परिवार – खुशी : Moral Stories in Hindi

रोहन और गीतांजलि दोनो काम काजी पत्नी थे। रोहन का बनारस में भरपूर। परिवार था।पिताजी बनारस यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक थे।मां घर संभालतीं दोनों बहने उनकी शादी हो गई थी। छोटा भाई सुनील भी कॉलेज में प्राध्यापक था रोहन को पत्रकारिता का शौक था इसलिए वो दिल्ली आ गया और गीतांजलि भी अच्छी पोस्ट पर लाइब्रेरी … Read more

बड़ी बहु – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

मैं शुभा परिहार परिवार की बड़ी बहु.. शादी के कितने साल गुजर गए इसकी गवाही मेरे चेहरे की सलवटें और बालों में आई सफेदी घुटने की तकलीफ और बहुत सी बीमारियां चीख चीख के देती है.. गिनने लायक जीवन के गुजरे वर्ष कहां थे जो याद रखती.. कोमल भावनाएं आत्मसम्मान इच्छाएं सब कुछ तो# बड़ी … Read more

हाँ मैं हूँ घर की बड़ी बहू – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

मायके की गलियों से निकल कर मस्तमौला पाखी ने जैसे ही ससुराल की दहलीज़ के भीतर पाँव धरे,” आपका स्वागत है बड़ी बहू “ के समवेत स्वर ने उसे चौंका दिया  अरे हाँ वो तो इस घर की बड़ी बहू ही बन कर आई है ।अपने घर में सबसे छोटी पाखी ज़िन्दगी को ज़िन्दादिली से … Read more

बड़ी बहु – खुशी : Moral Stories in Hindi

रागिनी एक मध्यमवर्गी परिवार की लड़की थी।घर में माता पिता 4 भाई बहन एक प्यारा सा परिवार था।पिताजी राम चंद्र जी एक दुकान पर मुनीम का काम करते थे।  रागिनी बारहवीं पास कर चुकी थी और कभी कभी दुकान पर खाना और दवाई देने अपने पिताजी को दुकान पर आती वही उसकी एक दो बार … Read more

लौटता वसंत – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

 आभा..सोसाइटी की सबसे कम उम्र की सदस्या थी ।सोसायटी ज़्यादातर संभ्रांत ,वृद्ध लोगों ने ख़रीद रखी थी। जिनमें कुछ अकेलेपन से शिकार थे ,तो कुछ अपनों के सताए हुए थे। तथाकथित विकसित समाज के ,विकसित लोगों का सुविधायुक्त वृद्धाश्रम था वह। सभी ने अपने अपने छोटे छोटे फ्लैट ख़रीद रखे थे। और अपनी सभी सुविधाएँ … Read more

लड़की भी गलत होती है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” खानदान की बड़ी बहू बनकर जा रही हो बेटा पूरे खानदान को एक सूत्र मे पिरो कर रखना तुम्हारा फर्ज होगा !” बारात आने से पहले आनंद बाबू ने बेटी दीक्षा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। ” पापा क्या सारे फर्ज बहू को ही निभाने होते है , मैं उस घर मे … Read more

बड़ी बहू – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

निकिता..! तुम्हारे जेठ सलिल विवाह क्यों नहीं करना चाहते  हैं..?? अच्छी खासी उम्र है फिर भी कुंवारे बैठे हैं!! मेरे परिवार में एक लड़की है तुम कहो तो मैं बात चलाऊं?एक बार तुम अपने सास ससुर से बात करके देखो! सलिल मान जाते हैं तो मुझे बताना, चाची बोली। सच में..! सलिल भैया देखने में … Read more

घर टूटने पर आखिर हर बार बेटे-बहू को ही दोष क्यों दिया जाता है?? – निकिता गर्ग : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक छोटे से घर में, सुनील और कविता अपने बेटे सुमित और बहू प्रिया के साथ रहते थे। सुनील और कविता ने अपने जीवन की सारी मेहनत और प्यार से इस घर को बनाया था। जब सुमित की शादी प्रिया से हुई, तो सबने सोचा कि अब घर में खुशियों की बहार आएगी। … Read more

दोषी कौन – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

दफ्तर से आकर जब राघव ने नेहा को बताया कि वह कार्यालय के काम से जयपुर जा रहा है,चाहे तो वह भी साथ चल सकती है,तो नेहा ख़ुशी से चहक उठी, आखिर उसने अपना बचपन जयपुर में ही तो बिताया था। जयपुर जाने के लिए गाड़ी में बैठते ही नेहा बचपन की यादों में खो … Read more

बड़ी बहू – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

किरण को आज नींद नहीं आ रही थी ,उसे बार — बार ये ख्याल आ रहा था कि कही कल सुबह उठने में देर न हो जाए …   मुकेश जी ने करवट बदलते हुए कहा ,अरे  तुम सो क्यों नहीं रही ? क्या बात है  , कुछ बताओगी ? अरे कुछ भी नहीं , … Read more

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