आओ इतनी दूर क्यों खड़ी हो??? वो उसके करीब आ कर खड़ा हो गया। 

“मैं तेरे इश्क में मर न जाऊं कहीं तू मुझे आजमाने की कोशिश न कर” 

शेखर आप मुझसे सच में प्यार करते हैं???  ये तो तुम्हें शादी के बाद पता चलेगा। शादी से पहले भी बता सकता हूं बता दूं क्या?? 

कोई जरूरत नहीं है मैं शादी के बाद ही समझ लूंगी।

“आई कैन एट लीस्ट गिव यू अ किस” उसकी आवाज में खुमारी थी। जिसे प्रिया ने महसूस किया।

मैं नीचे जा रही हूं।

” नहीं”

आप ऐसा नहीं कर सकते। मैं मम्मी से कह दूंगी। क्या कहोगी??? उसने उसका रास्ता रोक लिया।

इसलिए ही मैं यहां से जाना चाहती हूं। उसका स्वर रूआंसा हो उठा।

ओफ्फो! वो झुंझला उठा

सुनो तो एक बात बताओ क्या मैं इस धमकी के बाद तुम्हें वापस जाने दूं??? मैं दी के यहां रहूंगी।

आप सिक्योरिटी का इंतजाम करवा सकते हैं। 

ठीक है।

सुबह सबके सामने बात करता हूं। 

अगले दिन सुबह डाइनिंग टेबल पर ब्रेकफास्ट के बाद शेखर ने बातचीत शुरू कर दी।

पापा! कल रात प्रिया के फोन पर विक्रांत खन्ना के सेंवटीन मिस्ड कॉल थे। जब प्रिया ने फोन उठाया तो उसने धमकी दी कि इस शादी से पीछे हट जाओ।

अब चाहते क्या हैं ये लोग???

हमें पुलिस को इंन्फार्म करना चाहिए। 

क्योंकि ये उनकी जानकारी में लाना जरूरी है। 

पापा आप क्या सोचते हैं??? विक्रांत खन्ना ने ये फोन खुद के नंबर से किया है नहीं ये उसका नंबर नहीं है।

पापा मैं सोच रहा हूं कि क्यों न हम कोर्ट मैरिज कर लें। उसके बाद तय दिन ‌पर शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ के साथ कर लेंगे।

प्रिया सुन कर चौंक पड़ी।

शेखर के मम्मी पापा और दादी को भी झटका‌ लग गया।

तुम्हारा दिमाग खराब है दादी ने बेहद गुस्से से कहा।

हमारे खानदान में ऐसा कभी नहीं हुआ ये कहते हुए उन्होंने प्रिया की तरफ देखा। 

प्रिया उनकी तीखी नजरों से जैसे जमीन में गड़ गई।

क्या हुआ???अब उंगलियों में गिनती के दिन बचे हैं। इतना तो ‌सब्र कर ही सकते हो।वो नाराज होकर प्रिया और शेखर दोनों को देख रही थीं।

शेखर ने  प्रिया की तरफ देखा वो समझ गया कि वो शर्मिंदा हो गई है।

प्रिया मम्मी पापा और दादी की नजरों से बच कर वहां से भाग जाना चाहती थी। 

दादी ये सब मैं अपने प्वाइंट ऑफ व्यू से कह रहा हूं। इसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है।

ये इसकी सेफ्टी के लिए ठीक रहेगा न ही ये इस घर में रहते हुए ऑकव‌‌र्ड फील करेगी।

मम्मी पापा ने कहा सोच कर बताते हैं।

प्रिया अपने रूम में आकर फफक-फफक कर रो पड़ी।

वो उदास हो कर सिर पकड़ कर बैठ गई। वो अब भी उन तीनों की नजरें खुद पर महसूस कर रही थी।

शेखर आ कर उसके करीब बैठ गया। प्रिया उठ खड़ी हुई

वो खिड़की से बाहर देखने लगी। 

नाराज हो??? आपने आज मुझे सबके सामने जलील कर दिया उसके आंसू फिर से बह चले। वो लोग क्या सोच रहे होंगे कि मैंने ही आपको ये सब कहने को कहा है।

आपने देखा कि दादी मुझे कैसी नजरों से  देख रही थीं??

मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है।

आप जाइए यहां से। 

शाम को मैं दी के घर चली जाऊंगी। और अकेले ही जाऊंगी मुझे किसी के साथ की कोई जरूरत नहीं है।

शेखर खामोश था वो समझ रहा था कि इस समय कुछ भी कहना बेकार है। 

इसलिए वह चुपचाप बाहर निकल गया।

इतनी जल्दी कोर्ट मैरिज के लिए कहने के पीछे उसका मक़सद क्या था?? सचमुच प्रिया की सेफ्टी ही इसकी वजह थी या इसके पीछे कोई और ही कारण था।

क्रमशः

©® रचना कंडवाल

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