बहुरानी बेशक घर गंदा ही रहने दो – मधु वशिष्ठ :  Moral Stories in Hindi

हर समय ताने मारने वाली सासु जी को जाने क्या हो गया कि अब वह कुछ भी फैला होने पर नीता को कुछ भी नहीं कहती थीं| क्योंकि अक्सर धूप सामने ही आती थी, नीता जब भी बिट्टू के या बाबूजी के कपड़े सामने सुखाती तो सासु मां हमेशा सामने वाले घर को दिखाकर घर … Read more

बड़ी अम्मा – मुकेश पटेल

मिसेज़ निर्मला का आज 50वां जन्मदिन था, यानी आज वे अपने जीवन की गोल्डन जुबली मना रही थीं। उनके पति मिस्टर रामचंद्र इस जन्मदिन की शाम को यादगार बनाना चाहते थे। निर्मला जी पेशे से एक टीचर थीं और वे अपना खुद का एक प्राइवेट स्कूल चलाती थीं। उनके पति मिस्टर रामचंद्र बैंक में मैनेजर … Read more

एक पिता का दिल – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

आज वह दिन आ गया था जिसका सभी माता-पिता को इंतज़ार रहता है..अपनी प्यारी सी नन्ही राजकुमारी को दुल्हन के  रूप में देखने का।भले ही अपने राजकुमारी को विदा करने के लिए उन्हें अपने दिल पर पत्थर क्यों न रखना पड़ता होगा लेकिन इसी दिन के लिए वे कितने ही सपने संजोकर रखते हैं। आज … Read more

गुड न्यूज – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

पाखी वर्मा परिवार की छोटी बहू| बहुत ही खुश मिजाज और चुलबुली, लेकिन आज पाखी कुछ ज्यादा ही खुश है| सुबह से गुनगुनाए जा रही है| उसे यूँ गुनगुनाते हुए चाय बनाते देख उसकी जेठानी वृंदा ने उसे छेड़ा, “क्या बात है! आज तो लगता है कोई बहुत खुश है| गुड न्यूज़ है क्या?” “हाँ, … Read more

 गोश्तखोर – रवीद्र कान्त त्यागी :  Moral Stories in Hindi

दुनिया में साली कोई सबसे वाहियात जॉब हो सकती है तो वो है पुलिस की नौकरी. न समय का पता न जीवन की सुरक्षा. ऊपर से जिसकी आँखों में देखो अपने लिए नफ़रत ही दिखाई देती है. रातभर चैन से सो रहे शहर की सुरक्षा में उल्लू की तरह जागकर सुबह चार बजे तनिक कमर … Read more

कर्जदार – अर्चना नयन :  Moral Stories in Hindi

“मम्मी, मम्मी पता है आज स्कूल में क्या हुआ?”     चार साल की पंखुड़ी स्कूल से आते ही अपनी मां अनामिका को जब तक पूरी खबर ना वहां की बता दे चैन नहीं पड़ता उसे। आज तो कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड लग रही थी पंखुड़ी। “बेटा पहले हाथ पैर धो लो ड्रेस चेंज कर लो फिर … Read more

 जेठानी – देवरानी का नाटक ससुराल वालों पर पड़ा भारी – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

भाभी , यह क्या आप दिन भर काम करती हैं फिर भी कोई भी आपको कुछ भी बोलकर चला जाता हैं , घरवाले आपकी बिल्कुल भी इज्जत नहीं करते , आपको इन सबकी बातों का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगता क्या ?? मेघा अपनी जेठानी सुलोचना से बोली !! सुलोचना बोली – मेघा , ना … Read more

रिश्ते दिल से बनते हैं, हैसियत से नहीं – ज्योति आहूजा : Moral stories in hindi

इंदौर की धूप उस दिन कुछ नरम थी, जैसे आसमान ने भी शहर पर अपना हाथ फेर दिया हो। छोटे मगर सलीके से सजे घर में रीना और अर्जुन की दुनिया बसी थी। शादी को सात साल हो चुके थे, दो प्यारे बच्चे, दोनों की अच्छी नौकरियां, और धीरे-धीरे बनाई हुई एक ऐसी ज़िंदगी जिसमें … Read more

ओल्ड एज होम -प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

मंगला जी ने अपने घर को क्यों ओल्ड एज होम में बदलने का फैसला ले लिया था। लाखों की प्रापर्टी थी और बच्चों ने जब उसे बेच कर मां का बंटवारा करने का फैसला लिया था कि मां कुछ महीने यहां रहेंगी और कुछ महीने वहां तो ये बात मंगला जी को हजम नहीं हुई … Read more

शहर से गांव की ओर – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

सालों बाद जब गांव की तरफ लौटी तो मन बड़ा खिन्न था कि इतने ऐश आराम की जिंदगी के बीच कुछ समझौते के साथ रह पाऊंगी क्या? इसी जद्दोजहद के बीच विचारों ने भी पैर पसार लिए थे। कहते हैं कि सकारात्मक सोचें तो सबकुछ सही नजर आता है लेकिन नाकारात्मक विचार आ रहें हैं … Read more

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