कर्ज – विमलभारतीय ‘शुक्ल’
कामिनी पूरे घर में निर्देश देती घूम रही थी, जैसे कोई आयोजन हो। पर यह आयोजन नहीं, विदाई की तैयारी थी—उस व्यक्ति की, जिसने कभी इस घर को अपने कंधों पर खड़ा किया था। “पिता जी से कह दो, अंदर वाले कमरे में चले जाएँ, कुछ लोग मिलने आने वाले हैं।”कामिनी ने नौकर को आदेश … Read more