सोच – परमा दत्त झा

आज राजेश मिश्र खुशी से भरे हुए थे कारण बहू राधा ने इनको मौत के मुंह से छीन लिया था। हुआ यह कि राजेश बाबू एक शिक्षक थे और बड़ी मुश्किल से बेटे को बी टेक ,एम बी ए कराया था।बेटा पढ़ाई के दौरान एक विजातीय लड़की से प्रेम करने‌ लगा था और इनके मना … Read more

ज़हर बुझे – रवीन्द्र कांत त्यागी

नहीं, ये कहानी नहीं है. कहानी तो बिलकुल नहीं है. साहित्य वाहित्य का भी इस से कुछ लेना देना नहीं. इंसान के भीतर, जन्म से लेकर उम्र भर तक जो ग्रंथियां बनती बिगड़ती रहती हैं, जिनमे से कई अनसुलझी गुंन्थियाँ बन जाती हैं और उन पर जीवन भर एक बड़ा वाला अलीगढ़ का ताला पड़ा … Read more

अपने अपने पैमाने – रवीन्द्र कान्त त्यागी

बात कुछ बारह या तेरह वर्ष पुरानी है। मेरे एक रिश्तेदार ने अपनी मेधावी बेटी का रिश्ता दिल्ली में रहने वाले एक अच्छी जॉब और सम्पन्न घराने के लड़के से तय किया था। लड़का और लड़की दोनों एक दूसरे के बिलकुल अनुकूल थे और परिवार के लोग भी इस रिश्ते से बहुत खुश दिखाई दे … Read more

बहुरानी रोज रोज पैर ना छुआ करो! – मधू वशिष्ठ

कई बार तो ऐसा लगता था मानो उठते ही कोई दौरा पड़ गया या चक्कर आ गए। जी हां घर में नियम था, सवेरे शाम घर के हर बड़े के पैर छूना। नहीं-नहीं, पैर छूने में कोई परेशानी नहीं थी समस्या तब आती थी जब यह फैसला करना कठिन हो जाता था शाम के पैर … Read more

मातृत्व का सफर – श्वेता अग्रवाल

शिखा डॉक्टर के चेंबर में बैठी बेसब्री से अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी। बेचैन होकर कभी वह अपने साड़ी के पल्लू को अपनी ऊॅंगली में लपेटती और खोलती तो, कभी अपने माथे पर आए पसीने को पोंछती। कभी अचानक ही चेयर से उठकर  चेंबर में टहलने लगती तो फिर अगले ही पल जाकर … Read more

आपे से बाहर होना – खुशी :

Moral Stories in Hindi अर्जुन एक बहुत इंटेलीजेंट लड़का था।उसे हर चीज का अच्छा ज्ञान था।बस उसमें एक ही कमी थी कि वो गुस्सा बहुत करता था और गुस्से में वो बेकाबू हो जाता।उसे घर में सभी यही समझाते बेटा अपने इस अवगुण को त्याग दे तो तू हीरा है हीरा।अर्जुन बीटेक कर नौकरी की … Read more

रिश्ते,अहकार से नहीं , त्याग और माफी से टिकते हैं। – लक्ष्मी त्यागी

रोहित ,आज बहुत गुस्से में था, उसे अपना बहुत ही अपमान लग रहा था। घर आते ही उसने, अपना सामान पटका, और चिल्लाते हुए बोला -अब मैं यह सब बर्दाश्त नहीं करूंगा,बर्दाश्त करने की भी हद होती है।   उसकी पत्नी नीता, कमरे में आई और उसने पूछा -क्या हुआ ? गुस्से से रोहित बोला -जब … Read more

सीसीटीवी में बहू की खुली पोल !! – स्वाती जैंन

आप जैसी अनपढ़ , गवार औरत क्या पैसे बचाएगी ?? आपको अगर घर चलाना आता तो आज यह घर कहां से कहां पहुंच जाता ?? आज से घर के पैसो का सारा हिसाब मैं संभालूंगी फिर देखना आप कि घर चलाना किसे कहते है ?? रीटा अपनी सास गोदावरी जी से बोली !! गोदावरी जी … Read more

जीने की राह – बीना शर्मा

 कई दिनों से शकुंतला देवी को नींद में बुरे बुरे सपने दिखाई दे रहे थे। जिन्हें देखकर वे बेहद बेचैन हो गई थी। उन्हें सपने में बार-बार अपनी बेटी आत्महत्या करती दिखाई दे रही थी।  जब भी वे कनिका से फोन करके उससे उसकी कुशलता के बारे में पूछती तो कनिका हंसकर यही जवाब देती-‘मम्मी … Read more

मरुथल के काले गुलाब – रवीन्द्र कान्त त्यागी

बीसवीं शताब्दि साँझ के धुंधलके से होती हुई रात की गहरी स्याही में सिमटकर लुप्त हो गई थी और इक्कीसवीं सदी अपनी सुरमई किरणों से वसुधा को मानो एक नया सवेरा देने का लुभावना चुनावी वादा सा कर रही थी। इंजीनियर बनकर शानदार जिंदगी गुजारने का सपना तीन साल डिग्रियाँ बगल में दबाये शहर शहर … Read more

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