सिसकती हुई लड़की – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सुबह से लेकर रात तक घर और परिवार के लोगों के बीच चकरघिन्नी बन सारे काम करने के बाद अपराजिता अपने कमरे में आकर बैठ गई। कमरे में बहुत ही ज्यादा उमस थी।पंखा चला कर उसने अपने साड़ी का पल्लू खिसका कर थोड़ा लेट गई। पसीना, थकान से कहीं ज्यादा वह हताश थी अपने ससुराल … Read more

अधिकार – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

बिल्कुल नही ….अमन! ये संभव नहीं। ये शादी नहीं हो सकती, तुमने सोच भी कैसे लिया ,तुमने फैसला कर लिया,आगे बढ़ने से पहले हमें बताते तो सही..! मां मैं आशना से प्यार करता हूं और प्यार क्या मैं आपसे पूछ कर करता ? नही अमन। ये नही होगा,तुम्हें अपना फैसला बदलना होगा। मां फैसला आपको … Read more

पिता की मजबूरी : नैतिक या अनैतिक – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

मनोज के घर पर सभी नई बहू का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मनोज का बारात कल पटना से मिथिलाँचल के एक गाँव मे गया था। कल विवाह था और आज नई बहू को लेकर बारात लौटनी थी। महिलाएं बहू की स्वागत की तैयारी कर के अब इंतजार कर रही थी कि कब बहू … Read more

स्नेह का बंधन – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

आज मीरा का मन बहुत बेचैन था। उसे अपनी माँ की बहुत याद आ रही थी। माँ की फ़ोटो हाथ में लेकर वह सुबक रही थी। कमरे के एक कोने में बैठी हुई अपनी माँ को याद कर रही थी। उसकी माँ उसके बचपन में ही उसे छोड़कर भगवान के पास चली गई थी। उस … Read more

आखिर तिरस्कार कब तक – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

शिवानी अपनी नन्ही सी परी को लेकर रेलवे स्टेशन पर बैठी थी और सोंच रही थी अब क्या करूं कहां जाऊं कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है । मां को फोन करूं, फिर मन से आवाज आई अरे नहीं इतनी रात को फोन सुनकर मां परेशान हो जाएगी।और जिस घर में खुद मां को … Read more

तिरस्कार कब तक – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

************* रवीश घर के दरवाजे की ओर एकटक देख रहा था। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसकी पत्नी भार्गवी और नीलाक्ष उसे अकेला छोड़कर चले गये हैं। पिच्चासी साल की अवस्था वाली अपनी बूढ़ी मॉ को सम्हाले या सेवा निवृत्त के बाद की अपनी जिन्दगी को। आज अनुभव हुआ कि भार्गवी तो … Read more

नज़र बदलो, नजारे बदल जाऐगें – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   “ हैलो, हैलो , कैसी हो दीदी?” मोबाईल पर छोटी बहन शवेता का नाम देखकर मंजुला ने अनमने से होकर फोन उठाया, “ ठीक हूं बहना, जो समय बीत जाए, वो ही अच्छा”।        हर समय खुश रहने वाली और हर पल का आनंद लेने वाली मंजुला दीदी के मुख से ऐसी बात सुनकर शवेता बहुत … Read more

भाग्य – खुशी : Moral Stories in Hindi

रीता जी एक घरेलू महिला थी जिनका सारा वक्त अपने घर को संवारने और साफ रखने में बीतता।हर चीज आइने की तरह चमकती 10 साल पुरानी चीज भी ऐसा लगता कल ही शोरूम से आई है।उनके पति रितेश का स्कूटी और बाइक का शोरूम था। एक बेटी आदर्श और बेटी स्वाति थी।आदर्श ने MBA किया … Read more

आत्म सम्मान – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

रोज-रोज अपने आत्म सम्मान पर चोट सहन करती उर्मिला अपने मन में सोच रही थी कि आख़िर क्यों वह अपने आत्म सम्मान को प्रतिदिन तार-तार होने देती है? क्यों बात-बात पर ताने सुनती है? क्या इस परिवार के लोगों को सम्मान देना सिर्फ़ उसका कर्तव्य है? क्या उनका कर्तव्य कुछ नहीं जो उसे उसके परिवार … Read more

तिरस्कार कब तक – निमीषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे ओ बाबू कहां है रे तूं अरे तुझे मालिक ने बुलाया है। मालिक के घर मेहमान आ रहे हैं। हरीराम साफी को हिलाते हुए घर के अन्दर आते हैं । बापू को देखते ही।”नहीं मै नहीं जाऊंगा मुझे मालिक के घर काम करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता मां”तूं बोल न बापू से मुझे … Read more

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