एहसास – खुशी : Moral Stories in Hindi

जमुना प्रसाद जी और जानकी जी के तीन बेटे अमर अजय और  केशव थे और कुछ वर्ष बाद एक बेटी गीता हुई सब भाइयों में सबसे छोटी पिताजी उसे प्यार करते पर मा का दिल तो अपने बेटों में था।जमुना प्रसाद की कपड़ों की दुकान थी बीच बाजार में जो चलती भी बहुत थी।बड़ा बेटा … Read more

जादुई दर्पण – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रजनी के किच-किच से तो मैं परेशान हो चुका हूँ। जब देखो लड़ती रहती है। आज तो घर जाऊँगा ही नहीं, चाहे कुछ भी हो जाये।”   मन में बुदबुदाता हुआ, मनोज पार्क में आकर बैठा ही था कि हवाओं ने बहना शुरू कर दिया। जैसे हवाओं को उसके आने का एहसास हो गया हो। मनोज … Read more

यादों की पोटली – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

बात उन दिनों की है, जब मैं शिक्षिका थी।दिल्ली के एस.जे. मॉडल स्कूल में मैंने तीन वर्षों तक अध्यापन कार्य किया। यह केवल नौकरी नहीं थी, बल्कि आत्मा को संतुष्टि देने वाला अनुभव था। कक्षा की चौखट पर कदम रखते ही ऐसा लगता था मानो जीवन रूपी किताब का एक नया पन्ना खुल रहा हो। … Read more

पापा , मेरे लिए लोन ले लो – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

पापा , मुझे फाल्गुनी पाठक वाली नवरात्री में खेलने जाना हैं , प्लीस पास लेने के लिए हजार रुपए दे दो सिम्मी अपने पापा चंदुलाल जी से प्यार से बोली !! सिम्मी की मां सीमा जी बोली – इस लड़की ने तो परेशान कर दिया हैं , कभी शापिंग , कभी घूमना , कभी फाइव … Read more

आप अपने बेटों के साथ क्यों नहीं रहते – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“आप अपने बेटों के साथ क्यों नहीं रहते ” रमन के इस सवाल ने कैलाश जी को झकझोर दिया था। “मैं एक पिता हूं ना की कोई चीज जिसे घर का एक कोना तो दे दिया जाता है लेकिन दिलों में स्थान नहीं। जहां हर पल मेरे सम्मान को ठेस लगती है। कभी हमारे पहनावे … Read more

बीवी का गुलाम – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“बहू क्या कान भरे हैं तुमने मेरे बेटे के जो आज उसने मुझसे सवाल जबाव करने की हिम्मत की है ” कुसुम जी बौखलाई हुई मीता के पास आईं।जिस बेटे ने मेरे सामने निगाह उठा कर भी बात नहीं किया आज वो तुम्हारी वकालत करने को खड़ा हो गया है। कुसुम जी के इगो पर … Read more

हालात

सुबह का अख़बार जैसे ही घर में आया, विमला ने आदतवश मुखपृष्ठ खोला। और तभी उसकी आँखें ठहर गईं।बड़े-बड़े अक्षरों में छपा था—“गरीबों का देवदूत—डॉ. सुनील” साथ ही मुस्कुराते हुए उसके भाई सुनील की तस्वीर भी छपी थी। विमला की आँखें भर आईं। वह फूली न समाई। चेहरे पर गर्व की चमक थी। बगल में … Read more

अब क्या कहना-सुनना

  ” देख ममता….इतनी-सी बात पर तू घर छोड़ मत जा।प्लीज़…।” कहते हुए मंजू ने ममता का हाथ पकड़ लिया।       ” दीदी…इतनी-सी बात नहीं है।आपने अपशब्दों के तीर चलाकर मेरा कलेजा छलनी कर डाला है।” कहते हुए उसने अपना हाथ छुड़ाया और बक्से में अपना सामान रखने लगी।       मंजू को चार महीने की प्रेग्नेंसी थी।डाॅक्टर ने … Read more

काव्या – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

******** ” बधाई हो काव्या, तुम मॉ बनने वाली हो।” इतना सुनते ही विगत स्मृतियां उसके मस्तिष्क में शोर मचाने लगीं। उसे आज भी वह दिन याद था जब डॉक्टर वेदांत की कार से टकराकर वह अचेत हो गई थी। डॉक्टर वेदांत और रुद्रांगी अपने मित्र के विवाह समारोह से वापस लौट रहे थे। डॉक्टर … Read more

जायदाद

निशा काम निपटा कर बैठी ही थी कि फोन की घंटी बजने लगी। मेरठ से विमला चाची का फोन था ,”बिटिया अपने बाबू जी को आकर ले जाओ यहां से। बीमार रहने लगे है , बहुत कमजोर हो गए हैं। हम भी कोई जवान तो हो नहीं रहें है,अब उनका करना बहुत मुश्किल होता जा … Read more

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