Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

माँ का त्याग – चाँदनी झा  “तकदीर बदल दिया तुमने बेटा, मुझे तुम पर गर्व है।” मीनाजी के इतना कहते ही छोटी,…अतीत में खो गयी, पूरे घरवाले का विरोध कर मुझे स्नातक करवाया माँ ने। घरवालों की मानसिकता, बेटी की शादी कर छुटकारा पाओ, से लड़ी। मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया, मेरी पढ़ाई के खर्च के … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

# अपनेपन की महक – सुनीता माथुर  प्रिया तुम दौड़ दौड़ के अपनी सहेली मीना के घर जाती हो अपनी पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो कुछ घर के काम सीखो क्या बात है। मम्मी आपको पता है मीना की दादी मेरा रोज इंतजार करती हैं और कुछ भी उनके घर बनता है मेरे लिए थोड़ा सा … Read more

ढलती सांझ का सूरज – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 जैसे दिन समाप्त होने पर ढलती सांझ आ जाती है और फिर रात्रि।इसी तरह जवानी बीत जाने पर बुढ़ापा आता है और वह ढलती सांझ की तरह होता है इसी ढलती सांझ के दो साथी थे एस के यानी सुंदर कुमार और जुगल कपूर। दोनों पक्के दोस्त थे।   दोनों रिटायर हो चुके थे और सुबह … Read more

उफान – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   ‘अरे ! राधा! ध्यान कहां है तुम्हारा ?  कितनी लापरवाही से काम करती हो आजकल ? आज फिर तुम से सारा दूध उबलकर भगोने से बाहर आ गया ? तुमसे कितनी बार कहा है कि तुम्हें चार बर्नर पर एक साथ काम करने का कौशल नहीं है,क्योंकि अपने घर में तुम्हें इस प्रकार काम करने … Read more

आईना – बिमला महाजन : Moral Stories in Hindi

  वह काफी दिनों से पेट -दर्द से परेशान थी । कुछ भी खाने पर पेट भारी हो जाता, जी मिचलाने लगता,हर समय पेट में जलन होने लगती थी । जब तकलीफ सहन से बाहर हो गई थी तो   के पास जाना पड़ा । डॉक्टर साहब ने पथरी का संदेह व्यक्त किया और कुछ परीक्षण … Read more

जीवन संध्या – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“तुम्हें कितनी बार कहा दरवाजे पर खड़ी ना मिला करो” सुरेश जी ने घर का गेट खोल कर अंदर आते हुए सीमा जी से कहा!”इतनी ठंडी हवा चल रही है और बिना शाॅल लिए बाहर खड़ी हो! चलो अंदर चलो”,और कुर्सी पर पड़ा शाॅल सीमा जी को उढ़ाकर उन्हें हाथों का सहारा देकर अंदर ले … Read more

कुछ सुलगते प्रश्न – बिमला महाजन : Moral Stories in Hindi

 “मैं अकेला रह गया हूं ” सोमेश को दख कर राजेश फफक फफक कर रो पड़ा था  ।उस  के लिए भी अपने आप को सम्हालना ‌ कठिन हो गया था । उसने बड़ी  कठिनाई से राजेश को सांत्वना दी । धीरे धीरे दोनों  नार्मल हुए । घर आकर भी वह बेचैन ही रहा ।बार बार … Read more

मायके में मीन मेख क्यों??? – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

 देवीना शाम को मायके आती है, वह खाना खाकर, रात में मां से बात करने बैठ कर रह जाती है, उसे बात करते -करते देर हो जाती है, और उसकी भाभी भी काम निपटा कर अपने कमरे में सोने चली जाती , तब वह कहती है- माँ आज मैं यही सोऊंगी। तब मां बोलती -हां … Read more

न्याय – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राजा सूरज भान और रानी रूपमती का प्रेम सब जानते थे,रानी अपने नाम के अनुरूप सुंदरता की खान थीं और राजा की प्रेयसी,मित्र,हमदर्द और सबसे बड़ी सलाहकार। राजा उनपर बहुत विश्वास करते,हर वक्त उन्हें अपने साथ रखते,उनके खिलाफ,जाहिर है,कभी कुछ न सुनते। रानी को भी धीरे धीरे अहंकार होने लगा और उनका दुर्व्यवहार जनता से … Read more

ढलती सांझ – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

निरंजन जी आज काफी दिनों के बाद हल्का महसूस कर रहे थे, क्योंकि तकरीबन एक साल के बाद आज उन्होंने बैडमिंटनखेला था,वह भी अपने बेटे जैसे किराए दार अनूप के साथ। बर्ना तो पत्नी सुहासिनी के जाने के बाद तो उनकी जिंदगी एकदम बीरान सी हो गई थी।बस हरदम अकेले घर में अपने कमरे में … Read more

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