रिश्ते – खुशी

हर रिश्ते की अपनी गरिमा है और ये एक दूसरे के साथ विश्वास पर ही टिकते है और यदि थोड़ा झुक जाए तो शायद ये टूटते टूटते भी बच जाते है। ये कहानी है अनुराग और आशा की अनुराग एक मध्यमवर्गीय लड़का जिसके परिवार में माता पिता आनंद और शकुन्तला,बड़ा भाई गौरव उसकी पत्नी पूजा … Read more

साक्षात् दुर्गा – विभा गुप्ता

       ” ये क्या चंदा..आज फिर से…तू एक बार उसका हाथ पकड़कर ऐंठ क्यों नहीं देती।तेरी कमाई खाता है और तुझ पर ही हाथ…।खाली ‘दुर्गा मईया सब ठीक कर देंगी’ कहने से नहीं होता है..दुर्गा बनना भी पड़ता है..।” अपनी कामवाली के चेहरे और हाथ पर चोट के निशान देखकर आरती गुस्से-से उस पर चिल्लाई।       ” … Read more

रिश्ते अहंकार से नहीं,त्याग और माफ़ी से टिकते हैं – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

त्याग और माफ़ी दो ऐसे शब्द हैं जिन्हें आप जितना भी करते जाओ कभी उनकी सीमा ख़त्म ही नहीं होती क्योंकि जिन्हें आपके त्याग और माफ़ी की कद्र नहीं है वे कभी उसका मूल्य नहीं समझते और आपसे सदा त्याग की ही उम्मीद करते जाते हैं और वो भी बिना कोई श्रेय दिए और वे … Read more

छुटकू – बीना शुक्ला अवस्थी

आज चॉदनी का जागती ऑखों से देखा सपना पूर्ण हो गया है। इस कालोनी में फ्लैट लेना उसका बहुत बड़ा सपना था।  आज  सुबह ही उसके फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है और वह सीधे यहीं आ गई। उसने हल्के हाथों से उस नन्हें पौधे का सहलाया जो धीरे-धीरे विशालकाय वृक्ष बनने की राह पर अग्रसर … Read more

रिटायरमेंट – सुनीता माथुर

प्रियांशी बैंक मैनेजर थी आज बहुत खुश थी उसका रिटायरमेंट था बैंक के सभी लोगों ने रिटायरमेंट की पार्टी की तैयारी कर रखी थी प्रियांशी के पति विकास भी बहुत खुश थे क्योंकि—- वह भी पहले बैंक में ही डायरेक्टर थे और 2 साल पहले ही—— रिटायर्ड हो गए थे! सोचा था प्रियांशी के रिटायर्ड … Read more

जीवन का मूल मन्त्र – एम पी सिंह

मि. और मिसिस गुप्ता कि शादी को 10 साल हो गए थे। इन 10 सालों मे शायद ही कोई दिन ऐसा होता हो कि दोनों झगड़ते न हो। झगड़े कि वजह कोई बड़ी नहीं होती थी, गुप्ता जी बस यही शिकायत करते कि चाय ठंडी है, चाय अब तक क्यों नहीं मिली, दाल में नमक … Read more

आग पर तेल छिड़कना – विनीता सिंह

सरला जी ने अपने बेटे की  शादी की थी ,उनकी बहू सुरभि जो की एक पढ़ी-लिखी और समझदार लड़की है। लेकिन दोनों की सोच में जमीन आसमान का अंतर था ।सरला जी जहां परंपरा को मानने वाली और उनका विचार था की बहू को घूंघट में रहना चाहिए, और वहीं दूसरी तरफ सुरभि  खुले विचारों … Read more

बद्दुआ –  हेमलता गुप्ता

तो आप पापा जी की रोटी में इतना भर भर के घी लगा रही हैं तभी मैं सोचूं आपके यहां आने के बाद घर में राशन इतनी जल्दी खत्म क्यों जाता है, एक बात बताइए मम्मी जी.. क्या आप गांव में भी पापा जी को ऐसी रोटी देती है या अपने बेटे के यहां पर … Read more

रिश्ते बनते नहीं, बनाने पड़ते है – विमला गुगलानी

    आराधना और करिश्मा एक ही स्कूल में लगभग पिछले दस सालों से इकट्ठी नौकरी कर रही थी। दोनों में खूब पटती थी। आराधना करिशमा से थोड़ी सीनियर थी और उम्र में सात आठ साल बड़ी थी।आराधना उसी शहर की रहने वाली थी, शादीशुदा , दो बच्चों की मां थी। करिश्मा इस शहर में शादी के … Read more

यह बात तो भगवान शिव ने पार्वती को भी समझाई थी – बीना शर्मा

कनिका को जब पता चला कि उसकी भतीजी पुरवा का रिश्ता पक्का हो गया और कुछ दिन बाद उसकी शादी होने वाली है तो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा था। वह खुद ही अपनी भतीजी की शादी में जाने की तैयारी करने लगी थी। जब कनिका के पति सुजीत ने कनिका को पुरवा की … Read more

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