बस अब और नहीं! – प्रियंका सक्सेना: Moral stories in hindi

सुधीर  की सभी बातों को अनसुना कर राधिका तीर की तरह घर से निकल गई। नुक्कड़ पर राधिका थमी। एक रिक्शा को स्टेशन चलने को कह वो बैठ गई। साथ में एक बैग था जिसमें उसके सर्टिफिकेट थे और एक अटैची में कपड़े थे जो उसने अलमारी से निकाल कर अटैची में यूँ ही ठूस … Read more

प्रेम-विवाह – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

दादी,नानी और मां से यह कहावत सुनी थी कि इंसान पूरी दुनिया से जीत सकता है,पर अपनी औलाद से हार जाता है। ज़िंदगी भर घर-परिवार की जिम्मेदारी संभालते -संभालते कब ख़ुद की औलाद शादी लायक हो गई ,पता ही नहीं चला।शिखा की बेटी,मीनल अहमदाबाद में एम बी ए  कर रही थी।गुजराती ब्राह्मण परिवार से संबंध … Read more

बहू बहू है उसे बेटी जैसी क्यो बनाना – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” माफ़ करना मम्मीजी पता नही कैसे उठने मे देर हो गई !” नई बहू तान्या पल्लू संभालती हुई रसोई मे आई और सास सुलोचना जी से बोली। ” कोई बात नही बेटा इसमे माफ़ी वाली कौन सी बात है शादी कि रस्मो के कारण तुम थकी थी थोड़ा ज्यादा सो ली तो क्या फर्क … Read more

माँ दुख सहने की भी एक सीमा होती है…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“सबकी लाइफ़ में कोई ना कोई दुख तो होता ही है पर इतना दुख…..माँ तुम क्यों अपनी ज़िन्दगी को दुखों का भंडार बनाती जा रही हो….जितना सुनोगी सहोगी… सब बस तुम्हें ही सुनाएँगे और तुम अकेले यूँ ही बैठ कर रोती रहोगी ।” राशि अपनी माँ को समझाते हुए बोल रही थी. “ सब समझती … Read more

शादी का फैसला – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज मां के चेहरे की चिंता देखते हुए नीना ने मां से कहा -” मां मेरी शादी की इतनी चिंता क्यों??? लोगों का काम ही है ,दस बातें करें और सुनाए , आप सुनती ही क्यों हो ? क्या आप कह नहीं सकती, मेरी बेटी की जिंदगी का सवाल है, जब तक मेरी बेटी अपने … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

चालीस नम्बर की कोठी से निकल कर सोमा ने पचास नम्बर की कोठी की तरफ रूख किया,मन तो कर रहा था कि घर बापिस जाकर आराम करे बुखार से पूरा वदन दर्द कर रहा था।फिर सोचा हम गरीब कामबालों की यही मजबूरी है।तन साथ न दे तब भी काम करना पड़ता है,नहीं तो कोठी की … Read more

फैसला – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

अंजलि चल जल्दी-जल्दी ,अपना लंच बॉक्स बैग में डाल ले 9: बजे से तेरी क्लास स्टार्ट हो जाती है।  चेहरा बनाते हुए अंजलि बोल पड़ी, ” मां देखो ना,  मेरे सर के अंदर से कुछ अजीब सी आवाजें आ रही हैं, साथ में चक्कर भी आ रहा है।  इतना सुनते ही कावेरी झट से  बेटी … Read more

मेरे माफ करने से अब कुछ नहीं बदलेगा – बीना शर्मा : Moral stories in hindi

बेटे रजत की शादी के कुछ दिनों बाद जब उसकी मम्मी विमला  अपनी सास शकुंतला से मिलने आई तो उनके  आश्चर्य का ठिकाना ना रहा था उसका बेटा राकेश जब 5 साल का था तभी उसके पति रवि की दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हो गई थी पति के जाने के बाद शकुंतला … Read more

बीमार होने से किसी को फर्क नही पड़ता है – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

चालीस नम्बर की कोठी से निकल कर सोमा ने पचास नम्बर की कोठी की तरफ रूख किया,मन तो कर रहा था कि घर बापिस जाकर आराम करे बुखार से पूरा वदन दर्द कर रहा था।फिर सोचा हम गरीब कामबालों की यही मजबूरी है।तन साथ न दे तब भी काम करना पड़ता है,नहीं तो कोठी की … Read more

सही फैसला…. रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

सूनी सड़क पर.. भरी दोपहरी में.. बाइक उड़ाता कार्तिक.. पता नहीं किस दिशा में चला जा रहा था…!  सुबह से बिना कुछ खाए पिए… खुन्नस में और दिमाग काम नहीं कर रहा था…!  बाइक को सड़क पर दौड़ाता काफी दूर निकल गया… पहले 2 घंटे तो यूं ही गुजर गए.. दिमाग में अनेकों विचार.. द्वंद … Read more

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