ख्वाहिश – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

शादी के  बाद अंकिता जब खाना बनाने के लिए रसोई की तरफ जा रही थी कि तभी उसकी सास अहिल्या बोली “बहु कोई जरूरत नहीं है तुम्हें रसोई में जाने की खाना मैं बना दूंगी तुम अपने कमरे में चलो मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है।” कहीं मुझसे कोई गलती तो नहीं हो गई … Read more

काली रात – सुदर्शन सचदेवा  : Moral Stories in Hindi

शहर की चकाचौंध से दूर, पहाड़ों के बीच बसा एक छोटा कस्बा था। कस्बा दिन में साधारण दिखता, लेकिन रात ढलते ही उसके चारों ओर एक सन्नाटा फैल जाता। लोग कहते थे कि यहाँ की रातें आम रातों जैसी नहीं होतीं, बल्कि काली रातें होती हैं—इतनी गहरी कि अपनी ही परछाई भी डराने लगे। अमित, … Read more

काली रात – अनामिका मिश्रा : Moral Stories in Hindi

रौशनी मध्यम वर्गीय परिवार से थी।माता-पिता और एक छोटा भाई उसके परिवार में थे। रौशनी पढ़ाई के साथ-साथ प्राइवेट जॉब कर रही थी।पिताजी की सरकारी नौकरी थी,उसी में गुजर बसर हो रहा था। मां रौशनी से- “‘इतनी रात को श्वेता ने तुझे अपने घर बुलाया है,और तू जाने को तैयार भी हो गई,उसका घर जानती … Read more

वो काली रात – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

कहाँ खोई हो वसुधा…?कहता हुआ राज उसके पास पहुच गया,पर वसुधा अपनी ही धुन में खोई हुई थी , उसे राज के आने की भनक भी न हुई।तभी राज ने उसके कंधा पर हाथ रखा तो वसुधा की तंद्रा टूटी। क्या हुआ फिर वही सब सोच रही हो?क्यों तुम बार बार एक ही बात को … Read more

धरती पर साक्षात भगवान – प्रतिभा भारद्वाज’प्रभा’ :

 Moral Stories in Hindi रात का समय,सारा शहर नींद के आगोश में, सड़कों पर इस कदर सन्नाटा कि लगता ही नहीं कि यहां कोई रहता भी है, बस थी तो सिर्फ चांद की चांदनी और स्ट्रीट लाइटों की रोशनी  अनु, नयन की पत्नी के अचानक से प्रसूति का दर्द होने लगा था जो कि बढ़ता … Read more

साथ अपनों का – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“घबराने की जरूरत नहीं है, थोड़ी बहुत चोटें आईं है, कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगी…..आप कॉल करके किसी को बुला लीजिए जिससे वह आप दोनों को घर ले जाएंगे….” डॉक्टर भास्कर ने स्मिता और उसके 8 वर्षीय बेटे की पट्टी करके स्मिता से कहा। आज स्मिता अपने बेटे के साथ मार्केट से लौट रही … Read more

भोर – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“…पापा प्लीज हमें छोड़कर मत जाइए…!” ” यह बात अपनी मां से कहो… उसी ने तो मुझे जाने को कहा है… !” “नहीं पापा… प्लीज पापा…!” बोलते हुए दोनों बच्चियां पापा के पैरों में झूल गईं…  धैर्य ने परी और मीरा दोनों को खुद से अलग किया, और अपने कमरे में जाकर अपना जरुरी सामान … Read more

और दूरियाँ मिट गई – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

सूरज की हल्की रोशनी प्राची के कमरे में धीरे-धीरे फैल रही थी। अलार्म की घंटी बजी और 45 साल की प्राची उठ गई। कुछ साल पहले उसके पति गुजर चुके थे, और तब से घर की सारी जिम्मेदारियाँ उसके कंधों पर थीं। बेटी नेहा की परवरिश, घर का खर्च, ऑफिस का काम — सब कुछ … Read more

देवकी – अभिलाषा श्रीवास्तव :

 Moral Stories in Hindi “चाची नहीं छोटी माँ है आप हमारी” कहते हुए किशन अपनी नई नवेली चाची के गोद में बैठ गयें तो दिपा निश्छल प्रेम से देखतीं रहीं अमर सिंह के परिवार में नई बहू के रूप में साक्षात गृहलक्ष्मी आ चुकीं थीं अत:बिना किसी कलेश के दोनों बेटों का परिवार हंसी खुशी … Read more

“और दूरियां मिट गई” – ज्योति आहूजा

सूरज की हल्की रोशनी प्राची के कमरे में धीरे-धीरे फैल रही थी। अलार्म की घंटी बजी और 45 साल की प्राची उठ गई। कुछ साल पहले उसके पति गुजर चुके थे, और तब से घर की सारी जिम्मेदारियाँ उसके कंधों पर थीं। बेटी नेहा की परवरिश, घर का खर्च, ऑफिस का काम — सब कुछ … Read more

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