बड़ी बहू हूं, पर इंसान हूं – अर्चना खण्डेलवाल
योगिता की नींद खुल गई और शरीर भी आज दर्द से टूट रहा था, उठने की जरा भी हिम्मत नहीं थी, उसकी आदत है वो सुबह जल्दी उठ जाती है, और धीरे-धीरे अपना काम करती है ताकि भावेश की नींद खराब ना हो जायें, दिनभर व्यापार संभालते, भागादौड़ी करते-करते वो भी थक जाते थे, घर … Read more