अहसान नहीं फ़र्ज़ – प्रेम बजाज
मि० गुप्ता एक बैंक कर्मचारी 10वीं क्लास में बेटा आकाश और 6वीं क्लास में बेटी प्रेज़ी पढ़ती है। मिसेज गुप्ता की तबीयत कुछ ढीली – डाली सी रहती है, बस ले-दे कर घर का गुजारा ठीक-ठाक चल रहा है। मिसेज मल्होत्रा, ” मिसेज गुप्ता आप एक बाई क्यों नहीं रख लेती? आपकी तबीयत भी ढीली … Read more