काजल की शादी हुए अभी सिर्फ 6 महीने ही हुए थे। उसके पापा ने कितने शानो-शौकत से एक बड़े बिजनेसमैन ऋषभ से काजल की शादी कराई थी। जिसका मुंबई में बहुत बड़ा रेस्टोरेंट का बिजनेस था। सबको लगा था कि काजल को वह सब कुछ मिलेगा जो एक लड़की अपने पति से उम्मीद करती है
लेकिन मां-बाप को यह पता नहीं होता है कि एक लड़की के जीवन में पैसा ही सब कुछ नहीं होता है। बल्कि इससे बड़ा होता है प्यार। ऋषभ के पास पैसा तो बहुत था लेकिन उसके पास काजल को देने के लिए समय नहीं था।
इन 6 महीनों में काजल को मुंबई शहर काटने लगा था ऐसा लगता था कि इस महानगर में वह अकेले रहती है। दिन भर फ्लॅट के अंदर बंद पड़ी-पड़ी एक कठपुतली बन गई थी ना किसी से मिलना जुलना ना किसी से बोलचाल।
देर रात ऋषभ घर आता था खाना खाता था और फिर अपने किसी जानकार से फोन पर काफी देर तक बातें करने लग जाता और ऐसे में काजल को कब नींद लग जाती थी। काजल को भी पता नहीं चलता था। सुबह होते ही काजल सोई ही होती थी तब तक ऋषभ घर से बाहर निकल जाता था।
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धीरे-धीरे काजल डिप्रेशन में चली गई थी उसे अब सिर में दर्द भी रहने लगा था उसकी मानसिक स्थिति पहले से खराब हो गई थी। काजल की एक दोस्त मानसिक रोगियों के डॉक्टर थी उसने उसे फोन करके अपनी व्यथा बताई।
उसकी दोस्त मीरा ने काजल को बताया कि देख भाई तेरी बीमारी का इलाज यही है कि तू ऋषभ से बैठकर इत्मीनान से बातें कर, उसे अपनी समस्याएं बता, अपनी फीलिंग शेयर करो, क्योंकि इसकी कोई दवा नहीं है।तुम दोनों एक साथ समय बिताओ कहीं वीकेंड पर बाहर घूमने जाओ।
लेकिन काजल कैसे अपने दोस्त मीरा से बताएं कि जिसके पास एक बात तक सुनने का समय नहीं है उसके सामने कैसे हाल ए दिल बयान करें। उस इंसान के लिए तो पैसा ही सब कुछ था, सुबह-शाम सिर्फ पैसा पैसा पैसा।
एक दिन सुबह न्यूज़पेपर पढ़ रही थी तो एक स्कूल में टीचर की वैकेंसी निकली हुई थी काजल ने सोचा कि वहां पर अप्लाई कर देती हूँ। अगर वहां पर सिलेक्शन हो जाता है तो मेरा टाइम पास भी हो जाएगा। यह सोचकर अगले दिन वह उस स्कूल में जाने को सोच लिया।
सुबह जब ऋषभ घर से निकलकर ऑफिस जाने के लिए तैयार था काजल ने बोला कि मुझे एक इंटरव्यू के लिए जाना है, क्या आप मुझे वहां तक छोड़ सकते हो? इस बात पर ऋषभ कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई ना ही काजल को मना किया, उसने बस इतना ही बोला काजल वैसे तुम्हें जॉब करने की कोई जरूरत नहीं है
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अगर फिर भी तुम्हें मन है कि मैं जॉब करूं तो जाकर कर सकती हो लेकिन अभी मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं है कि मैं तुम्हें वहां तक छोड़ पाऊंगा। तुम ऐसा क्यों नहीं करती हो एक कैब बुक कर लो और जाकर इंटरव्यू दे आओ।
काजल निराश हो गई वह सोच रही थी कि कैसे कटेगी मेरी जिंदगी इस इंसान के साथ, जिसके पास मेरे लिए 24 घंटे में 10 मिनट नहीं है । जब ऋषभ को मेरे लिए समय ही नहीं था तो इसने आखिर मेरे साथ शादी किया ही क्यों? कभी भी यह नहीं पूछता है चलो आज कहीं सिनेमा देखने चलते हैं या कहीं घूम कर ही आते हैं।
कई बार तो देर रात तक ऋषभ का इंतजार करते-करते बाहर सोफे पर ही सो जाती हूं।
इतनी देर में ऋषभ ऑफिस के लिए बाहर निकल कर चला गया था। काजल के आंखों से आंसू टपकने लगा था। उसका मन किया कि वह फूट फूट कर रोए लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
