पता नहीं तुम लोगों को कैसे संस्कार मिले हैं – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
वैसे तो मंजूजी अपने पोतों, पारस और मानस से बड़ा लगाव रखती थीं पर जब भी उनसे नाराज़ होतीं,तो अपनी बहू आभा को ज़रूर लपेट लेती थीं। आभा चाहे उस जगह पर मौजूद हो या न हो,अगर बच्चे कुछ भी शैतानी करते,तो बच्चों को डांटने के साथ साथ उनसे कहतीं,”पता नहीं तुम लोग कैसे हो,हमारे … Read more