ये क्या बहु ..!! तुम बिना घूँघट किये बाहर से चली आ रही हो ,सारे मोहल्ले वाले देखेंगे तो क्या सोचेंगे ,हमारी इज्जत का जरा भी ख्याल नही है तुम्हे …!! हमारे खानदान मे बहुएँ बिना घूँघट बाहर नही निकलती कितनी बार समझाया है तुम्हे पर तुमने तो सास की बात न मानने की कसम खा रखी है ,तुम्हारी माँ ने तुम्हे सिखाया नही कि
ससुराल मे कैसे रहना है ….निकीता के घर मे आते ही सास शोभना जी ने हमेशा की तरह तानो की बौछार करनी शुरू कर दी |
निकिता की शादी छः महीने पहले ही हर्ष से हुई है |
उसकी ससुराल मे सास ससुर ,एक छोटी ननद पूर्वी और और उसके पति हर्ष ही थे ,छोटा परिवार था |
ससुराल मे निकिता के लिए बहु वाले सारे नियम लागू थे| सास तेज स्वभाव महिला थी घर मे उन्ही का शासन चलता था |घर के सारे कामो की जिम्मेदारी निकिता को सौंप
कर उन्होने घर के काम से मुक्ति पा ली थी |
निकिता ससुराल के माहौल मे रचने बसने की पूरी कोशिश करती थी ,घर की सारी जिम्मेदारी भी बखूबी संभालती थी ,पर फिर भी कुछ गलती हो जाए तो सास (शोभना जी)ताने देना शुरू कर देती थी कि तुम्हारी माँ ने तुम्हे सिखाया नही …!!
बात बात पर मायके वालो का अपमान करती थी ,निकिता अपने संस्कारों की वजह से चुप रहती थी और कोशिश करती थी कि उन्हे शिकायत का कोई मौका न दे|
निकिता दो दिन पहले मायके गयी थी रूकने के लिए ,आज जब हर्ष उसे लेने गया तो पता चला कि निकिता अपनी मौसी के यहाँ गयी थी जो थोडी ही दूरी पर रहती थीं ,हर्ष वहीं पर रुक कर उसका इतंजार कर रहा था तभी शोभना जी का फोन आता है, हर्ष उन्हे बताता है
कि निकिता अपनी मौसी के यहाँ गयी है ये सुनकर शोभना जी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया कि बिना उनकी इजाजत के वह किसी रिश्तेदार के यहाँ कैसे चली गयी,फोन पर हर्ष से न जाने क्या बात हुई हर्ष उसे लेने उसकी मौसी के घर पहुँच गया ,वो बहुत गुस्से में था|
वहां जाकर वो निकिता को भला बुरा कहने लगा और बिना बताए मौसी के यहाँ आने के लिये डांटने लगा , और तुरंत ही वहां से चलने को कहा |
वहां उसको अचानक इस तरह आया देखकर सभी आश्चर्यचकित थे ,सबने उसे समझाने की कोशिश की तो उनको भी अपशब्द कहने लगा ,बेचारी निकिता के शर्म और अपमान के कारण आँसू नही रुक रहे थे |
हर्ष उसे लेकर सीधे अपने घर आ गया था ,हर्ष के व्यवहार से दु:खी निकिता रोते हुए कब घर आ गयी थी उसे पता ही न चला था |
और घर मे कदम रखते ही शोभना जी ने उसे फटकारना शुरु कर दिया ,कि तुम बिना घूंघट चली आ रही हो ,एक तो बिना बताये अपने रिश्तेदार के यहाँ चली गयी यही सिखाया है तुम्हारी माँ ने तुम्हे ….!!
निकिता जो कि हर्ष के बर्ताव से पहले ही बहुत क्षुब्ध थी ,आते ही सास के ताने सुनकर उसका सब्र का बाँध टूट गया |
वह बड़ी विनम्रता से सास बोली ” मम्मी जी ,मेरी माँ ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है , और ससुराल मे कैसे रहना है आप सिखा ही रही हैं ,पर मुझे लगता है कि कुछ संस्कार आपको अपने बेटे को भी देने चाहिए थे कि दामाद होकर ससुराल मे किसी के यहाँ बिन बुलाए ना पहुँच जाय और किसी का अपमान करने का अधिकार तो उन्हे बिल्कुल भी नही है |
हर्ष ने निकिता से कहा कि तुम माँ से बदतमीजी कर रही हो |
निकिता – मैं माँ से बदतमीजी नही कर रही हूं बल्कि उन्हे
बता रही हूं कि अपने बेटे को समझाए कही ऐसा न हो कि उनका नया शादीशुदा बेटा जल्द ही तलाकशुदा हो जाए|
निकिता से ऐसे जवाब की दोनो को उम्मीद न थी ,तलाक का नाम सुन और उसका क्रोध देख दोनो ने शान्त रहना ही उचित समझा ,और शोभना जी ने ऐसा दुबारा ना होने का आश्वासन दे अपने कमरे मे चली गयी|
स्वरचित
रिंकी श्रीवास्तव