और अपने आप को हिम्मत बांधी और खुद से बोली अब मैं कभी भी नही रोउंगी आखिर जब मेरा कोई आंसू पोछने वाला ही नहीं है और ना ही मेरी कोई चीख सुनने वाला है तो इस रोने का क्या फायदा। उसने अपने फोन से उसी समय एक कैब बुक की और इंटरव्यू के लिए चली गई।
कैब स्कूल के तरफ जा रहा था। रास्ते में बैठे-बैठे काजल का मन बिल्कुल ही भर आया था। वह मन ही मन सोचने लगी थी, कब तक वह प्यासी रहेगी, कोई तो उसकी प्यार की प्यास बुझाए, कोई तो हो जिसे वह कभी अपने बाहों में जकड़ कर, कभी उसे सीने से लगाकर, भरपूर प्यार करे जब वह रूठ कर जाने लगे तो एक हाथ से उसे जबरन खींच कर अपने पास बैठा ले, कुछ देर और साथ की गुहार लगाये, उसके बालों को सहलाते हुए और माथे को चूम कर पूछे कैसी हो आज, क्या किया दिन भर, मेरी याद आई कि नहीं, प्यार उसे बस प्यार चाहिए लेकिन प्यार उसके नसीब में मुमकिन नहीं था।
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ऐसे ही सोचती-सोचती जा रही थी तब तक अचानक ड्राइवर ने ब्रेक लगाया और बोला मैडम जी आपका स्कूल आ गया। काजल ने अपने आप को जल्दी से ठीक-ठाक किया, ड्राइवर को अपने पर्स से पैसे निकाल कर दिया और स्कूल के तरफ चल दी। गेट के अंदर जाते ही गार्ड ने काजल से स्कूल में जाने का कारण पूछा तो उसने इंटरव्यू के कॉल लेटर को दिखाया। गार्ड ने बोला ठीक है मैडम आप जा सकती हैं।
स्कूल के अंदर काजल गई तो वहां पर कई लोग इंटरव्यू देने के लिए लाइन में खड़े थे। कुछ देर इंतजार करने के बाद काजल का नंबर आया, काजल जैसे ही प्रिंसिपल रूम में गई प्रिंसिपल की सीट पर जो इंसान बैठा था। उसे देखकर काजल को तो यकीन ही नहीं हुआ कि अरे यह तो रोहित है
उसका रोहित जिसे वह कॉलेज के दिनों में बहुत प्यार करती थी और रोहित भी उसे बहुत प्यार करता था लेकिन दोनों एक दूसरे को कभी भी इजहार नहीं कर पाए। क्योंकि रोहित का सपना बड़ा आदमी बनना था।
रोहित अपने जीवन में बहुत बड़ा करना चाहता था। आज उसने अपने इस मुकाम को हासिल कर लिया था रोहित कई सारे प्राइवेट स्कूल का मालिक है. रोहित भी काजल को देखकर पहचान गया था और उसने भी आश्चर्य से पूछा अरे काजल तुम यहां कैसे?
सुना है मैंने कि तुम्हारी शादी तो एक बहुत बड़े बिजनेसमैन से हुई है फिर यह इंटरव्यू देने कुछ समझ नहीं आया माजरा। अब काजल रोहित से क्या बताती। कॉलेज के दिनों से जिस प्यार के लिए वह तड़पती रही है। आज तक वह अभी भी प्यासी थी उन दिनों में रोहित से वह बहुत प्यार करती थी। और शायद रोहित भी करता था लेकिन दोनों एक दूसरे को कभी भी इजहार नहीं कर पाए थे। फिर उसी दौरान काजल की भी शादी हो गई थी।काजल ने बताया कि घर में अकेले रहती हूं, बोर हो जाती हूं इस वजह से मैंने सोचा कि क्यों ना कोई जॉब कर लेती हूँ , जिससे मेरा टाइम पास भी हो जाएगा।
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रोहित बोला काजल अब तुम्हारा इंटरव्यू क्या लेना मुझे पता है कि जिस बच्चे को तुम्हारे जैसा टीचर मिल जाएगा उस बच्चे की तो लाइफ ही बन जाएगी। तुम क्या सच में जॉब करना चाहती हो? काजल बोली हां रोहित मुझे तो पता ही नहीं था कि इस स्कूल के प्रिंसिपल और मालिक तुम्हीं हो। वरना मैं कभी भी इंटरव्यू देने नहीं आती। मगर अब आ गई हूं तो बाकी तुम्हारी मर्जी है, तुम्हें अगर ऐसा लगता है कि तुम्हारी स्कूल के लिए मैं योग्य हूं तो तुम मुझे जॉब पर रख सकते हो।
रोहित बोला कि मैं इतनी अच्छी टीचर को कैसे छोड़ सकता हूं। काजल की वहां नौकरी पक्की हो गई अगले दिन से स्कूल जाने लगी। काजल को ऋषभ की इस बात की भी तकलीफ थी वह एक बार भी नहीं पूछता था कि वह स्कूल में पढ़ाने जाती है तो उसका मन लगता है या नहीं लगता है उस बारे में एक बार भी बात नहीं करता था। समय के साथ काजल और ऋषभ में दूरियां बढ़ने लगी कहने को तो वह दोनों पति-पत्नी थे। वह साथ रहते तो थे लेकिन एक अजनबी की तरह। इधर रोहित और काजल की नजदीकियां बढ़ना शुरू हो गई थी।काजल ने रोहित से पूछा कि क्या तुम अपने घर नहीं ले चलोगे मुझे भाभी और बच्चों से नहीं मिलाओगे ।
