आँसू पीकर रह जाना – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

गाँव के आखिरी छोर पर बने  एक छोटे से घर में, रहता था आकाश. घर में बूढ़े माँ-बाप थे, दो बहनें – बड़ी, रमा तो अपने ससुराल जा चुकी थी, पर छोटी, पूजा की शादी की चिंता में सब परेशान रहते थे . और थे दो भाई – बड़ा, सुरेश, जो गाँव की छोटी-मोटी दुकान … Read more

अस्तित्व – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी जीवन की सबसे बड़ी आज़ादी, किसी पुराने घर के आंगन में मुस्कराती मिलती है, जहां दरारों में भी अपनापन होता है और खामोश दीवारों से भी संवाद होता है। ये कहानी है सावित्री देवी की — एक ऐसी मां की जो अपने बच्चों के सुख में भी खुद को भूल नहीं सकी, और खुद … Read more

*अहम * – मिन्नी मिश्रा : Moral Stories in Hindi

आकाश को घर से निकले पाँच दिन हो गये । एक-दो दिन मुझे अकेलेपन का जरा भी अहसास नहीं हुआ, सब कुछ अपनी मनमर्जी से किया । परंतु , आज सवेरे से ही मन बेचैन था.. . कभी टीवी खोलती, कभी खिड़की के पास खड़ी होती, तो कभी वार्डरॉब में उनके कपड़ों को निहारती । … Read more

क्या यही प्यार है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

देखो जी , मैं कैसी लग रही हूँ? मोहिनी ने नई साड़ी पहनकर इठलाते हुए पूछा। सुदंर मोहन ने बगैर मोहिनी की और देखे ही कहा। हमेशा की तरह मोहिनी चिढ़ सी गई। वो भी कैसी बेवक़ूफ़ है, आज तीस साल हो गए शादी को, फिर भी मोहन को समझ नहीं पाई। अजीब ही बंदा … Read more

हैप्पी! वैलेंटाइन डे – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

पाखी कई दिनों से बाजार जाने की सोच रही थी लेकिन कभी कोई काम आ गया तो कभी कोई मेहमान आ गया। कभी ख़ुद की तबियत ठीक नहीं तो कभी पतिदेव को साथ जाने की फ़ुरसत नहीं। आख़िर एक दिन वो अकेली ही निकल पड़ी गाड़ी उठाकर मार्किट की तरफ। इंतजार करने की भी हद … Read more

“अनकही पीड़ा” – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

छोटे शहर की पुरानी हवेली में रहने वाली कुसुम देवी को मोहल्ले में एक अनुशासित, संस्कारी और सख्त सास के रूप में जाना जाता था। उनके बेटे रोहित की शादी एक साल पहले स्नेहा से हुई थी। स्नेहा पढ़ी-लिखी, सुशील, और स्वभाव से बेहद शांत लड़की थी। उसने शादी के बाद घर को अपना मानकर … Read more

गुड़िया – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

राधा के हाथों में अपनी बेटी आलिया की गुड़िया देखते ही उसकी माँ सानिया ने राधा से वह गुड़िया छीनते हुए अपनी नौकरानी पुष्पा से कहा, अरे पुष्पा अपनी बेटी को क्यों लेकर आती हो, आलिया की इतनी महंगी-महंगी गुड़िया रोज-रोज गंदी कर देती है। क्या करूँ मैडम जी उसे घर पर अकेली छोड़ कर तो नहीं आ … Read more

अदरक वाली चाय – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

अखबार का पन्ना पलटते हुए रूबी सोच रही आज काम पर जायें कि ना जाये ,मन नही कर रहा जाने का,  वैसे वो छुट्टी लेती नही पर आज तबियत कुछ ढीली लग रही ,कल रात बारिश में भीगने के कारण नाक में सुरसुरी सी हो रही , सोच रही ले ले आखिर सी . एल  … Read more

मिठू की लोहड़ी – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

रिनी और मिनी दोनों बहने आज बहुत खुश थी। रिनी दस साल की थी और मिनी तीन साल की । उनका छोटा भाई मिठू तो सिरफ दस महीने का था।वैसे तो खुशी की वजह लोहड़ी का त्यौहार भी था। लेकिन उससे ज़्यादा खुशी थी मिठू की पहली लोहड़ी । जैसा कि हमारे देश में कई … Read more

सही सोच – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

आज बहुत देर कर दी सैर से लौटते हुए, कब से नाश्ता बना कर रखा है रेखा ने नाश्ता परोसते हुए पति मानव से कहा। बस वैसे ही, थोड़ी देर राजीव जी के पास खड़ा हो गया रास्ते में। शायद तुमने ध्यान नहीं दिया, वो जो सात नं वाला घर है हमारी गली में एक … Read more

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