पछतावे के आंसू – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

प्रणव जी रिटायर्ड प्रिंसिपल एवं कावेरी जी भूगोल की प्रोफेसर थी। अपने इकलौते पुत्र रुद्र की नौकरी लगने के बाद रुद्र के विवाह के सपने सजाने लगी। उन्हें एक बेटी की बहुत चाहत थी लेकिन वह मंशा पूरी न हो सकी।  सोचा बेटे के विवाह के उपरान्त बेटी की इच्छा भी पूरी हो जाएगी। बहू … Read more

चार दिन की चाँदनी – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

बाबूल की दूआए लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले भावविभोर करती …सामने के घर में जहां कल कितनी रौनक थी आज बेटी की विदाई की तैयारी शहनाई वादन की मधुर धुन मन को विचलित कर रही थी। अपनी बाल्कनी में खड़ी मयूरी शादी की रौनक भीड़ भाड़ देख रही आज उसका मन पहले से … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

# अपना पराया – दीपा माथुर नागफनी आज दूब से अकड़ कर बोली ;” मुझे लोग शोक  से सजाते है। तुम्हारी तरह बाहर पटक कर नहीं रखते नम्रता की मूरत बनी फिरती हो? जोर से झटक कर बोली” हु” दूब मुस्कुरा कर कहने लगी ;” बहन मैं अपना पराया नहीं जानती जो मेरे पास आता … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

अहंकार – अविनाश स आठल्ये  खुल्ल.. खुल्ल… खुल्ल  अपने मित्र राहुल की बारात में आया वह हैंडसम युवक अपनी खाँसी से इतना परेशान था कि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा था। उसे परेशान देखकर, राहुल के मामाजी वैध  आलोक प्रसाद ने कहा, बेटा मैं तुम्हें कल से देख रहा हूँ, तुम खाँसी … Read more

पछतावे के आंसू – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“क्या मैंने बहुत देर कर दी?” ये विचार बार-बार अंकित के मन में कौंध रहा है और उसे अधीर कर रहा है। इसी विचार के साथ ही कैंपेगौडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बेंगलुरु की ओर दौड़ती टैक्सी में बैठा वह बेंगलुरु से नई दिल्ली की फ्लाइट के लिए इमरजेंसी टिकट बुक करता है। राजस्थान के भिवाड़ी का … Read more

*निकृष्टता* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     वोव-अंकल,आप इस उम्र में भी बड़े हैंडसम लगते हैं।ये नीला सूट अंकल आप पर खूब फब रहा है।       थैंक्यू, बेटा, बैठो प्राची बस आने ही वाली होगी।चाय साय तो चलेगी।       चलेगी-अरे अंकल दौड़ेगी।कहकर सोनम जोर से हंस पड़ी          मुकेश जी ने एक धौल सोनम की पीठ पर जमा कर कहा-हां हाँ बैठ तो।          मुकेश जी … Read more

सास से प्यार भरा रिश्ता – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अरे माला तू यहां कैसे माल में घूमते हुए जैसे ही रूपा की नजर माला पर पड़ी वह चहक कर बोली और दोनों गले लग गईं ।माला बोली अभी अभी छः माह पहले ही मेरे पति का स्थानांतरण यहां हुआ है। चल आज मैं जल्दी में हूं फोन नंबर दे और मैं अपना भेजतीं हूं।कल … Read more

नीयति का खेल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    अबोध तीन वर्षीय अनिकेत समझ ही नही पा रहा था,कि उसके साथ ये क्यों हो रहा है?पापा बोले थे कि अन्नू देख ये तेरी नयी मम्मी।मम्मी शब्द सुन अन्नू चौंका, उसे लगा मम्मी आ गयी,पर ये तो कोई और है,इसीलिये उसमें कोई उत्साह नही हुआ।पापा ने अन्नू को फिर समझाया, बेटा पहले वाली मम्मी तो … Read more

नीयत खोटी तो इज़्जत कैसी! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   ” खाना रखा है…ठूँस लो…।” टेबल पर थाली पटकती हुई शारदा बोली तो उसके जेठ धीरे-से बोले,” शारदा..मैं तुम्हारे पति का बड़ा भाई हूँ..इतना तो लिहाज़ करो…।”    ” जानती हूँ लेकिन लिहाज़ करने वाला कर्म किये होते तो ज़रूर आपको सिर पर बिठाती मगर आप तो…।” आँखें तरेरती हुई शारदा ने बिस्तर पर पड़े बासठ … Read more

” गलती” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या हुआ निशु इतना उदास क्यो हो ?” हेमंत घर मे आते ही पत्नी से पूछने लगा। “हेमंत पापा ने तुम्हारे साथ इतनी बतमीजी से बात की अपनी बेटी के पति से ..ये मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा !” निशु हेमंत को देख रोते रोते बोली। ” अरे तो इसमे इतना रोने वाली क्या … Read more

error: Content is protected !!