” हार बनी जीत ” – गोमती सिंह

—‐-विश्व विद्यालय ऑफ़ इन्दौर से पिकनिक के लिए बस जा रही थी देहरादून के लिए ।         सभी छात्र छात्राएँ शोरगुल करते हंसते गाते हुए जा रहे थे ।        सबसे पीछे की सीट पर बैठे आरती और सुनिल भीड़ में भी रहकर युगल एकांत में थे ।       सड़क पर बस जा रही थी, दोनों ओर आम … Read more

*वो लम्हें* – सरला मेहता

धड़धड़ाती ट्रेन की आवाज़ नव्या की धड़कने बढ़ा देती है। वह इस नई जगह आकर अपना अतीत भूल जाना चाहती थी। आफ़िसवालों  को पहले ही ताक़ीद दी थी कि शहर के शोरगुल से दूर उसके लिए फ्लेट ढूंढे। यूँ तो यह कालोनी शांत इलाके में है। किंतु रात के आठ बजते ही ट्रेन के गुज़रने … Read more

 एक अतृप्त माँ – पूजा मनोज अग्रवाल

#ख्वाब  बात सन 2003 की है , उस समय मेरी प्रेगनेंसी का प्रथम तिहाई चरण था ,,,,,उन दिनो मेरा स्वास्थ्य कुछ ठीक न था ,,, मुझे हर समय तीव्र सर दर्द की शिकायत रह्ती ,,,। गत कई दिनो से मुझे एक अजीब सा स्वप्न भी आ रहा था ,,,,, कुछ ही दिन शान्ति से बीतते … Read more

ख्वाब – पुष्पा पाण्डेय

आज शारदा सुबह-सुबह ही स्नान कर माता रानी के सामने  दीपक जला कर पूजा कर रही थी। घंटी की आवाज से फूलमति की नींद खुल गयी। “अरे बेटा!आज इतनी सुबह क्यों उठ गयी? कहीं जाना भी तो नहीं है।” “माँ, आज रात में नींद ही कहाँ आई?” जवाब सुनकर फूलमति ने मन-ही-मन में बुदबुदाया– मुझे … Read more

सपने मे अविष्कार  – अनुपमा

सिलाई मशीन क्या होती है किस काम आती है कोन नही जानता आज के जमाने मैं ,सोचिए जरा अगर सिलाई मशीन न होती तो आप इतने सुंदर सुंदर कपड़े पहन पाते क्या ? नही न  आइए जानते है की एक सपना हां जी एक सपना ,सच सुन रहे है आप ,एक सपने ने किस तरह … Read more

 बांझ – गीता वाधवानी

#ख़्वाब  शिल्पी को मायके से फोन आया कि दादा जी गुजर गए हैं। वह जल्दी से तैयार होकर अपनी सास को जेठानी के पास छोड़कर अपने मायके जाने के लिए बस में बैठ गई। उसके पति राजेश भी उसके साथ थे।  वहां पहुंच कर शिल्पी अपनी दादी के गले लग कर फूट-फूट कर रोने लगी। … Read more

वो वृद्धा……………मोनालिसा ‘असीम’

  प्रेमचंद जी ने बहुत सही कहा है बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन होता है,पर बुढ़ापे की  आयु भी किसी -किसी के लिए इतनी लम्बी होती है कि वो बचपन से गुजर कर शैशव अवस्था में पहुंच जाती है।          मेरे पड़ोस में भी एक ऐसी ही वृद्धा हैं स्वच्छ-सफेद साड़ी में लिपटी हुई सफेद बालों में … Read more

” मधुविला ”  – उमा वर्मा

 मम्मी, यह आपके लिए सरप्राइज” आप के नाम का,मधुविला, आप का अपना घर ।उसके आखों में आंसू आ गए ।यही तो था उसका खवाब,उसका सपना ।वह अपने पुराने दिनों में खो गयी ।मोहित का घर दुलहन की तरह सजाया गया है ।आज उसकी और मधु की स्वागत समारोह है । कल ही तो मधु इस … Read more

*परदेसी और वो*’ –  अर्चना नाकरा

रुजुल ने पूरे महीने की छुट्टियां प्लान कर ली थी’  हमेशा वो पूरे साल जमकर काम करता.. छुट्टीयों का एक हफ्ता घर में बिताता और फिर कहीं घूमने फिरने निकल जाता कभी कभी पन्द्रह दिन… भी घर रहता.. ढेर सारी नई पुरानी फिल्में देखता पसंद का खाना बनाता.. मंगवाता और कभी कभार घर से कोई … Read more

“नई सोच ” – Moral Story In Hindi

प्रिया एक चुलबुली लड़की थी | कॉलेज में उसकी  पहचान एक हसीन और हंसमुख लड़की में होती थी | रिया ने जब बीएससी प्रथम वर्ष में नामांकन कराया तो सिद्धांत उसी कॉलेज में बीएससी थर्ड ईयर का छात्र था | सिद्धांत का सावला गेहुआ रंग, कद काठी लगभग 5 फुट 9 इंच की होगी बिल्कुल … Read more

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