स्वयंसिद्धा (भाग 2 – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

अब भी वो अपने पति के साथ इतने बड़े महानगर में अकेली ही थी। बच्चे के साथ नौकरी करना बहुत मुश्किल हो रहा था। बच्चे की तबियत कभी भी खराब हो जाती वो कामवाली के सहारे अपने बच्चे को छोड़ना नहीं चाहती थी। उसने अपने घर और ससुराल दोनों जगह बात की पर उन लोगों … Read more

स्वयंसिद्धा (भाग 1) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

रोली आज की पढ़ी लिखी आत्मविश्वास से भरी हुई सुलझी हुई महिला थी। वो उन महिलाओं में से नहीं थी जो घर गृहस्थी के चक्कर में अपनेआपको भूल जाए और अपने पर बिल्कुल भी ध्यान ना दे। वो उन महिलाओं में से थी जो खुद अपना भाग्यविधाता बनने में विश्वास करती हैं। वो अपने घर,परिवार … Read more

होई है वही जो राम रची राखा – डॉ संगीता अग्रवाल   : Moral stories in hindi

“माँ,माँ,मैं भी पढ़ने जाऊंगी भैया की तरह”,नन्ही सोना ने बहुत देर से रट लगा रखी थी। उसकी माँ लक्ष्मी थोड़ी देर सुनती रही फिर उसे डांटते हुए बोली:”कितनी बार कहा है लाली,तू मोड़ी है,और मोड़ियाँ हमारे घर पढ़ती नहीं।तुझे भी मेरी तरह चौका बर्तन ही करना है जिंदगी भर।” सोना को उसकी कोई बात समझ … Read more

देवर जी आप भी अब जोरू के गुलाम बन गये – अर्चना खंडेलवाल   : Moral stories in hindi

रतनी देवी के दो बेटे हैं, जिनमें अभी-अभी बड़े बेटे मनोहर की शादी सुनयना से हुई थी, सुनयना काफी संस्कारी और सुलझे विचारों की थी, उसने आते ही घर गृहस्थी को संभाल लिया था, सुनयना अपने सास-ससुर, पति और देवर भास्कर का बड़ा ही ध्यान रखती थी, सबको आश्चर्य होता था कि कल की आई … Read more

किस्मत के रंग या खुदगर्जी – प्राची अग्रवाल : Moral stories in hindi

छाया अपनी आलीशान गाड़ी में बैठकर मंदिर जा रही थी। गाड़ी से उतर कर वह मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ी। तभी वह मंदिर के पास लगी दुकानों से फूल खरीदने के लिए रुक जाती है। ‘बहन जी पूजा के लिए फूल देना‌’ उसने फूल बेचने वाली साधारण सी महिला से कहा। लेकिन जैसे ही उसकी … Read more

मुझमें संस्कार है पर आप में नहीं ? (भाग 2 ) – सीमा कृष्णा सिंह

अनिल अलका को बहुत प्यार करता है। वो अलका को समझते हुए कहता मां की बातों को दिल पर लो।मै उनसे बात करुंगा। अलका के आ जाने से उसका देवर नविन और उसके ससुर जी बहुत खुश रहते थे। अलका के ससुर जी अलका को बहू कम बेटी सा मान करते हैं। और नवीन तो  … Read more

मुझमें संस्कार है पर आप में नहीं ? (भाग 1 ) – सीमा कृष्णा सिंह

आज सुबह से ही राधा जी अपनी बहू अलका से बहुत नाराज़ हैं। राधा जी के घर में राधा जी की हुकूमत चलती है। उनके पति सिर्फ उनके नाम के पति.है।. राधा जी के दो बेटे हैं बड़ा बेटा अनिल और छोटा बेटा नवीन…। अलका उनके बड़े बेटे अनिल की पत्नी हैं।अलका और अनिल की … Read more

ये घर तुम्हारा भी है – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  वक्त कैसे कैसे दिन दिखाता है… कविता बहुत कुछ कहना चाहती थी पर…. दरवाजे पर निरीह से खड़े माता पिता का हाथ पकड़ अंदर लाते हुए कहा #ये घर तुम्हारा भी है #अपने किए से शर्मिंदा रामलाल जी और शीला जी अपराधी की तरह सिर झुकाए अंदर आ तो गए … Read more

वसीयत – रश्मि सहाय : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  पंकज ड्राइंग रूम के सोफे पर अधलेटे से थे, और सामने पड़े थे कुछ पेपर, और ड्राइंगरूम में ही लगभग समवयस्क उनकी एक बहन और तीन भाई भी मौजूद थे।     बातचीत का एक दौर खत्म हो चुका था, और वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। सभी की आंखों में आज से … Read more

ये घर तुम्हारा भी है – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in hindi

जया घूंघट काढ़े ट्रेन में खिड़की के पास बैठी हुई थी… खिड़की के पास मुंह रखने से ज्यादा घूंघट लेने की जरूरत नहीं हो रही थी…. थोड़े में काम चल रहा था…. तभी नन्हा मिंटू दौड़ता हुआ खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया…” मामी मुझे बैठना खिड़की के पास… हटिए… हटिए…”  वह लिहाज के … Read more

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