अधूरी डायरी – लतिका श्रीवास्तव

हैप्पी रिटायरमेंट डे प्रभात जी के उठते ही नमिता जी ने चाय की प्याली के साथ ताजा गुलाब पकड़ाते हुए कहा तो प्रभात जी मुस्कुरा उठे। धन्यवाद श्रीमती जी आज तो मेरा स्वतंत्रता दिवस है चाय का कप उठाते हुए कह उठे। हां आज ही बस ऑफिस जाना है आपको।आज तो आराम से जाइए ऑफिस … Read more

बेटी, बेटा एक समान – विमला गुगलानी

सुशीला रसोई में जल्दी जल्दी हाथ चला रही थी और कामवाली रेशमा को भी मन ही मन कोसे जा रही थी।जब भी घर में मेहमान आने हो, ये महारानी छुट्टी करके बैठ जाती है, और ये भी नहीं कि एक दिन पहले बता दे, सुबह ही फोन करेगी।     तभी कौशल जी रसोई में आए और … Read more

रिश्ते अहंकार से नहीं,त्याग और माफ़ी से टिकते हैं – मीनाक्षी

रिश्ते, प्यार और त्यागइतना अहंकार नहीं। यह अच्छा नहीं होता।इसी तरह की एक कहानी है आदेश की, जिसे अहंकार था।वो जो भी ऊँचे मुकाम पर था, अपनी बदौलत समझता था। उसे न पिता से मतलब था, न माँ से। इकलौता बेटा था। पिता ने कितनी मेहनत करके आदेश को पढ़ाया-लिखाया था। दिन-रात नौकरी करता। उसे … Read more

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