उजाला – संध्या त्रिपाठी

 माँ – माँ उठ ना , देख  तो उजाला हो गया ….. मैं जाऊं पटाखा बिनने ? कहां जाएगी बिटिया पटाखा बिनने …..? जहां तू काम करती है ना माँ ….वहीं …  कल देखी थी मेम साहब का बेटा (भैया) खूब पटाखा फोड़े थे….. जरूर दो- चार इधर-उधर बिना फूटे रह गया होगा …!    अरे … Read more

“अम्मा का कमरा”

रीना किचन में बर्तन समेट ही रही थी कि अचानक फोन की घंटी बजी।फोन उठाया तो गाँव से बड़े चाचा थे— “बिटिया, अम्मा अब बहुत बूढ़ी हो गई हैं। आँखों से कम दिखता है, घुटनों में दर्द है। अब अकेले रहना मुश्किल हो गया है। तुम लोग दिल्ली में हो, किसी के पास तो होना … Read more

अधिकार

आदित्य की कार दरवाज़े पर रुकी ही थी कि भीतर से ऊँची आवाज़ें बाहर तक आ रही थीं। वह ठिठक गया—पहचान लिया, यह तो उसकी माँ सरोज जी की आवाज़ है। मन में खटका हुआ, “शायद काव्या से कोई चूक हो गई होगी… पर ऐसे चिल्लाने की क्या ज़रूरत?” वह तेज क़दमों से अंदर पहुँचा। … Read more

ज़रूरी नहीं हर कहानी घर की कहानी एक जैसी हो – गीतू महाजन, : Moral Stories in Hindi

“सुनो जी,शिप्रा पांच बजे तक पहुंच जाएगी तो उसकी पसंद की प्याज़ की कचौड़ियां आ और गुड़ वाला हलवा याद से ले आए थे ना आप”,रीमा जी ने घड़ी में देखते हुए अपने पति रमाकांत जी से कहा। “तुमने मुझसे कब कहा यह सब लाने को..अब तो चार बज रहे हैं और तुम्हें पता है … Read more

कर्ज – विमलभारतीय ‘शुक्ल’

कामिनी पूरे घर में निर्देश देती घूम रही थी, जैसे कोई आयोजन हो। पर यह आयोजन नहीं, विदाई की तैयारी थी—उस व्यक्ति की, जिसने कभी इस घर को अपने कंधों पर खड़ा किया था। “पिता जी से कह दो, अंदर वाले कमरे में चले जाएँ, कुछ लोग मिलने आने वाले हैं।”कामिनी ने नौकर को आदेश … Read more

अधिकार – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

बिल्कुल नही ….अमन! ये संभव नहीं। ये शादी नहीं हो सकती, तुमने सोच भी कैसे लिया ,तुमने फैसला कर लिया,आगे बढ़ने से पहले हमें बताते तो सही..! मां मैं आशना से प्यार करता हूं और प्यार क्या मैं आपसे पूछ कर करता ? नही अमन। ये नही होगा,तुम्हें अपना फैसला बदलना होगा। मां फैसला आपको … Read more

ये ननद का घर है तो मेरा घर कौन सा है? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ज़िन्दगी का हर एक दिन अच्छा हो ये कोई ज़रूरी नहीं है….. कभी कभी बुरे दौर से भी ज़िन्दगी गुजरती है…. बस हमें हिम्मत और संयम से उसका सामना करना चाहिए….. चल उठ मेरे लिए चाय बना कर तो ला जरा।”रमाकान्त जी बेटी के सिर पर हाथ फेरते हुए बोले “ पर पापा …..।” राशि … Read more

वो सुबह कभी तो आएगी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राघव और रचना जब चालीस पैंतालीस उम्र के पड़ाव पर पहुँचते हैं तो रात के सोते समय भी वे दोनों प्यार भरी बातें नहीं करते हैं ।  राघव ने कहा — रचना गैस बंद किया है न अलार्म लगाया है कि नहीं कल  रवी और सुंदर को जल्दी उठना है ठीक है ।  रचना भी … Read more

सिंदूर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

वृंदा, कल समय पर तैयार हो लेना , मानव का रिश्ता तय हो गया और बहू को अंगूठी पहनाने चलना है तुम्हें और बुआ जी को हमारे साथ । भाभी, मम्मी जी को कह दूँगी, अभी तो वो मंदिर गई है पर माफ़  करना , मैं नहीं जा पाऊँगी ….. क्यों….. नहीं-नहीं चलना है । … Read more

सोने के कंगन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मुग्धा, विवाह की पहली वर्षगाँठ की बहुत बहुत बधाई! आज मैंने दफ़्तर से छुट्टी ली है, चलो कहीं बाहर घूम कर आएँगे और खाना भी बाहर ही खाएँगे । अरे हाँ, माँ ने विशेष रूप से कहा है कि तुम्हारी मनपसंद कोई उपहार भी दिलवा दूँ, बताओ … क्या चाहिए? आपने कह दिया तो समझो … Read more

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