इम्यूनिटी पावर – नीरजा कृष्णा

आज पूरा परिवार उनके घर पर एकत्रित था। मौका बहुत खास था…वो कल ही तो चार महीने बाद  कैंसर की जंग जीत कर मुंबई से लौटी थीं। आज उनकी ननद ,देवर और जेठजी …सब सपरिवार उनको देखने और बधाई देने के लिए इकट्ठा हुए थे। छोटे देवर अभय बोलने लगे,”हमारी भाभी तो सदा ही जीवट … Read more

भिखू – डाॅ संजय सक्सेना

इंटर की कक्षा मे पढ़ते पढ़ते ही भीखू ने जिम ज्वाइन कर ली थी । आखिर उसको पुलिस का दरोगा जो बनना था। जब भी वह किसी पुलिस अफसर को देखता तो उसकी जगह वह स्वयं को वहां देखने लगता। धीरे-धीरे धीरे समय बीतता गया ।आज भीखू  21 वर्ष का हो गया । उसने बी.ए.की … Read more

संघर्ष – अनामिका मिश्रा

शिवानी के पति की मृत्यु के बाद उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। उसके पति को कैंसर हो गया था और वह बच नहीं सका।  इतनी कोशिशों के बावजूद आखिर उसकी मृत्यु हो ही गई। शिवानी  की एक बेटी और बेटा था ।  बेटा छोटा था, बेटी तान्या की पढ़ाई पूरी … Read more

गुरु दक्षिणा – संजय मृदुल

रमा ने दरवाजा खोला तो सामने एक सुंदर नौजवान खड़ा था। असमंजस से डूबे हुए स्वर में उसने पूछा- जी कहिए, किससे मिलना है आपको? अरे रमा आंटी! पहचाना नहीं मैं हूँ रिंटू। आपके पड़ोस में रहते थे ना हम।  मैं यहीं खड़ा रहूं या भीतर आऊं? उसने पूछा। अरे! आओ ना। मैं इतने सालों … Read more

 माटी की गुड़िया – गुरविंदर टूटेजा

   अनुजा क्या कर रही हो…हर काम इतना धीरे करती हो…अपर्णा ने अपनी छोटी बहन को चिल्लाकर बोला..!!     इतने में छोटा भाई अर्पित भी चालू हो गया दीदी आप भी कहाँ सिर फोड़ रही हो इनसे कभी कुछ हुआ है जो आज होगा…कोई उम्मीद करना ही बेकार है…उधर अनुजा कच्ची मिट्टी की गुड़िया सी सबकी बातें … Read more

स्त्री और फूल  – कमलेश राणा

आज सुबह जब फूल लेने गई,,बगीचे में तो देखा,,आज तो बहुत सारे फूल खिले हैं,,मन खुश हो गया,,अरे वाह!आज तो कान्हा जी बड़े सुन्दर लगेंगे इनसे सजकर,, मैं फूल तोड़ने लगी तो सहसा एक फूल मेरी पकड़ सही न होने के कारण नीचे गिर गया,,,और एकाएक मैने उस फूल को उठा कर अलग कर दिया … Read more

मेरी बेटी, मेरा जहान – मीना माहेश्वरी

शादी के एक साल के बाद ही ईश्वर ने मेरी झोली खुशियों से भर दी, एक प्यारे से बेटे की किलकारियों से मेरा घर आंगन चहक उठा। परिस्थितियां थोड़ी कमज़ोर थी, आर्थिक परेशानियां और पारिवारिक जिम्मेदारियां बहुत थी। फिर भी हम दोनों खुशी_ खुशी पूरी लगन और मेहनत से सब कुछ मैनेज कर रहे थे। … Read more

“मेरी चाहतें” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : अपने बड़े से हवेली जैसे घर में बिनोद बाबू अपनी पत्नी सुधा जी के साथ फिलहाल अकेले हैं। कहने का मतलब है कि बेटियों की शादी हो चुकी है ।दोनों बेटों में से एक विदेश में सेटल है और दूसरा बंगलूर में इंजीनियर है। वही कभी-कभी पर्व- त्योहार में आ … Read more

गरम चिमटा – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : नमिता बहुत व्यथित थी आज…..कुंठित सी हो रही थी आपने आप में… ये अक्सर मेरे साथ ही क्यों होता है….क्या सोचती हूं और क्या हो जाता है…! हर बार स्वयं को लानत भेजती हूं …हर बार ये संकल्प दुहराती हूं … कि अब किसी से कुछ नही कहूंगी जिसको जो … Read more

आ अब लौट चलें – प्रेम बजाज : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बस सतीश अब बहुत हुआ , अब और नहीं , पाँच साल हो गऐ हमें अपने बच्चों से , अपने परिवार से बिछुड़े , मैं अपने बच्चो के बिना अब और नहीं रह सकती” ” नीलु  तुम क्या समझती हो कि मैं बच्चों के बिना रह सकता हूँ या माँ … Read more

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