सुकून – कमलेश राणा
कुछ दिनों से प्रात: भ्रमण शुरू किया है तो लगता है कि प्रकृति ने हमें कितना कुछ दिया है,,, और हम कृत्रिम साधनों में ही सुख ढूढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। जो ताज़गी सुबह सबेरे बाहर की हवा में है,,,,वह AC ,,कूलर की हवा में कहाँ??जब जड़ी बूटियों की सुगंध से सुवासित हवा … Read more