तृप्ति – अनु नेवटिया : Moral Stories in Hindi
___ निर्मला जी आज घर पर अकेली थीं, बेटा, बहु और पोता- पोती सब बाहर खाने गए थे। जाना तो उन्हें भी था, पर उनकी तबियत कुछ ठीक नहीं थी, और आज कई महीनों के बाद ये प्लान बना था तो जाना कैंसिल करके वो बच्चों को उदास नहीं करना चाहती थी, इसलिए उन्होंने सबको … Read more