मैं गांधारी नहीं – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

सूरज ढल रहा था और अँधेरा फैलने को था। गाँव की वह लड़कियाँ इसी अंधेरे का इंतज़ार करती हैं, जिनके घरों में शौचालय नहीं होते। गाँव की एक ऐसी ही लड़की, हाथ में लोटा लिए, सुनसान जगह की ओर जा रही थी, जहाँ कोई नहीं आता-जाता था। ठाकुर रणवीर प्रताप अपनी ऊंची हवेली के झरोखे … Read more

दोहरा चरित्र – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अमित को नौकरी के सिलसिले में बहुत आना- जाना पड़ता था। शुरू – शुरू में तो उसके साथ गीत भी गई लेकिन अमित उसे वक्त ही नहीं दे पाता था।गीत भी होटल के कमरे में पड़े – पड़े बोर हो जाती। नया शहर नए लोग करे तो क्या करें, इसलिए उसने साथ जाना बंद कर … Read more

एक मौका और – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

भीनी ने बाहर जाने से पहले जब अपने आप को आईने में निहारा, तो वह हल्के से बड़ी अदा से मुस्कराई। उसे महसूस हुआ कि वो एक सैकैंड भी यहाँ और रूकी तो ख़ुद पर ही फ़िदा हो जाएगी। सिवाय थोड़े से आई मेकअप और हल्की सी क्रीम लगाने के इलावा उसने कोई कास्मेटिक यूज़ … Read more

गुरु गोविन्द दोउ खड़े – सरिता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुबह और शाम की भागदौड़ में बस दोपहर का ही समय थोड़ा राहत देने वाला होता है- जब आधे अधूरे कामों को पूरा करने और कुछ नया प्लान करने, साथ ही साथ थोड़ी थकान मिटाने को एकान्त मिलता है। इस एकान्त का भरपूर लाभ उठाती हूँ मैं। आज भी कुछ हिसाब-किताब जोड़ रही थी तभी … Read more

पति-पत्नी: एक प्यारा रिश्ता या सुंदरता का बंधन – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

एक संयुक्त परिवार, जो दिल्ली के एक पॉश इलाके में स्थित था ।  एक अच्छा-खासा, खाता-पीता, संस्कारी परिवार जहाँ आपसी समझदारी और प्रेम से जीवन की गाड़ी सरपट दौड़ती थी। घर में माता-पिता थे, बड़े भाई-भाभी और उनके दो चुलबुले बच्चे थे, और सबसे छोटा था अमन। रौनक ऐसी कि घर में हर समय त्योहार … Read more

बुआ जी का हिस्सा – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

दादा जी गुजर गए थे और वसीयत लिखी है की नहीं किसी को पता नहीं था। घर के बाहर अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ इकट्ठी थी लेकिन उनके चारों बेटे अंदर जमीन जायदाद के लिए झगड़ रहे थे। “पिता जी ने कभी कुछ बताया ही नहीं की किसको क्या – क्या मिलेगा? भइया क्या … Read more

समधन जी – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

समधन जी !”आपकी बिटिया को कुछ सिखाया नहीं है क्या? सिर्फ पढ़ाई लिखाई और नौकरी ही कराया है आपने?” कमला जी ने फाल्गुन की मम्मी को सुनाना शुरू कर दी। अभी अंदर आए कुछ ही समय हुआ था रमा जी को,ना ढंग से चाय – पानी पूछा और ना ही हाल खबर। ऐसा लग रहा … Read more

ऐसे कारज कीजिए – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

किसी ने सच ही कहा है कि हर इन्सान को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है और यह भी सच है कि इसी धरती पर भुगतना पड़ता है। अगला जन्म, दूसरा जहान, नर्क – स्वर्ग किसने देखा है। जब कोई व्यक्ति अपनी अच्छी उम्र , अच्छा जीवन भोग कर जाए तो सब यही कहते … Read more

सिसकती सांसें – सरिता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों के बाद मायके आ पाई। मां पापा के साथ भाई बहन -सभी फोन कर करके मनुहार करते रहे–दीदी तू तो हमें भूल ही गई, शायद रास्ता ही भूल गई हो ,हम आ जायें लेने ! मुझे हंसी भी आती और अपने ऊपर गुस्सा भी,पर क्या करें!जब तक बच्चों के पेपर नहीं हो जाते,ट्यूशन … Read more

बस एक प्रेम – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

कई बार फोन करने के बाद भी जब नही उठा तो आंखों में आंसू लिये सोचने लगी वर्षों पहले जिसे जिंदगी से बेदखल कर दिया था  आज  उसी के पीछे मन भाग रहा  अचानक से माल में हुई मुलाकात ने उन दोनों को करीब ला दिया सबकी अपनी अपनी दुनिया होते हुए कभी कार बातें … Read more

error: Content is protected !!