निरइच्छा – अनुज सारस्वत

“साक्षी चार दिन बाद प्रोजेक्ट रिफाइन सबमिट करने का दिन है। अरे यार थोड़ा काम रह गया। बस आज मैं कर लूंगी और बता अच्छा सुन ये प्रोजेक्ट का काम निबटे तो मनाली चलेंगे घूमने।बहुत सर दर्द हो गया और अब थोड़ा रिलेक्स चाहिए मुझे” अनुपमा ने साक्षी को फोन पर कहा और थोड़ी देर … Read more

तिरस्कार – मीनाक्षी राय

यह एक ऐसी कहानी हैं , जहां पर एक पिता अपनी बेटी के जन्म लेने के साथ ही उसको देखना नहीं पसंद करताl इसलिए नहीं देखना पसंद करता कि वह बेटी है, कहानी कुछ और ही है जो मैं आगे बता रही हूं…… रिया तीन भाई बहनों में सबसे छोटी थी lरिया का  एक बहन … Read more

मेरी नन्हीं गंगा का अवतरण – सुषमा यादव

,,, आज़ मेरी प्यारी आर्या का जन्म दिन आया,, ,,,साथ में अपार खुशियां लाया,, मेरे घर आई एक नन्ही परी,,,, आज़, फिर वही पर्व आया है,।  ,,, गायत्री जयंती और गंगा दशहरा,,, ,,,एक आश्चर्यजनक और सत्य घटना आप सबको भी बताना चाहती हूं,,,,, आज़ के दिन ही हमारी प्यारी नातिन का जन्म हुआ था,,आपके आशीर्वाद … Read more

वाह – लतिका श्रीवास्तव

“वाह वाह आपका गला भी इतना अच्छा है ये तो आज ही पता चला….”अब बताओ भला ये भी कोई तारीफ हुई !!अरे भई गला सुरीला होता है मधुर होता है अगर गाने की तारीफ कर रही हो ,अच्छा गला मतलब तो सुडौल गला सुंदर गला हुआ ना ! सौरभ ने उसकी ग़ज़ल गायकी की तारीफ … Read more

बोलती गुड़िया (भाग 3) – आशा सारस्वत

शीतल अपने घर चली गई कभी-कभी लैंडलाइन नंबर पर उससे बात हो जाती । वह अपनी ससुराल में बड़ी बहू होने के कारण सभी की लाड़ली थी। वह अपनी गृहस्थी में बहुत ख़ुश थी ।        उसके पति इंजीनियर थे, बहुत ही अच्छे वेतन पर वह नौकरी करते । सभी सुख सुविधाओं को उन्होंने जुटा लिया … Read more

बोलती गुड़िया (भाग 2) – आशा सारस्वत

परेशान मन से जैसे-तैसे कार से मैं घर पर पहुँच गई । वहाँ जल्दी से बच्चों को तैयार किया और अपनी मनपसंद सिल्क की बनारसी साड़ी को उतार कर दूसरी साड़ी बदली । यह सब करते हुए थोड़ा ही समय लगा था कि मूसलाधार वर्षा अब नन्ही बूँदों में परिवर्तित हो गई । तभी घर … Read more

डाइनिंग टेबल – कंचन श्रीवास्तव “आरज़ू”

*************** डाइनिंग टेबल पर एक साथ खाना खाने के लिए बैठे सबको  देख रेखा की आंखें झलक आई जिसे सिर्फ सामने बैठे सुनील ने देखा। पर चुप रहे क्योंकि बात सिर्फ उसके और उसके पत्नी के बीच की थी इसलिए सबके जाने और उसके बेड पर आने का इंतजार किया। आते ही एक नज़र उस … Read more

हक़ – प्रीति आनंद अस्थाना

शीतल को बिस्तर पकड़े एक सप्ताह से ऊपर हो गया है। जब से डॉक्टर ने लिवर का कैंसर बताया है रोहित की तो हिम्मत ही टूट गई है। इलाज के लिए लाखों चाहिए, वे कहाँ से लाएँगे? क्लर्क की नौकरी से उन्होंने अपने दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाई पर वे विदेश जाकर वहीं बस … Read more

गणिका – रीमा महेंद्र ठाकुर

उन्नीस सौ अस्सी दशक की बात है, सडक पर भारी गहमागहमी, वैसे भी रेड एरिया, राते तो जगमगाती है, और दिन रातो से विपरीत, सन्नाटा मनहूस, दिन के उजाले में शायद ही कोई, सभ्रांत नागरिक उधर से गुजरता हो, रोजी रोटी की तालाश में अनजाने ही एक अजनबी उस गली में आ गया था! कपडे … Read more

पोस्ट वैडिंग शूट – प्रीती सक्सेना

कल हमने एक वीडियो देखा,, जिसमें, हमारी ही उम्र की,, वजन में पाव,, आधा किलो, कम वजन की महिला,, पोस्ट वैडिंग शूट,, करा रही थी,, हमारे दिमाग की बत्ती जली,, और हम खुश होकर चिल्लाए,, प्रियतम,, तनिक यहां आवो,, हमारी बात सुनो,,,, चाशनी युक्त बातों से ये घबराते हैं,,, हम दोनों को शुगर की बीमारी … Read more

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