“स्वाति मेरा टिफिन तैयार है क्या”- एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi

“माँ मेरा नाश्ता लगा दो, मुझे कॉलेज को देर हो रही है।”“मम्मी मेरी यूनिफॉर्म कहाँ रख दी आपने? मिल नहीं रही है  ढूंँढ कर दे दो जरा …।”“बहू एक गिलास पानी देना…दवा खानी है मुझे।”ये उसकी दिनचर्या के वे शब्द  थे जो स्वाति रोज सुनती थी पर पलट कर इनका कोई उत्तर नहीं दे पाती … Read more

वो एक पल – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

आज पैंतीस साल बाद अलवर की जमीन पर पांव रखने का सौभाग्य मिला था। मेरा हायर सेकेंडरी का परिणाम आने के पहले ही पिताजी का अलवर से भोपाल ट्रांसफर हो गया था। वहां से बीटैक करने के बाद मैं ऑस्ट्रेलिया चला गया था। फिर जीवन का एक लंबा अरसा सीमेंट व  लोहे के अनुपात और … Read more

फर्ज – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

बीना ,तुमने क्या सोचा? किस बारे में मम्मी! देखो बेटा अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है  सारी उम्र ऐसे यहां बिना किसी सहारे के कैसे रहोगी तुम , आज पूरे छः महीने हो गए है राघव को गए हुए कभी तो हमारी बात सुन लिया करो  मां …. कितनी बार यह बात बोलोगी तुम  मैंने … Read more

घर बनाम आश्रम – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

———————– सामान उठा कर जाते जाते उसकी नज़र अपने पति की तस्वीर पर पड़ी और पड़ते ही उसे उसके बीत दिन एक रील की तरह मन मस्तिष्क में घूमने लगे कितने अरमानों से शादी  करके घर बनाया थी ।पर क्या पता था कि बढ़ती उम्र के साथ इतना कुछ बदल जायेगा। कहते है ना कि … Read more

दिल से बंधे नाजुक धागे से रिश्ते – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

डोरबेल की आवाज सुनकर निम्मी दौड़कर दरवाजा खोलने पहुंची आज उसकी किसी सहेली ने आना था। मगर दरवाजे पर बड़ी ननद नमिता को देखकर चौंक पड़ी अरे दीदी आप, बिना खबर किये कैसे आना हुआ ? क्यूँ बहु तुम तो ऐसे चौक रही हो नमिता को देख जैसे भूत देख लिया हो भई उसका घर … Read more

फर्स्ट इम्प्रैशन – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

दूल्हे का छोटा भाई चेतन और उसकी यार चौकड़ी, बड़े भैया की शादी के पूरे आनंद अपने हृदय में और यादों में समेट लेना चाहते थे. हॉस्टल के नीरस जीवन से निकलकर बड़े भाई की शादी में मित्रों के साथ आये चेतन के लिए बड़े भैया की शादी, धमाचौकड़ी मचाने, लड़कियों को छेड़ने और तरह … Read more

मॉ बाप – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

रोहित जी के 2 बेटे थे, अमित ओर सुमित।बडा बेटा अमित दिल्ली में बड़ी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर था और अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहता था। अमित की पत्नी भी नोकरी करती थी, कमाई ओर खर्चे में किसी प्रकार की कोई कमी नही थी। सुमित अपनी मॉ, पत्नी ओर बेटे के साथ … Read more

मेरा बच्चा खाता ही नहीं – जया शर्मा : Moral Stories in Hindi

मिश्री, आओ सेव खा लो, मैंने अपनी दो साल की बेटी को आवाज़ लगाई. मेरी नटखट तूफान जैसी बेटी दौड़ते हुए आई और सेव देखते ही अपो अपो (Apple बोलने की कोशिश) कहकर मेरे हाथों से प्लेट ले कर सामने ही सोफ़े पर बैठ कर सेव खाने लगी. मेरी पड़ोसन शिल्पा भी वहां बैठी थी। … Read more

रिश्ता सफर का – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi

रमा जी ने अपना पर्स और बैग सीट पर रखा और एक चादर फैला कर बर्थ पर बैठ गई । ‘वाराणासी से पुणे’, साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन धीरे-धीरे प्लेटफॉर्म छोड़ रही थी। सफर करने वाले यात्रियों के रिश्तेदार हाथ हिलाकर उन्हें रुखसत कर रहे थे। कई माताएं अपने आंसू पोंछ रही थी, शायद अपनों से बिछड़ने … Read more

अनमोल तोहफा – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही वेदांत का दफ़्तर में मन नहीं लग रहा था।न जाने क्यों मूड उखड़ा सा है। जब आदमी का मन ठीक न हो तो न चाहते हुए भी किसी न किसी से बिना बात के ही लड़ाई झगड़ा, मन मुटाव सा हो जाता है। दफ़्तर के माहौल में चुप रहना पड़ता है … Read more

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