समझदार बहन – शुभ्रा बैनर्जी :  Moral Stories in Hindi

माता-पिता की सड़क दुर्घटना में असामयिक मृत्यु हो जाने के कारण दुर्गा और उसका बड़ा भाई अनाथ हो चुके थे।पिता दीनदयाल जी का भरा -पूरा संयुक्त परिवार था।घर के बड़े बेटे होने का फर्ज उन्होंने खूब निभाया था। दुर्गा की दो बहनों की शादी उन्होंने ही करवाई थी।अपने छोटे भाई को पुत्र समान स्नेह देकर … Read more

“मायके मे हक”

सुबह का वक्त था। रमा अपने छोटे से आंगन में तुलसी को पानी दे रही थी, तभी उसकी बेटी काजल  का फोन आया। “माँ, इस बार गर्मियों में मायके आने को सोच रही हूँ ?”रमा जी ने मन ही मन आह भरी। सच तो यह था कि पति के गुजरने के बाद घर का माहौल … Read more

असली रिश्ता

“संध्या भाभी, आज फिर वही पुरानी सूती साड़ी? अरे त्योहार पर तो कुछ नया पहन लिया करो। मैं देखो ना, आपकी पसंद का साड़ी और भैया के लिए,  कुर्ता लेकर आई थी । रीमा ने अपने चिर-परिचित चुलबुले अंदाज़ में बात शुरू की, लेकिन उसका स्वर में छिपा तंज संध्या भाभी को सुनाई दे गया। … Read more

नींद के टुकड़े, ख्वाबों के पहाड़ – डॉ० मनीषा भारद्वाज्ञ :  Moral Stories in Hindi

रात के डेढ़ बजे।पंखे की घुरघुराहट के बीच बिस्तर तप रहा था। दाहिना घुटना जैसे किसी लोहे की कील से टिका हो। “अरे भगवान… ये गठिया का दर्द तो हजारों की फौज लेकर टूट पड़ा है,” मैं कराहा। पास ही सोई पत्नी सुमन करवट बदली।   “फिर नींद उड़ी?” उसकी आँखें नींद से चिपकी थीं, पर … Read more

घरौंदा – प्रतिमा श्रीवास्तव :

 Moral Stories in Hindi अंतिम समय आने से पहले सुहासिनी जी को अहसास हो चुका था की अब वो कुछ दिनों की मेहमान हैं तो उन्होंने अपने बच्चों से अंतिम इच्छा जाहिर की कि” बेटा मैं कुछ दिन अपने घरौंदे में वक्त बिताना चाहती हूं।ना जाने कब ईश्वर का बुलावा आ जाए और मेरे प्राण … Read more

एक खट्ठी-मीठी गुंजाइश – डॉ० मनीषा भारद्वाज :

 Moral Stories in Hindi सोफे पर अधलेटा अंशु स्मार्टफोन की स्क्रीन पर अंगुलियाँ चलाता हुआ, एक गहरी सुख-साँस ले रहा था। सप्ताहांत की वह सुनहरी दोपहर थी जब समय शहद की तरह गाढ़ा और मीठा बहता है। तभी मनू, हाथों में धूल झाड़ने का कपड़ा लिए, ड्राइंग रूम में प्रविष्ट हुई। उसकी नज़र अंशु के … Read more

मेरे बेटे का घर है – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“जितना बोला जाए उतना ही किया करो सुगंधा बहू। किसने तुम्हें हक दिया मनमानी करने का। मेरे बेटे का घर है ये मायके से नहीं लाई हो तुम। मेरे बेटे को फंसाया है तुमने प्रेम जाल में और मकसद में कामयाब भी हो गई इस घर की बहू बनने में।भला कहां औकात थी तुम्हारे घर … Read more

राखी – खुशी : Moral Stories in Hindi

मीनू अपने घर में सबकी लाडली थी दो भाई रतन और मदन माता कमला और पिताजी श्यामलाल थे।मीनू के भाई मीनू पर जान छिड़कते थे।रतन मीनू को अपनी बेटी की तरह प्यार करता था।रतन मीनू को कभी किसी को डांटने भी नहीं देता था। रतन और मदन की पत्नियां भी मीनू को बहुत स्नेह करती … Read more

बड़ी बहन का फर्ज – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

देखो अम्मा मैं कहे देती हूँ… हमारा घर लुटाना बन्द कीजिए समझीं आप… अपनी बेटी को दे देकर सारा हमारा घर लुटाये जा रही है ।अरे मेरे पति की गाढ़ी मेहनत की कमाई है रात दिन मेहनत करते हैं,कोई मुफ्त फोकट का माल तो है नहीं हमारे पास ऐसी ही आप, ऐसी ही आपकी बेटी … Read more

‘ सबक सिखाना जरूरी है -कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा और नीरज की नई नई शादी हुई थी।दोनों अपनी गृहस्थी बसाने में जुट गए।नेहा बहुत समझदार थी घर को कैसे चलाना है ये उसे अच्छे से आता था नीरज भी काफी सुलझा हुआ था उसने भी अपने मम्मी पापा को घर व्यवस्थित रूप से चलाते हुए देखा था। नीरज नेहा को घर खर्च के … Read more

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