गुड़िया – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

राधा के हाथों में अपनी बेटी आलिया की गुड़िया देखते ही उसकी माँ सानिया ने राधा से वह गुड़िया छीनते हुए अपनी नौकरानी पुष्पा से कहा, अरे पुष्पा अपनी बेटी को क्यों लेकर आती हो, आलिया की इतनी महंगी-महंगी गुड़िया रोज-रोज गंदी कर देती है। क्या करूँ मैडम जी उसे घर पर अकेली छोड़ कर तो नहीं आ … Read more

अदरक वाली चाय – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

अखबार का पन्ना पलटते हुए रूबी सोच रही आज काम पर जायें कि ना जाये ,मन नही कर रहा जाने का,  वैसे वो छुट्टी लेती नही पर आज तबियत कुछ ढीली लग रही ,कल रात बारिश में भीगने के कारण नाक में सुरसुरी सी हो रही , सोच रही ले ले आखिर सी . एल  … Read more

मिठू की लोहड़ी – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

रिनी और मिनी दोनों बहने आज बहुत खुश थी। रिनी दस साल की थी और मिनी तीन साल की । उनका छोटा भाई मिठू तो सिरफ दस महीने का था।वैसे तो खुशी की वजह लोहड़ी का त्यौहार भी था। लेकिन उससे ज़्यादा खुशी थी मिठू की पहली लोहड़ी । जैसा कि हमारे देश में कई … Read more

सही सोच – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

आज बहुत देर कर दी सैर से लौटते हुए, कब से नाश्ता बना कर रखा है रेखा ने नाश्ता परोसते हुए पति मानव से कहा। बस वैसे ही, थोड़ी देर राजीव जी के पास खड़ा हो गया रास्ते में। शायद तुमने ध्यान नहीं दिया, वो जो सात नं वाला घर है हमारी गली में एक … Read more

सासूमाँ के साथ उनका हुनर भी चला गया – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

         कसम से माँ जी क्या जैम बनाईं हैं आप ……मैंने तो जिंदगी में इतना टेस्टी जैम नहीं खाया ….वो भी अमरूद का …..!! आपके हाथों में जादू है माँ जी , जादू …..। अपनी सासू माँ की तारीफ करते नहीं थक रही थी रोली …… !!          सच ही तो है जया देवी को जेली , … Read more

सीख – सुनीता मुखर्जी “श्रुति “: Moral Stories in Hindi

आराधना की प्रथम पोस्टिंग महानगर में हुई। वह बड़ी-बड़ी इमारतें, मॉल, सिनेमा घर, और पार्क और भीड़ भाड़ देखकर अवाक थी । उसने यह सब टेलीविजन में देखे था। एक छोटे से गांव की बाला …कम उम्र में ही उसका विवाह हो गया।  विवाह के पश्चात उसने पढ़ाई करने की ठानी,और यह संकल्प लिया कि … Read more

मोह – खुशी : Moral Stories in Hindi

सरला जी एक कर्तव्यनिष्ट महिला थी सुबह स्कूल जाना स्कूल जाने से पहले घर का सारा काम करती थी।पहले नौकर कहा हुआ करते थे उनके पति राघव भी स्कूल में अध्यापक थे पर वो दिन की शिफ्ट में जाते थे।पहले वो चूल्हे पर सारा खाना बना कर जाती।पर फिर उन्होंने राघव जी से कहा गैस … Read more

बस अब और नहीं – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

मुक्ता की शादी को आठ साल बीत चुके थे पर अभी तक उसकी गोद सूनी थी। हालांकि आशीष ने कभी उसे इस कमी का अहसास नहीं होने दिया था दोनों अपनी जिंदगी में बहुत खुश थे लेकिन जब भी वे किसी फंक्शन में जाते तो ऐसा लगता कि जैसे बच्चा न होना बहुत बड़ा गुनाह … Read more

एक औरत कठपुतली नहीं – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

नताशा ने जैसे ही दरवाजा खोला उसकी आंखे आंसू से भीग गयी उसे लगा जमीन पर जाके गड़ जाऊं ,,पर क्या जीवन का अंत आसान है, वो दो बच्चों के बारे में सोचकर सह जाती है। हुआ यू कि नताशा के पति को पीने की आदत हो गई है।अब ये है, कि जिंदगी के इस … Read more

  न भई न! ‘मैं’ मैं ही ठीक हूँ – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

      ‘अमिता, मेरी नीली कमीज प्रेस नहीं की? कल सुबह तुम्हें बोलकर घर से निकला था। आज मेरी प्रेजेन्टेशन है।मुझे वही कमीज पहननी थी।पता नहीं तुम्हारा ध्यान कहाँ रहता है?’       ओह सॉरी,भुवन! दरअसल कल कपड़े प्रेस करने के लिए समय ही नहीं मिल पाया। मैं अभी प्रेस कर देती हूँ।       ‘समय नहीं मिल पाया ?? बाई- … Read more

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