अनुत्तरित – उमा महाजन :  Moral Stories in Hindi

      पिछले सप्ताह उनके एक पड़ोसी मित्र का सपरिवार हमारे घर पर आना हुआ । इतवार का दिन था,सो वे लोग आराम से बैठ कर गपशप करने के मूड में  आए थे । मैं स्वयं बिजली विभाग में एस.डी.ओ. के पद पर कार्यरत हूँ और वे नगर के एक प्रतिष्ठित सफल व्यापारी हैं।       अलग-अलग कार्य-क्षेेत्रों से … Read more

मां जैसा ना कोई – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

रात के बारह बज चुके थे,सुषमा की आंखे नींद से भारी हो रही थी, लेकिन वो सो नहीं पा रही थी, उसका बेटा गगन बैंगलौर से फ्लाईट से आ रहा था तो जब तक वो बेटे को देख न ले , उसे नींद आती ही नहीं थी।ये रोज की बात थी, गगन किसी बहुत अच्छी … Read more

जाति – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

क्या आप जानते हैं कि जैसे इंसानों में ऊंची जाती, पिछड़ी जाति, दलिल आदि जातियां होती है उसी तरह जानवरों में भी जातियां होती हैं? नहीं जानते? तो सुनो, इंसानों की जातियां भगवान ने नहीं बल्कि हम इंसानों ने ही बनाई है। शास्त्रों में जातियों का उल्लेख अवश्य है पर उनके साथ ऊंच नीच का … Read more

साजिश – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

एक साज़िश के तहत अजय को फंसाया गया था।वो अपनी सफाई में लड़ते – लड़ते हार चुका था क्योंकि कोई भी मानने को तैयार ही नहीं था कि अजय ने कुछ नहीं किया था। अजय जिस आफिस में काम करता था वहां चमचों का ही बोलबाला था। इमानदार होना ही उसके लिए मुसीबत बन गई … Read more

मां की ममता – अमिता कुचया :  Moral Stories in Hindi

आज तीन बजे दिशा खाना खा पाई थी, अब उसका समय ज्यादा अहाना के हिसाब से चल रहा था। जब वो खेले, या सोए तब   ही उसका काम होता था।  वह किचन समेट कर सोने ही गयी थी, तो आज उसे गहरी नींद लग गयी, अहाना उसकी तीन महीने की बेटी है, इधर जब … Read more

  अध्याय-1 :  भैरोगंज रेलवे स्टेशन – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रात के दो बज रहे थें। कोहरे ने दूर-दूर तक अपना आतंक फैला रखा था। हाड़-माँस को कपा देने वाली सर्द हवायें बेकाबु हो यहाँ-वहाँ भटक रही थीं। इन सब से अन्जान, बेखबर कोई भैरोगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 01 पर खुद को एक पतले से साँल में समेटने की नाकाम कोशिश कर रहा … Read more

जब तुम मां बनोगी तो पता चलेगा – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 मेरे हाथों में तेल का कटोरा देखते ही सखी मुझसे कहने लगी ! दादी मैं तो अभी बालों में तेल नहीं लगाऊंगी! यूं तेल लगाकर कॉलेज जाने से मेरी सारी सहेलियां मुझ पर हंसती है ! जिस दिन घर पर रहूंगी तो मैं आपसे जरूर लगवा लूंगी कहकर वो कॉलेज के लिए निकल पड़ी!   सखी … Read more

जब तुम माँ बनोगी, तब पता चलेगा – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi 

सुनीता एक महीने से, अपने घर पर ही, रह रही थी, उसकी मम्मी परेशान थीं, कि अब बेटी का इतने दिनों तक मायके में रहना उचित नहीं है। वो चाहती थीं कि उसे अब अपने घर चले जाना चाहिए किन्तु कह भी नहीं पा रहीं थीं ,कहीं बेटी को बुरा न लगे ,कि अब ये … Read more

वो काली रात – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

कहाँ खोई हो वसुधा…?कहता हुआ राज उसके पास पहुच गया,पर वसुधा तो अपनी ही धुन में खोई हुई थी , उसे राज के आने की भनक भी न हुई।तभी राज ने उसके कंधा पर हाथ रखा तो वसुधा की तंद्रा टूटी। क्या हुआ फिर वही सब सोच रही हो?क्यों तुम बार बार एक ही बात … Read more

काली रात – अनामिका मिश्रा : Moral Stories in Hindi

रौशनी मध्यम वर्गीय परिवार से थी।माता-पिता और एक छोटा भाई उसके परिवार में थे। रौशनी पढ़ाई के साथ-साथ प्राइवेट जॉब कर रही थी।पिताजी की सरकारी नौकरी थी,उसी में गुजर बसर हो रहा था। मां रौशनी से- “‘इतनी रात को श्वेता ने तुझे अपने घर बुलाया है,और तू जाने को तैयार भी हो गई,उसका घर जानती … Read more

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