मेरी जननी – Hindi kahani

किशनगढ़ स्टेट के प्रधानमंत्री गुलाब राय सक्सेना …..जिन्हें ” राय साहब”   की उपाधी से नवाजा गया था ,उनकी बड़ी पुत्री सरला जैसे ही विवाह योग्य हुई, रिश्ते ढूंढे जाने लगे 1935 में जन्मी सरला अपने नाम के अनुरूप… भावुक, सरल  गौर वर्ण तथा अत्यधिक सुन्दर बालिका थी, बड़े बड़े नामी खानदानों के रिश्ते देखे जाने … Read more

ममता – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मुदित जब दो साल का था तब उसकी माँ का देहांत हो गया था। लोगों की सलाह पर उसके पिता ने दूसरा विवाह किया ताकि मुदित को एक माँ का प्यार मिल सके। कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा लेकिन कुछ दिनों बाद से ही मुदित का … Read more

आप टेंशन मत लीजिए वैसे भी मुझे आदत हो गई है इस सबकी। : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   मानसी के पति की मृत्यु बहुत पहले ही एक दुर्घटना में हो गई थी, जब उसके तीनों बच्चे एकांशी, पायल और देवांश छोटे थे। एकांशी तीनों में सबसे बड़ी थी।  उसके पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे।   ऐसे दुखद मौकों पर कंपनी से अनुकम्पा के रूप में मिलने … Read more

गृहलक्ष्मी की लक्ष्मीपूजा – किरण केशरे  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज दीपावली का दिन ! समय से भी पहले उठ गई थी मैं ; त्यौहार का बड़ा दिन सौ काम !!  माँ पिताजी को सुबह उठते से चाय फिर दोनों बच्चों कुंतल ओर सिमी का उठते ही काम शुरू ! कभी मेरे कपड़े कहाँ तो मेरा शू कहाँ ? बेटा … Read more

जहां सुमति तहां संपत्ति नाना…! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  सोहन कल के उस क्लाइंट ने कितनी हरी हरी पत्तियां दीं हैं एक जरा झलक तो दिखा दे भाई… राजन ने सुबह दफ्तर आते ही उतावली से पूछा तो सोहन जम के हंस पड़ा। कल का क्लाइंट बहुत टेढ़ा था फर्जी काम करवाना चाह रहा था और  राजन राजी नहीं … Read more

गृहलक्ष्मी-2 – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रंग-बिरगी बल्बों की लड़ियों से पूरा ‘जानकी निवास’  जगमगा रहा था।मनोहर बाबू लाॅन के बीचोंबीच अपनी आरामकुर्सी डालकर बड़े प्यार-से अपने घर की शोभा निहार रहें थें।बरसों बाद दीवाली के दिन उनके घर में इतनी चहल-पहल हो रही थी।बच्चे छोटे थे तब यहाँ की रौनक देखते बनती थी,उनकी पत्नी जानकी … Read more

गृहलक्ष्मी की तपस्या – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “माली काका…!” सुजाता जी की आवाज पर रामदीन पास आते हुए कहा  “जी मालकिन !” “आज अपने पैसे ले लेना।” ठीक है मालकिन यह कहकर रामदीन अपना काम करने लगा। “जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ।आज शाम तक मुझे घर बिल्कुल परफेक्ट मिल जाना चाहिए ।” “जी मालकिन!” घर में रंग रोगन का … Read more

गृह लक्ष्मी – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ला बेटा सब्जी धोकर मुझे लाकर दे दे मैं अपना सीरियल देखते देखते काट दूंगी तुझे सुबह से लगे लगे कितना वक्त हो गया है कल अहोई का व्रत है ना हम दोनों का, कल सब्जी नहीं काटनी है। अहोई के दिन मेरी सास सब्जी नहीं काटने देती थी मुझे … Read more

दीयों की चमक – डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रमा तिलमिला उठी.. परिस्थिति ने उसे कठोर और असहिष्णु बना दिया था.   बड़ी भाभी की तीखी बातें नश्तर सी चुभो रही थी.. कैसे इतनी कड़वी बातें कह जाते हैं वे लोग ….वह भी मुन्ने के सामने.. उनकी तीखी कड़वी बातों का मुन्ने के बालमन पर कितना दुष्प्रभाव पड़ेगा ….वे जरा … Read more

और अंधेरा मिट गया – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : प्रिया अपना टिफिन रख लो… देखो तुम्हारी प्रैक्टिस फाइल बाहर ड्राइंग रूम में टेबल पर ही पड़ी है… तुम टीवी देखते – देखते डायग्राम बना रही थी ना… रख लो वरना भूल जाओगी।  नीरज आपने अपना बैग देखा.. देखिए ये फाइलें अभी भी बाहर पड़ी हैं… फिर आप भूल जाएंगे … Read more

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