पुनर्मिलन का चाँद… – विनोद सिन्हा “सुदामा”
वंशिका ऑफिस से अभी घर आई ही थी कि उसकी माँ का फोन आ गया… थोड़े अनमने ढंग से उसने माँ का फोन उठाया.. हाँ माँ बोलो…. अरे कहाँ थी बेटा…? कबसे फोन ट्राई कर रही लगातार बंद बता रहा..सब ठीक तो है.. हाँ माँ वो मोबाईल की वैटरी डिस्चार्ज हो गई थी.. वर्क लोड … Read more