जीत महत्वाकांक्षा की – डॉ प्रिया गुप्ता : Moral Stories in Hindi
मां…… मां…. ! मैं आ गई। कहते हुए वामिका पसीने से लथपथ घर में घुसी। मां दौड़ते हुए दरवाजे की तरफ भागी।अरे बेटा कहां थी?मैं तो बहुत चिंतित हो रही थी। वामिका ने कहा टैक्सी नहीं मिल रही थी। इसीलिए आने में देर हो गई। मां बोली…चल जल्दी अंदर चल और पानी पी ले। वामिका … Read more