सासूमाँ के साथ उनका हुनर भी चला गया – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

         कसम से माँ जी क्या जैम बनाईं हैं आप ……मैंने तो जिंदगी में इतना टेस्टी जैम नहीं खाया ….वो भी अमरूद का …..!! आपके हाथों में जादू है माँ जी , जादू …..। अपनी सासू माँ की तारीफ करते नहीं थक रही थी रोली …… !!          सच ही तो है जया देवी को जेली , … Read more

सीख – सुनीता मुखर्जी “श्रुति “: Moral Stories in Hindi

आराधना की प्रथम पोस्टिंग महानगर में हुई। वह बड़ी-बड़ी इमारतें, मॉल, सिनेमा घर, और पार्क और भीड़ भाड़ देखकर अवाक थी । उसने यह सब टेलीविजन में देखे था। एक छोटे से गांव की बाला …कम उम्र में ही उसका विवाह हो गया।  विवाह के पश्चात उसने पढ़ाई करने की ठानी,और यह संकल्प लिया कि … Read more

मोह – खुशी : Moral Stories in Hindi

सरला जी एक कर्तव्यनिष्ट महिला थी सुबह स्कूल जाना स्कूल जाने से पहले घर का सारा काम करती थी।पहले नौकर कहा हुआ करते थे उनके पति राघव भी स्कूल में अध्यापक थे पर वो दिन की शिफ्ट में जाते थे।पहले वो चूल्हे पर सारा खाना बना कर जाती।पर फिर उन्होंने राघव जी से कहा गैस … Read more

बस अब और नहीं – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

मुक्ता की शादी को आठ साल बीत चुके थे पर अभी तक उसकी गोद सूनी थी। हालांकि आशीष ने कभी उसे इस कमी का अहसास नहीं होने दिया था दोनों अपनी जिंदगी में बहुत खुश थे लेकिन जब भी वे किसी फंक्शन में जाते तो ऐसा लगता कि जैसे बच्चा न होना बहुत बड़ा गुनाह … Read more

एक औरत कठपुतली नहीं – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

नताशा ने जैसे ही दरवाजा खोला उसकी आंखे आंसू से भीग गयी उसे लगा जमीन पर जाके गड़ जाऊं ,,पर क्या जीवन का अंत आसान है, वो दो बच्चों के बारे में सोचकर सह जाती है। हुआ यू कि नताशा के पति को पीने की आदत हो गई है।अब ये है, कि जिंदगी के इस … Read more

  न भई न! ‘मैं’ मैं ही ठीक हूँ – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

      ‘अमिता, मेरी नीली कमीज प्रेस नहीं की? कल सुबह तुम्हें बोलकर घर से निकला था। आज मेरी प्रेजेन्टेशन है।मुझे वही कमीज पहननी थी।पता नहीं तुम्हारा ध्यान कहाँ रहता है?’       ओह सॉरी,भुवन! दरअसल कल कपड़े प्रेस करने के लिए समय ही नहीं मिल पाया। मैं अभी प्रेस कर देती हूँ।       ‘समय नहीं मिल पाया ?? बाई- … Read more

“स्वाति मेरा टिफिन तैयार है क्या”- एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi

“माँ मेरा नाश्ता लगा दो, मुझे कॉलेज को देर हो रही है।”“मम्मी मेरी यूनिफॉर्म कहाँ रख दी आपने? मिल नहीं रही है  ढूंँढ कर दे दो जरा …।”“बहू एक गिलास पानी देना…दवा खानी है मुझे।”ये उसकी दिनचर्या के वे शब्द  थे जो स्वाति रोज सुनती थी पर पलट कर इनका कोई उत्तर नहीं दे पाती … Read more

वो एक पल – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

आज पैंतीस साल बाद अलवर की जमीन पर पांव रखने का सौभाग्य मिला था। मेरा हायर सेकेंडरी का परिणाम आने के पहले ही पिताजी का अलवर से भोपाल ट्रांसफर हो गया था। वहां से बीटैक करने के बाद मैं ऑस्ट्रेलिया चला गया था। फिर जीवन का एक लंबा अरसा सीमेंट व  लोहे के अनुपात और … Read more

फर्ज – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

बीना ,तुमने क्या सोचा? किस बारे में मम्मी! देखो बेटा अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है  सारी उम्र ऐसे यहां बिना किसी सहारे के कैसे रहोगी तुम , आज पूरे छः महीने हो गए है राघव को गए हुए कभी तो हमारी बात सुन लिया करो  मां …. कितनी बार यह बात बोलोगी तुम  मैंने … Read more

घर बनाम आश्रम – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

———————– सामान उठा कर जाते जाते उसकी नज़र अपने पति की तस्वीर पर पड़ी और पड़ते ही उसे उसके बीत दिन एक रील की तरह मन मस्तिष्क में घूमने लगे कितने अरमानों से शादी  करके घर बनाया थी ।पर क्या पता था कि बढ़ती उम्र के साथ इतना कुछ बदल जायेगा। कहते है ना कि … Read more

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