पता नहीं तुम लोगों को कैसे संस्कार मिले हैं – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

वैसे तो मंजूजी अपने पोतों, पारस और मानस से बड़ा लगाव रखती थीं पर जब भी उनसे नाराज़ होतीं,तो अपनी बहू आभा को ज़रूर लपेट लेती थीं। आभा चाहे उस जगह पर मौजूद हो या न हो,अगर बच्चे कुछ भी शैतानी करते,तो बच्चों को डांटने के साथ साथ उनसे कहतीं,”पता नहीं तुम लोग कैसे हो,हमारे … Read more

आत्मनिर्भर – अंजना शर्मा : Moral Stories in Hindi

श्रीमती शुक्ला अभी कुछ माह पहले ही केन्द्रीय विद्यालय से सेवानिवृत्त हुई है। शुरू से ही क्योंकि मायके में भी पिताजी हेडमास्टर थे मिडिल स्कूल के तो घर का वातावरण बहुत अनुशासित था, तो सुनीता शुक्ला जी को भी आदत थी अपने सभी काम समय पर और ख़ुद से ही करने की । अब बेटा … Read more

साजिश परिवार में होता है क्या – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी! वह आप लोगों से पापा की बात हुई थी ना मेरी पढ़ाई को लेकर? मेरा काफी क्लास छूट गया है, शादी की वजह से, सोच रही हूं कल से ही कॉलेज जाना शुरू कर दूं, परीक्षा भी जल्द ही होनी है, नव्या ने अपनी सास प्रभा जी से कहा  प्रभा जी:  हां बात … Read more

बिखरी हंसी, बिखरा मन – ज्योति आहुजा : Moral Stories in Hindi

सुबह के 6:00 बजे थे। अलार्म की घंटी लगातार बज रही थी। “उफ्फ! अदिति। अलार्म की घंटी कब से बज रही है, इसे बंद करो। मेरी नींद खराब हो रही है।” आधी नींद में बड़बड़ाते हुए अर्जुन ने अदिति से कहा। अदिति ने जैसे-तैसे अलार्म बंद किया और बहुत ही बेमन से उठी और हाथ-मुँह … Read more

अपने बच्चो को बचाइये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” निखिल क्या कर रहे हो इतनी रात को!” पानी ले जाती आशा अपने बेटे के कमरे से आती रौशनी देख उसके कमरे मे आई और बोली. ” मम्मा हम कुछ दोस्त है जिनकी पहचान ऑनलाइन गेम खेलते हुई थी.. इसमे कुछ इंडिया के है कुछ बाहर के भी बस उन्ही से थोड़ी चैटिंग चल … Read more

 छत वाला कमरा – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मैं नेहा, पापा ने मेरा विवाह बहुत धूमधाम से करवाया। मेरे बड़े भाई विजय की शादी हो चुकी थी, उसकी पत्नी नैना, बहुत तेज स्वभाव की थी। उनके दो बच्चे थे, एक बेटा और एक बेटी।   मेरी मम्मी की मृत्यु हो चुकी थी। मम्मी के जाने के बाद पापा बिल्कुल अकेले हो गए थे। जब … Read more

ज़रूरी नहीं हर कहानी घर की कहानी एक जैसी हो – गीतू महाजन, : Moral Stories in Hindi

“सुनो जी,शिप्रा पांच बजे तक पहुंच जाएगी तो उसकी पसंद की प्याज़ की कचौड़ियां आ और गुड़ वाला हलवा याद से ले आए थे ना आप”,रीमा जी ने घड़ी में देखते हुए अपने पति रमाकांत जी से कहा। “तुमने मुझसे कब कहा यह सब लाने को..अब तो चार बज रहे हैं और तुम्हें पता है … Read more

समय रहते समझ आ गई- विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    “ यूं रूठो न हसीना, मेरी जान पे बन जाएगी”        पार्क के एक कोने में पेड़ों की ओट में  बैठे आर्यन ने एकता के आने पर जब हौले से ये गीत गुनगुनाया तो वो धीमे से मुस्करा दी। सच में ही वो पिछले हफ्ते से आर्यन से नाराज चल रही थी। दोनों एक ही आफिस … Read more

दादी का मी टाइम – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“माँ, दादी कहाँ है? दिख नहीं रही है। पूजा कर रही है क्या?” रूही ने चारों तरफ नजरें दौड़ाते हुए अपनी माँ से पूछा। पुणे में एमबीए की पढ़ाई कर रही रुही अचानक हुए लॉकडाउन के कारण हॉस्टल में ही फंस गई थी और कल देर रात ही महीने भर बाद स्पेशल ट्रेन से घर … Read more

भला कर दिया – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“…सच कहती हूं अम्मा… आज सवेरे भी जब मैं अपने आंगन से फूल तोड़ती आई हूं, तो मंझले काका आपके आंगन से ही निकल रहे थे…!” ” पर बिन्नी बहू… उनको भला मेरे आंगन से क्या काम है री…!” ” यह तो अम्मा मैं क्या जानूं… मैंने तो जो देखा वह बता रही हूं…!”  एक … Read more

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