‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’ –  प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ :  Moral Stories in Hindi

 “ये लो आंटी” ये प्यारे से शब्द सुनकर प्रमिला ने चौंककर देखा तो मासूम सी छोटी लड़की के हाथ में उसका पर्स था जो प्रमिला के हाथ से गिर गया था, और वह उसके पल्लू को खींचकर उससे कह रही थी।उसकी उम्र लगभग 5 वर्ष की रही होगी।यूँ तो वह इस लड़की को अक्सर मन्दिर … Read more

परिवार पूरा हो गया हमारा – चाँदनी झा :

 Moral Stories in Hindi जब तुम माँ बनोगी तब पता चलेगा।” ये वाक्य तो माँ से बचपन से सुनती आई थी, पर माँ ने जब ये कहा था, “जब तुम बेटी की माँ बनोगी, तभी मेरे दर्द को समझ पाओगी। ऐसे तुम नहीं समझ सकती हो। मुझे क्या दर्द है कितना दर्द है?” फिर भी … Read more

प्यार का जाल – अमिता कुचया :  Moral Stories in Hindi

आज जैसे ही रीतेश और उसके दोस्तों की नजर पहली बार कालेज आते हुए साहिल पर पड़ती है तब वह ग्रुप के सब लड़के और रोमी कहते- चल यार नया बकरा फंसा है ,मजा लेते हैं। जैसे उनके पास से वह गुजरता है तभी रोमी उसी के सामने वह अपना पैर उस पर अड़ा देती … Read more

काली रात – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मैं स्वर्णा अपने माता- पिता की लाडली बेटी थी ….हम तीनों बहुत खुश थे गाँव में सब मेरी ख़ूबसूरती को लेकर बहुत तारीफ़ करते थे । सब कहते थे कि ……. मैं अपनी माँ के समान बला की खूबसूरत हूँ । विधाता को शायद हमारी खुशी मंजूर नहीं थी …….. अचानक माँ की मृत्यु हो … Read more

कहीं ये वो तो नहीं पार्ट – 2 :लतिका श्रीवास्तव 

अहा यही तो है मेरा पर्स मेरा लकी पर्स खुशी से चीख पड़ी रचना।झपट कर पर्स को दोनों हाथों में उठा गले से लगा लिया। पर्स पर ही पूरा प्यार लुटा दीजिएगा या पर्स आपको देने वाले के लिए भी कुछ बचाएगा तल्लीनता से आनंदित होती रचना को देख वह युवक मुखर हो उठा। खुशी … Read more

परिचय की जरूरत -लतिका श्रीवास्तव :

हेलो जी क्या आप समर्थ जी केघर से बोल रहे हैं मैं राकेश उनका पुराना परिचित बोल रहा हूं ।मुझे उनसे मिलना है क्या वे घर पर है आवाज सुनते ही समर्थ ने तुरंत कहा नहीं मैं उनका भाई बोल रहा हूं भैया तो ऑफिस निकल गए हैं आप फिर कभी आइए और उधर से … Read more

पता नहीं क्यों ससुराल वाले बड़ी बहू को इंसान नहीं समझते” – रितिका सोनाली :  Moral Stories in Hindi

प्यार वाला पति मिला या पैसे वाला इस बात की कशम कश में जिंदगी बीती  जा रही है. आशा के पति का मिज़ाज़ अजीब ही है. सारी दुनिया की खुशियां खरीदने को तैयार लेकिन अपने घर में अपने भाई- बहन और माँ-बाप के आगे बिलकुल अदना सा किरदार बना कर रखने वाला व्यक्ति. अपनी आँखों … Read more

शांति – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ :

 Moral Stories in Hindi “तुम्हें नींद आती भी है या नहीं सुबह से ही खटर-पटर शुरू कर देती हो…कम से कम अपना नहीं तो बाकी घरवालों का तो ध्यान रखा करो…” विजय अपनी पत्नी तारा को गुस्से में सुनाता जा रहा था। “सभी का ध्यान रखती हूं इसीलिए इतना सुबह जल्दी उठती हूं और सबके … Read more

काली रात – उमा वर्मा :

Moral Stories in Hindi मेरे जीवन की वह रात  “काली रात “बन गई थी मेरे लिए ।स्मृति के पन्ने बिखरने लगे थे।क्या क्या याद करूँ? उसदिन रात से ही विनय की तबियत बहुत खराब हो गई थी ।रात भर सो नहीं पा रहे थे ।बेचैनी और उल्टियाँ हो रही थी ।मैंने दिलासा दिया “अस्पताल चलते … Read more

चूड़ियों की खनक – गीतू महाजन :  Moral Stories in Hindi

उसके जाते ही सब कुछ खामोश हो गया था.. पूरे घर- परिवार के साथ साथ ऐसे लग रहा था जैसे पूरा कस्बा ही चुप्पी साध गया हो।घर की दीवारें भी मूक हो चुकी थी।हवा भी बहुत धीमी गति से चल रही थी जैसे उसकी आवाज़ से कहीं शोर उत्पन्न ना हो जाए।आज मालिनी को गए … Read more

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