अपहरण का बदला – रवीन्द्र कान्त त्यागी

रात के दो बज रहे हैं। आंखों में नींद का नामोनिशान नहीं है। मेरी पत्नी अनुष्का अपने तीन साल के वैवाहिक जीवन को ठोकर मार कर चली गई है। बरसों से मेरे हृदय में उसके लिए बसे अगाध प्रेम, समर्पण और विश्वास को एक तीन पंक्ति के कागज के पुर्जे से तार तार करके, मेरी … Read more

आओ_जी_लें_जरा – सपना चन्द्रा

सूने से घर में पति-पत्नी के अलावा अब कोई नहीं था। खामोशी में लिपटी दरों-दीवार की चमकदार रंगत किसी काम की नहीं।कभी-कभी ऐसी खामोशी कि जिसे भेदना भी मुश्किल।दो जोड़ी आंखें किसी के आने की आस में रास्ते निहारते तो थे पर खुद को दिलासा देकर पलकें बंद भी कर लेते।दीवारों पर लगी तस्वीरें ही … Read more

सोन चिरैया – बंदना श्रीवास्तव

आज भी मुझे याद है रमा ने अपने  पति का परिचय मेरे कार पार्किंग में कराया था । “बंदना ,ही इज माई हसबैंड मिस्टर राज “मैंने औपचारिकता बस उनसे हाथ मिलाया और हेलो कहां । मिस्टर राज  ने एक हाथ में लैपटाप बैग पकड़ा हुआ था । दूसरी हाथ से  मुझसे हाथ मिलाते हुए हेलो … Read more

भाभी अब ना कहना की दीदी लालची है – बीना शर्मा

राखी जब से अपने मायके से आई थी तब से उसके मन को बेहद सुकून था। उसे अपने निर्णय पर बेहद गर्व महसूस हो रहा था उसने भले ही अपने हिस्से की जमीन अपने भाई के नाम करके गवां दी थी परंतु ऐसा करके उसने अपने भैया भाभी की नजरों में बेहद सम्मान पा लिया … Read more

आंतरिक खुशी ही सच्ची सफलता है – सुधा जैन

अपराजिता एक कस्बे में रहने वाली प्यारी सी लड़की है। भविष्य को लेकर उसके मन में बहुत सारे सपने हैं, चाहती है अच्छी पढ़ लिख कर जॉब करूं। अच्छा सा घर सजाऊं। प्यारे से जीवन साथी के साथ अपने सपनों को पूरा करू। इंजीनियरिंग करने के बाद मुंबई की आईटी कंपनी में उसका चयन हो … Read more

जब कमाते दोनों है, तो जिम्मेदारी भी दोनों की होनी चाहिए!! – मनीषा भरतीया

राजीव कहां थे तुम तुम्हें होश नहीं था कि बच्चों को स्कूल से लाना है?? बच्चे विचारे 2 घंटे से स्कूल में इंतजार कर रहे थे वो तो भला हो उस  वॉचमैन का जिसे मैंने अपने और तुम्हारे फोन का नंबर दिया हुआ है. उसने बहुत बार तुम्हारा मोबाइल ट्राई किया लेकिन तुम्हारा फोन बंद … Read more

नहीं आऊँगी – सतीश मापतपुरी

मैं जब कभी बरामदे में बैठता हूँ , अनायास मेरी निगाहें उस दरवाजे पर जा टिकती है, जिससे कभी शालू निकलती थी और यह कहते हुए मेरे गले लग जाती थी – ” अंकल, आप बहुत अच्छे हैं. कई साल गुजर गए उस मनहूस घटना को बीते हुए. वक़्त ने उस घटना को अतीत का … Read more

मैंने इसमें प्यार मिलाया है – बीना शर्मा

आज संध्या की तबीयत बेहद खराब थी सुबह से ही उसे खांसी जुखाम और बुखार हो रहा था जिसकी वजह से उसका बिस्तर से उठने को बिल्कुल भी मन नहीं था इसलिए वह मुंह ढक के रजाई ओढ़ के लेट गई थी आंख बंद करके लेटने के बाद भी उसे नींद नहीं आ रही थी … Read more

अब कभी किसी से सासू मां की बुराई ना सुनूंगी – मधु वशिष्ठ

भावना जी जितनी सर्वगुण संपन्न थीं, लगभग उसी अनुपात में उनकी बहू भी थी। हालांकि कॉलोनी में सभी का ख्याल था कि भावना जी के तेज़-तर्रार स्वभाव के रहते किसी भी बहू का टिकना नामुमकिन ही है। सोने पर सुहागा यह कि वह सर्वगुण संपन्न भी थीं। सिलाई, कढ़ाई, बुनाई या घर का काम हो, … Read more

बहु की पसंद – सविता गोयल

” मम्मी जी, आज इतनी सारी गाजरें क्यों मंगवाई हैं?,, “अरे बहु, निशा और नितिन दोनों को ही गाजर का हलवा बहुत पसंद है। सर्दियां शुरू होती नहीं की इनकी फरमाइश शुरू हो जाती है।,,  गाजर का हलवा तो माधवी को भी बहुत पसंद था लेकिन वो संकोचवश अपनी सासु मां पार्वती जी से बोल … Read more

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