किस्मत का खेल….. – रश्मि झा मिश्रा:Moral stories in hindi

नरोत्तम जी की पत्नी का देहांत हुए 2 साल हो चुके थे…। बेचारी बड़ी धर्म परायणा पतिव्रता स्त्री थी…. समय रहते परलोक भी सिधार गई…. वरना अधिक उम्र तक जीना तो एक अपराध ही है आज की वास्तविकता….।  भरा पूरा परिवार था… दो बेटे, एक बेटी, सब की शादी हो चुकी थी…. सभी दायित्वों का … Read more

किस्मत के खेल से कौन बच सका है भला..? – रोनिता कुंडू:Moral stories in hindi

मैंने इनको कुछ टेस्ट किए हैं… कल आकर रिपोर्ट ले जाइएगा.. डॉक्टर ने अविनाश से कहा   अविनाश: पर डॉक्टर हुआ क्या है इसे..? यह तीसरी बार है जब यूं यह चलते-चलते बेहोश हो गई… डॉक्टर इसलिए तो कुछ टेस्ट करवाए हैं… आप कल आकर रिपोर्ट दिखा जाना.. अगले दिन अविनाश डॉक्टर के पास रिपोर्ट के … Read more

कुमुदिनी भाभी – प्रियंका सक्सेना   Moral stories in hindi

बड़ी हवेली के जमींदार महाशय  के इकलौते बेटे जयराम की पत्नी कुमुदिनी एक बराबर के समृद्ध परिवार की बेटी हैं। दस साल पहले विवाह उपरांत सुंदरनगर आईं थीं। राजनगर के जमींदार की बेटी कुमुदिनी बड़े लाड़-प्यार और नाजों से पली हैं। मैं, केसर , बचपन से अम्मा के साथ हवेली में रही हूॅ॑।  हवेली का … Read more

किस्मत का खेल – गौरी भारद्वाज  : Moral stories in hindi

हरी  के घर में उसकी पत्नी विमला और उसके दो बच्चे कृष्णा और माधव थे। खुशहाल परिवार था उसका। मेहनत मजदूरी करके कमाता था और अपना और अपने परिवार का पेट पालता था। दोनों बच्चों को सरकारी स्कूल में डाल रखा था। विमला भी छोटा-मोटा फॉल पीको करके थोड़ा बहुत कमा लेती थी। पैसा नहीं … Read more

किस्मत का खेल – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

शानदार सजावट झिलमिलाती रोशनी  और मेहमानों से घर भरा हुआ रौनक बिखेर रहा था… दीपा जी बहु के स्वागत की तैयारी में मगन थी.. बनारसी साड़ी और भारी जेवर से दुलहन सी दीपा जी को थोड़ी परेशानी हो रही थी पर.. आधे घंटे में दुल्हन को लेकर दुल्हा पहुंचने हीं वाला था.. बाकी बाराती पीछे … Read more

क़िस्मत का खेल – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

भारती बैठक में बैठकर टी वी देख रही थी कि उनका आठ साल का पोता वहाँ आकर कहने लगा कि दादी आप अपने कमरे में जाइए मेरे दोस्त आने वाले हैं । भारती ने कहा कोई बात नहीं आनंद मैं तो थोड़ी सी जगह में ही बैठी हूँ तुम्हारे दोस्तों के बैठने के लिए बहुत … Read more

स्वयंसिद्धा (भाग 2 – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

अब भी वो अपने पति के साथ इतने बड़े महानगर में अकेली ही थी। बच्चे के साथ नौकरी करना बहुत मुश्किल हो रहा था। बच्चे की तबियत कभी भी खराब हो जाती वो कामवाली के सहारे अपने बच्चे को छोड़ना नहीं चाहती थी। उसने अपने घर और ससुराल दोनों जगह बात की पर उन लोगों … Read more

स्वयंसिद्धा (भाग 1) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

रोली आज की पढ़ी लिखी आत्मविश्वास से भरी हुई सुलझी हुई महिला थी। वो उन महिलाओं में से नहीं थी जो घर गृहस्थी के चक्कर में अपनेआपको भूल जाए और अपने पर बिल्कुल भी ध्यान ना दे। वो उन महिलाओं में से थी जो खुद अपना भाग्यविधाता बनने में विश्वास करती हैं। वो अपने घर,परिवार … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 6) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“आज का प्रोग्राम सबके सहयोग से काफी अच्छा रहा। आज का मौसम भी अजीब रहा। मौसम ने आज कई रूपों में अपनी सुंदरता प्रदर्शित की है। कभी बारिश की फुहारों ने मिट्टी की सुगंध से हमें नहला दिया। कभी आसमान में बिखरी हुई बौछार ने सूरज की किरणों के साथ ऑंख मिचौली खेलती सी लगी … Read more

होई है वही जो राम रची राखा – डॉ संगीता अग्रवाल   : Moral stories in hindi

“माँ,माँ,मैं भी पढ़ने जाऊंगी भैया की तरह”,नन्ही सोना ने बहुत देर से रट लगा रखी थी। उसकी माँ लक्ष्मी थोड़ी देर सुनती रही फिर उसे डांटते हुए बोली:”कितनी बार कहा है लाली,तू मोड़ी है,और मोड़ियाँ हमारे घर पढ़ती नहीं।तुझे भी मेरी तरह चौका बर्तन ही करना है जिंदगी भर।” सोना को उसकी कोई बात समझ … Read more

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