‘ सबक सिखाना जरूरी है -कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा और नीरज की नई नई शादी हुई थी।दोनों अपनी गृहस्थी बसाने में जुट गए।नेहा बहुत समझदार थी घर को कैसे चलाना है ये उसे अच्छे से आता था नीरज भी काफी सुलझा हुआ था उसने भी अपने मम्मी पापा को घर व्यवस्थित रूप से चलाते हुए देखा था। नीरज नेहा को घर खर्च के … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आहाना का दिल ढोल-नगाड़ों की गूँज में भी अपनी धड़कनों को महसूस कर रहा था. यह धड़कनें ख़ुशी की नहीं, बल्कि एक गहरे डर और पश्चाताप का था. मखमली लाल लहंगे और भारी-भरकम गहनों में सजी, वह किसी कठपुतली की तरह मंडप में बैठी थी. पंडित मंत्र पढ़ रहे थे और हवन की अग्नि जल … Read more

समाधान मिल गया –  अर्चना कोहली ‘अर्चि’ :

 Moral Stories in Hindi  “व्हाट ए सरप्राइस। इतने दिन बाद मुझसे मिलने की फुरसत मिली।” मनीषा ने नित्या से बनावटी गुस्से से कहा।  “नाराज मत हो, बस कुछ व्यस्त थी। आज सबकी छुट्टी थी तो सोचा, कुछ देर के लिए मिल आऊँ। तू बता जिंदगी कैसे चल रही है और दिव्यांश और दिव्या कैसे हैं?” … Read more

सच्ची मित्रता – शुभ्रा बैनर्जी :

 Moral Stories in Hindi “सुमन देखो तो,कौन आया है?”अपने कमरे में ऑफिस जाने के लिए तैयार होते हुए सुधाकर जी ने पत्नी से कहा। सुमन थोड़ी ही देर में हड़बड़ाते हुए आई ,और कहा”सुनिए जी, जल्दी से बिस्तर पर सो जाइए।ऑफिस थोड़ी देर बाद चले जाइयेगा।मधुकर के मां-बाप आएं  हैं।वही पुराना राग अलाप रहें हैं।अब … Read more

पेंशन – प्रतिमा श्रीवास्तव :

 Moral Stories in Hindi बेटा मुझे कुछ पैसे की जरूरत है शांति जी बेटे रवि से चार दिन से बोल रहीं थीं पर रवि हमेशा अनसुना करके कोई ना कोई बात घुमा कर वहां से निकल जाता। शांति जी स्कूल में अध्यापिका थीं तो हर महीने उनको  अच्छी – खासी पेंशन मिलती थी।जब तक शरीर … Read more

“ये बंधन कच्चे धागों का नहीं है – समिता बढ़ियाल :

 Moral Stories in Hindi माँ , इस बार आप राखी पर मामा के घर नहीं जाओगे , अभिषेक ने अपनी माँ सुशीला जी से कहा।  सुशीला जी बोलीं , बेटा अभि , ये रिश्ते बहुत नाज़ुक होते हैं , एक बार बिखर गए तो बिखर गए।  फिर जितना भी संभालो , नहीं संभलते।  अभिषेक माँ … Read more

वैभव ही सुख नहीं – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ :  Moral Stories in Hindi

“निया, क्या बात है? मम्मी रसोई में चाय बना रही हैं और तुम सो रही हो। क्या तबियत सही नहीं है।” मयंक ने पूछा। “ठीक है।” निया ने जवाब दिया। “फिर क्या बात है? अभी तक क्यों सो रही हो? सूरज ढलने के बाद सोना अच्छी बात नहीं है। घर भी बिखरा हुआ है। कई … Read more

राखी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल :  Moral Stories in Hindi

आज राखी का त्यौहार है। सब जगह भाई-बहन के गाने ही बज रहे थे — “फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हज़ारों में मेरी बहना है, सारी उमर हमें संग रहना है।” रीता यह गाना गुनगुनाते हुए अपनी ननद का इंतजार कर रही थी, जो थोड़ी देर में ही पहुंचने वाली थी। वह … Read more

 ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है – लक्ष्मी त्यागी

कल्पिता मन ही मन खुश हो रही है ,’श्रावण मास’ जो चल रहा है ,इन दिनों’ शिवपूजन’ के साथ -साथ’ हरियाली तीज ‘ उसके पश्चात’ रक्षाबंधन’ भी आती है। कल्पिता मन ही मन गुनगुनाने लगती है -”अब के बरस भेजो ,भैया को बाबुल सावन में लीजो बुलाए !” जब से विवाह करके अपनी ससुराल आई … Read more

अतिथि,अब तुम जाओगे – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बचपन में हमें टीचर ने सिखाया था कि अतिथि देवो भवः और सयाने होने पर दादी ने भी यही सिखाया था।जब भी चाचा, बुआ-फूफाजी अथवा पिताजी के मित्र हमारे घर आतें तो माँ हम सभी भाई-बहनों को एक कमरे में समेट देतीं थीं।अब रात को एक ही बिस्तर पर हम पाँचों भाई-बहन एक-दूसरे पर लातें … Read more

error: Content is protected !!