रोहित ने हंसते हुए कहा, “अरे काजल क्या बात कर रही हो तुम! मैंने अभी तक किसी से शादी कहां किया। बस तलाश है एक तुम्हारी जैसी लड़की की जिस दिन मिल जाएगी उस दिन शादी कर लूंगा। समय के साथ ही रोहित और काजल में नजदीकियां इतनी बढ़ गई थी कि अब वह एक दूसरे के बिना रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। काजल ने भी अब ऋषभ से तलाक लेने को सोच लिया था क्योंकि उसके साथ वह सोच रही थी कि ऐसी जिंदगी जीने से क्या फायदा जिसे एक दूसरे के बारे में कोई कदर ही ना हो
उसे सिर्फ अपने बिजनेस से मतलब है मैं क्या कर रही हूं कहां जा रही हूं कहां आ रही हूं उसे इस से कोई मतलब नहीं था। एक दिन रात में आखिर काजल ने ऋषभ से अपने रिश्ते को खत्म करने की बात कही डाली। यह सुनते ही ऋषभ को ऐसा लगा जैसे किसी ने 440 वोल्ट का करंट लगा दिया हो।
ऋषभ बोला कि काजल तुम क्या बात कर रही हो तुम होश में हो या नहीं? काजल बोली होश में ही हूँ ऋषभ तुम्हारे लिए मैं क्या हूं तुम अपने 24 घंटे की जिंदगी में से मेरे लिए कितने मिनट निकालते हो। ऋषभ बोला भाई अगर यह सब मैं मेहनत करता हूं तो किसके लिए करता हूं यह सारे पैसे यह किसके हैं यह सब तुम्हारे ही तो हैं।
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काजल ने बोला मुझे नहीं चाहिए तुम्हारी यह पैसे तुम्हें ही मुबारक हो मुझे चाहिए तुम्हारा प्यार लेकिन लेकिन वह तुम्हारे पास है नहीं देने के लिए। ऋषभ बोला “तुम्हारी फालतू की बातें मुझे समझ नहीं आती इंसान को प्यार खाने को नहीं देगा अगर जेब में तुम्हारे ₹1 नहीं हो तो फिर तुम्हारा प्यार काम नहीं आएगा और ना ही तुम्हारी यह बकवास सी बातें मुझे समझ आती है।” अगर तुम्हें सचमुच मुझसे तलाक चाहिए तो मुझे कोई एतराज नहीं है लेकिन मैं तुम्हारे लिए और प्यार नामक बकवास चीज के लिए मैं अपने बिजनेस को नहीं छोड़ सकता। कुछ दिनों के बाद ऋषभ और काजल का तलाक हो गया था।
काजल और रोहित ने 1 महीने के अंदर ही एक दूसरे से शादी रचा लिया था पहले एक -दो महीने तो खूब प्यार से रोहित और काजल रहे। काजल को ऐसा लग रहा था कि वह कितने दिन से प्यार की प्यासी थी अब जाकर उसकी प्यास बुझने वाली थी। लेकिन यह जिंदगी ज्यादा दिन तक काजल के नसीब में नहीं थी धीरे-धीरे रोहित ने अपने स्कूल के फ्रेंचाइजी अलग-अलग शहरों में देना शुरू किया उसके स्कूल भारत के एक नामी गिरामी स्कूल में गिनती होने लगी अब वह स्कूल के मैनेजमेंट में इतना ज्यादा बिजी हो गया कि अब उसके पास भी काजल के लिए देने को बिल्कुल भी समय नहीं था।
काजल फिर पहले की तरह अकेले हो गई थी। काजल अब यह समझ गई थी एक स्त्री की व्यथा यही होती है। जिस प्यार और चाहत की लालच में वह सब कुछ छोड़कर रोहित के पास आई थी फिर से वही पुरानी दुनिया में वापस लौट आई थी सिर्फ आदमी बदला था कल ऋषभ था आज रोहित हो गया। लेकिन जिंदगी उसकी वैसे की वैसे ही रह गई फिर से वही इंतजार और अकेलापन। क्योंकि रोहित अक्सर अपने बिजनेस के सिलसिले में अब बाहर रहता था।
सच ही कहा गया है इंसान को दोनों चीजें एक साथ नहीं मिलती है या तो प्यार मिलेगा या तो पैसा मिलेगा अगर आपको पैसा चाहिए तो प्यार से तो दूर होना ही पड़ेगा अगर प्यार चाहिए तो फिर पैसा नहीं मिलेगा अब आपको डिसाइड करना है कि आपको आखिर चाहिए क्या प्यार या पैसा।