सही परवरिश जरूरी है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रिमझिम रो मत बाबू, चुप हो जा,चल मै तुम्हे बाहर घुमा लाती हूँ,तुम्हे आइसक्रीम भी दिला दूंगी,रिमझिम की नानी उसे चुप कराने की बहुत कोशिश कर रही थी,पर रिमझिम थी कि चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी। बस एक ही रट लगाए हुए थी कि मुझे भी अपनी माँ को लाने पापा … Read more

राज – खुशी : Moral Stories in Hindi

नीला एक गृहिणी थीं उसके पति राघव की अच्छी नौकरी थी घर में हर सुख सुविधा थी।दो प्यारे प्यारे बच्चे थे।सब कुछ अच्छा था तभी उनके पड़ोस में एक परिवार शिफ्ट हुआ।परिवार में पति पत्नी मीरा और नमन थे और एक बेटी कियारा और नमन की माता जी सुनीता जी। राघव ज्यादातर टूर पर होते … Read more

विश्वास – खुशी : Moral Stories in Hindi

रोहित एक गरीब घर का लड़का था किसी तरह बारहवीं पास की और घर की जिम्मेदारी की वजह से उसने एक दुकान पर काम पकड़ लिया उसके पिताजी रतन सिक्योरिटी गार्ड थे।  उनकी आंखों में मोतियाबिंद हो गया था इसलिए अब वो काम पर नहीं जाते थे।मां रूपा भी घर संभालती।दो कमरों का छोटा सा … Read more

निःसंतान – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

बारात वापस आ गई….. दुल्हन आ गई ….आओ आओ दुल्हन देखने ….आओ ….घर के बच्चे तो नाचने लगे…. आते साथ दरवाजे पर बम की लड़ी फोड़ दी गई…. ढोल वाले ने जोर-जोर से बजाना शुरू किया ….!  कविता वो कविता… कहां हो ….? जल्दी आओ… बच्चे थके हैं …परछन और दुल्हन के प्रवेश की रस्में … Read more

बहू की नादानी – लतिका पल्लवी :Moral Stories in Hindi

अनुराधा का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था। नर्स बार बार समझा रही थी कि आप इसतरह से चिल्लाईए नहीं, आपके चीखने चिल्लाने से आपके टांको पर जोड़ पड़ेगा और उसके टूटने का खतरा हो सकता है। कल रात मे अनुराधा को ऑपरेशन से बच्चा हुआ,उसके पति अजय ने बच्चे को  गोद मे … Read more

ममता -भावना कुलश्रेष्ठ : Moral Stories in Hindi

बरामदे में पड़ी झूली हुई सी कुर्सी अब भी वहीं थी — जहाँ वह हर शाम बैठा करती थी। दीवार पर घड़ी की टिक-टिक चलती रही, लेकिन कमरे में कोई आवाज़ नहीं थी। ना ही, अब यहाँ कोई उसे “माँ” कहकर पुकारता। कांता देवी — नाम जितना तेज, अब जीवन उतना ही मद्धम। एक समय … Read more

बेटियां -वीरेंद्र बहादुर सिंह 

राजेश सिंह के यहां जब तीसरी बेटी अस्तु पैदा हुई तो उनकी मां सीमा देवी नर्सिंग होम की सीढियां चढ़ कर बहू स्मिता का हालचाल पूछने पहुंच गईं। उम्र होने की वजह से सीढ़ियां चढ़ने में वह थक गई थीं। फिर भी हांफते हुए वह बहू के पलंग तक पहुंच ही गई थीं। सास की … Read more

पैरों की जूती –  डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

हकीकत में महिलाओं के बिना संसार का कोई औचित्य नहीं है। लेकिन आज मर्दों की बहुत तादाद जो महिलाओं की कद्र नहीं करते ।इस संसार में ऐसे इंसान भी मौजूद है जो औरत को पैरों की जूती के समान समझते हैं। यह बात अलग है ऐसी सोच रखने वाले ज़िन्दगी भर जूते ही खाते हैं … Read more

विश्वास को खोते देर नहीं लगती – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रीति बहुत गहरी सोच में डूबी हुई थी। उसके सामने एक ऐसी सच्चाई खड़ी थी, जो उसके घर का सुख-चैन छीन सकती थी। एक तरफ़ परिवार का रिश्ता था और दूसरी तरफ सच्चाई का बोझ। अगर वह मुंह खोलती तो उसका ही घर बिखर सकता था। लेकिन अगर चुप रहती, तो एक बेगुनाह कामवाली पर … Read more

बंद दरवाजों के पीछे का थप्पड़ ‘-मीनाक्षी गुप्ता :Moral Stories in Hindi

सोनम की दुनिया एक बंद कमरे की घुटन से शुरू होकर उसी कमरे की ख़ामोशी में ख़त्म हो जाती थी। बाहर की दुनिया में उसका पति, मोहित, एक आदर्श, हँसमुख और प्यार करने वाला इंसान था। उसकी हँसी और बातों में सोनल के लिए फ़िक्र झलकती थी। पर यह सब एक ढोंग था, एक ऐसा … Read more

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