तिरस्कार कब तक – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi
जैसे ही कप उठाते हुए, छवि का पांव मयंक के पांव से टकराया कप छलक कर ट्रे में गिर गया तो मयंक दोस्तों के बीच(जिसमें दो महिला मित्र भी थी) लगभग चिल्लाते हुए बोला..दिखाई नहीं देता.. अंधी हो क्या…मूर्ख …कहां से पल्ले पड़ गई ?? सबके बीच मयंक को यूं चिल्लाते देख ..जी सॉरी, सॉरी … Read more