जब तुम माँ बनोगी तब पता चलेगा – के कामेश्वरी :  Moral Stories in Hindi

सुचित्रा खाना बना रही थी कि फोन की घंटी बजी …… पति कृष्णमूर्ति सब्ज़ियाँ लाने के लिए बाज़ार गए हुए थे …….. इसलिए उसने ही फ़ोन उठाया …….. अभी हेलो कहा भी नहीं था कि बेटी सुधा ने कहा …… माँ मुझे आप से अर्जेंट काम आ गया है ……. दो दिन के लिए मेरे … Read more

 काली रात – हेमलता गुप्ता :  Moral Stories in Hindi

जितना उस काली रात को मुग्धा भूलना चाहती थी उतनी ही उसे तड़पाती!  उस काली रात को मरते दम तक नहीं भूल सकती! कितने खुश थे मुग्धा और रजत! नौकरी के सिलसिले में परिवार से दूर रहते थे, शादी को 4 साल हो गए थे किंतु अभी तक बच्चों का सुख उन्हें नसीब नहीं हुआ … Read more

बहनों का आपसी प्यार – अमिता कुचया :  Moral Stories in Hindi

रीमा जी खाने पीने की बहुत शौकीन थी, उन्हें कुकिंग का बहुत शौक था। जब से शुगर और ब्लडप्रेशर के साथ घुटने की समस्या हुई, वो खाने पर नियंत्रण रखने लगी। उनकी छोटी बहन सीमा आती तो वो सब भूल जाती है, उन्हें उससे इतना लगाव है कि उन्हें लगता था कि क्या- क्या बना … Read more

काली रात – डाॅ संजु झा :  Moral Stories in Hindi

आज भी कभी-कभी सीमा उस काली रात को याद कर सहम -सी जाती है।उस काली रात की परछाई उसे सपने में आज भी डरा जाती है।पल भर के लिए वह काली रात उसके मन-मस्तिष्क को जकड़ लेती है ,मानो उसकी सारी चेतना को अंधकार से ढॅंककर अपने आगोश में कैद कर लेती है। उससे छूटने … Read more

जब तुम मां बनोगी तब पता चलेगा – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

“मां जी आप इनके पीछे बच्चों जैसी पड़ी रहती हैं। हद्द हो जाती है कभी – कभी तो की बेटा ऑफिस से देर से आए तो गेट के पच्चीस चक्कर लगा डालती हैं। वैसे तो कहतीं हैं की आपके घुटने में दर्द है।जब तक ख़ाना नहीं खाते आप कुछ नहीं खातीं है। छोटे बच्चे हैं … Read more

गरीब कौन – लक्ष्मी त्यागी :  Moral Stories in Hindi

रुपाली के फोन की घंटी बजी, वो अभी अपने घरेलू कार्यों में व्यस्त थी। न जाने किसका फोन आ गया ?सोचकर वह अपने फोन को देखती है। फोन उसकी मम्मी का था ,नंबर देखकर वो परेशान हो गयी ,अब न जाने क्या बात हो गयी ? मम्मी से कितनी बार कहा है ?अब आपकी उम्र … Read more

काली रात – तृप्ति सिंह :  Moral Stories in Hindi

गाँव के उस सिरे पर, जहाँ पीपल का एक बूढ़ा पेड़ खड़ा था, वहीं मिट्टी की टूटी झोपड़ी में सावित्री अपने दो बच्चों के साथ रहती थी। दिन भर खेतों में दूसरों की मजदूरी करना और रात को बच्चों को आधे पेट खिला कर सुला देना ही उसकी दिनचर्या बन चुकी थी। पति रमेश शहर … Read more

मिल गयी हुनर को नई पहचान – अर्चना सिंह :  Moral Stories in Hindi

सोनिया ने अपनी ननद रम्भा से फोन पर कहा…”दीदी ! मम्मी जी दिन भर घर पर बोर होती रहती हैं, क्यों न उनके कला और शौक को बढ़ावा देने और उनका समय अच्छे से व्यतीत कराने के लिए कोई आर्ट गैलरी या आर्ट कॉर्नर खोल दें ? उनका मन लगा रहेगा । अपने पास हैदराबाद … Read more

जेठ जी की इतनी औकात कहां -स्वाती जैंन :  Moral Stories in Hindi

भाभी , यहां हर महिने का खर्चा कैसे चलता हैं ?? मेरा मतलब हैं हर महिने बिजली बिल , किराने का बिल कौन भरता हैं ?? देवरानी अंकिता अपनी जेठानी मेघा से बोली !! मेघा को अंकिता की यह बात सुनकर थोडी हैरानी हुई क्योंकि अभी अंकिता को शादी किए सिर्फ दस दिन हुए थे … Read more

कर्जदार – अर्चना नयन :  Moral Stories in Hindi

“मम्मी, मम्मी पता है आज स्कूल में क्या हुआ?”     चार साल की पंखुड़ी स्कूल से आते ही अपनी मां अनामिका को जब तक पूरी खबर ना वहां की बता दे चैन नहीं पड़ता उसे। आज तो कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड लग रही थी पंखुड़ी। “बेटा पहले हाथ पैर धो लो ड्रेस चेंज कर लो फिर … Read more

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