सबक सिखा कर रहूंगी – ऋचा उनियाल
“रमा तू आज फिर लेट हो गई? तेरा ये अब रोज़ का नाटक हो गया है, पहले तो ऐसा नहीं करती थी!! ऊपर से तेरी आए दिन की छुट्टी से मैं तंग आ गई हूं। देख साफ साफ कह रही हूं रमा, अगर ऐसा ही चलता रहा ,तो मुझे नहीं करवाना तुझसे कोई काम वाम … Read more